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  • ऑस्टेलियन संसद के पास नहीं बनेगी रूस की ऐंबैसी कानून पारित !

    ऑस्टेलियन संसद के पास नहीं बनेगी रूस की ऐंबैसी कानून पारित !

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    जासूसी के शक में रूस को ऑस्ट्रेलिया ने अपनी संसद के पास ऐंबैसी बनाने से रोक दिया है। संसद में इस मामले को लेकर कानून भी पारित कर दिया गया।

    रूस का ऑस्ट्रेलिया को जवाब….

    प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) ने कहा की उनके देश की सुरक्षा एजेंसी की सलाह पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया हैं। साथ ही उससे सम्बंधित जमीन पर रूस (Russia) की लीज को खत्म कर दिया गया हैं। रूस (Russia) की ऐंबैसी को लेकर पारित कानून के खिलाफ ,रूस के क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा- ” ऑस्ट्रेलिया लगातार पश्चिमी देशों के कहने पर चल रहा है जो रूस के खिलाफ दुष्प्रचार करते हैं और नफरत फैलाते हैं ” खबरों की माने तो रूसी डिप्लोमैट्स इस के खिलाफ लीगल एडवाइस लेने का बात कर रहे है , नए कानून का असर रूस की मौजूदा ऐंबैसी पर नहीं पड़ेगा , और जो जमीन लीज पर दी गयी थी उसके बदले उनको फाइनेंशियल कॉम्पेंसेशन (Financially Compstition) मिल जायेगा ,

    Australian PM Anthony Albanese
    Australian PM Anthony Albanese

    ऑस्ट्रेलिया (Australia) ने इस कानून को पारित करने में सिर्फ और सिर्फ 5 min लगे , ऑस्ट्रेलिया विपक्ष के नेता पीटर डट्टन (Peter Dutton) ने कहा कि हम रूस की तरफ से खतरे को देखते हुए एकजुट हैं , हम ये बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई दूसरा देश हमारी जासूसी करे या हमारी सुरक्षा में खतरा बने। हम किसी को भी देश की चुनाव प्रक्रिया में दखलअंदाजी नहीं करने देंगे।

    क्या हैं जमीन मामला ?

    दरअसल 2008 मे मॉस्को ने कैनबरा में संसद भवन से सिर्फ 400 मीटर की दूरी पर जमीन को लीज पर लिया था। तब से ही यहां पर ऐंबैसी का निर्माण जारी हैं। फिर इसका काम बहुत धीरे-धीरे चल रहा था,16 महीने पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से ऑस्ट्रेलिया NATO देशो के साथ मिलकर यूक्रेन की मदद कर रहा हैं चाहे वो मिलिट्री हार्डवेयर, हथियार और बाकी जरूरी सामान यूक्रेन को मुहैय्या करना हो। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया यूक्रेन (Ukraine) के जवानों को ट्रेनिंग भी देता आया हैं। वही रूस ऑस्ट्रेलिया पर आरोप लगा रहा हैं की वह अपनी छवि पश्चिमी देशो के सामने सुधारना चाहता हैं,और खुद को उनका साथी घोषित करना चाहता हैं ! उसने NATO और अमेरिका के साथ मिलकर कई बार रूस के कदमों का विरोध जताया है।