हँसी उड़े संविधान की

संसद में मचता गदर, है चिंतन की बात। हँसी उड़े संविधान की, जनता पर आघात।। भाषा पर संयम नहीं, मर्यादा से दूर। संविधान को कर रहे, सांसद चकनाचूर।। दागी संसद…

घर-आँगन खुशबू बसी, महका मेरा प्यार !

घर-आँगन खुशबू बसी, महका मेरा प्यार ! पाकर तुझको है परी, सपन हुआ साकार !! ●●● मंजिल कोसो दूर थी ,मैं राही अनजान ! पता राह का दे गई,तेरी इक…

ठंड हुई पुरजोर

  लगे ठिठुरने गात सब, निकले कम्बल शाल। सिकुड़ रहे हैं ठंड से, हाल हुआ बेहाल।। बाहर मत निकलो कहे, बहुत ठंड है आज। कान पके सुनते हुए, दादी की…

वोट वाला श्रमिक !

टनल में फसा व्यक्ति भी श्रमिक था, बाहर निकलने वाला व्यक्ति भी श्रमिक है.. मैला ढोने वाला व्यक्ति भी श्रमिक था, गाली खाने वाला व्यक्ति भी श्रमिक है.. भवन बनाने…

धरती है बेहाल

सौरभ विष की बेल से, धरती है बेहाल। मुरझाई-सी तुलसियाँ, नागफनी खुशहाल॥ बीज-सिंचाई, उर्वरक, मंडी-सेठ-दलाल। लूटे सभी किसान को, चलते शातिर चाल॥ खाद-बीज औ उर्वरक, होते महँगे रोज। कैसे बोये…

दुख अतीक के मारे जाने का नहीं है …

दुख अतीक के मारे जाने का नहीं है दुख तो इस बात का है कि हमारी होनहार सरकार, जनता को बेवकूफ बनाने का सही तरीका भी न ढूंढ पाई … वाह री…

हारा-थका किसान

डॉ. सत्यवान ‘सौरभ’ बजते घुंघरू बैल के, मानो गाये गीत । चप्पा-चप्पा खिल उठे, पा हलधर की प्रीत ।। देता पानी खेत को, जागे सारी रात । चुनकर कांटे बांटता,…

राम नाम की दक्षिणा

डॉ. सत्यवान सौरभ सहकर पीड़ा आदमी, हो जाता है धाम । राम गए वनवास को, लौटे तो श्रीराम ।। रात हलाला नेक है, उठते नहीं सवाल । राम नाम की…

फीका-फीका फाग

●●●●●●● बदले-बदले रंग है, फीका-फीका फाग ! ढपली भी गाने लगी, अब तो बदले राग !! ●●●●●●● फागुन बैठा देखता, खाली हैं चौपाल ! उतरे-उतरे रंग है, फीके सभी गुलाल…

यह हिंदुस्तान हमारा है

बृजमोहन योगी   मारे डर के छिप गए चूहे, ज़ब भगत सिंह ने हुँकारा है ।। हिंदुस्तान हमारा है, यह हिंदुस्तान हमारा है ll वीर शिवाजी की धरती. जहाँ रानी-झाँसी बाला…