Tag: the minutes of my speech are being broadcast in a wrong way

  • ओवैसी का आरोप,  मेरे भाषण के माइनो को गलत तरीको से प्रसारित किया जा रहा है

    ओवैसी का आरोप, मेरे भाषण के माइनो को गलत तरीको से प्रसारित किया जा रहा है

    लखनऊ| ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को कहा की उनके भाषण के एक क्लिप को विवाद पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है |

    उन्होंने जो भाषण दिया वह हरिद्वार में तीन दिवसीय ‘धर्म संसद’ के दौरान अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ कथित भड़काऊ और सांप्रदायिक बयानों के संदर्भ में था।

    ओवैसी ने कहा, “कानपुर में मेरे द्वारा दिए गए 45 मिनट के भाषण से एक मिनट का एक क्लिप्ड वीडियो प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने अपना पूरा भाषण ट्विटर पर साझा किया है। उन्होंने कहा की मेरे भाषण का संदर्भ बिल्कुल स्पष्ट है। मैं उन पुलिस वालों के बारे में बात कर रहा था जो 80 साल के बूढ़े व्यक्ति को प्रताड़ित करते हैं। मैं उन पुलिस वालों की बात कर रहा था जो भीड़ द्वारा एक रिक्शा चालक को उसकी बेटी के सामने पिटते हुए चुपचाप देख रहे थे। साथ ही, एक ऐसे आदमी पर पुलिस वाले लाठी बरसा रहे थे जो अपने बच्चे को गोद में लिए हुआ था।”

    उन्होंने यह भी कहा की, “मैंने कहा था कि हम इन पुलिस अत्याचारों को याद रखेंगे। क्या यह आपत्तिजनक है? यह याद रखना आपत्तिजनक क्यों है कि पुलिस ने यूपी में मुसलमानों के साथ कैसा व्यवहार किया है? हम उस उत्पीड़न को नहीं भूल सकते जो अनस, सुलेमान, आसिफ, फैसल, अल्ताफ, अखलाक, कासिम और अन्य सैकड़ों लोगों के साथ हुआ है।”

    ओवैसी ने स्पष्ट किया, “मैंने ना तो हिंसा को उकसाया या धमकी दी, मैंने पुलिस अत्याचारों के बारे में बात की।”

    हरिद्वार में असदुद्दीन ओवैसी अपने भाषण में जिस कार्यक्रम का जिक्र कर रहे थे, उसमें कई हिंदू धार्मिक नेताओं ने भाग लिया, जिन्होंने कथित तौर पर समुदाय से मुसलमानों के खिलाफ हथियार उठाने का आह्वान किया क्योंकि उन्होंने एक ‘हिंदू राष्ट्र’ का आह्वान किया था।

    तीन दिवसीय धार्मिक सभा का आयोजन यति नरसिंहानंद द्वारा किया गया था, जो एक विवादास्पद हिंदुत्व व्यक्ति हैं, जिन्हें सांप्रदायिक बयान देने के लिए जाना जाता है।

    यति नरसिंहानंद ने कथित तौर पर कहा कि “हिंदू ब्रिगेड को बड़े और बेहतर हथियारों से लैस करना मुसलमानों के खतरे के खिलाफ ‘समाधान’ होगा।