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  • यूपी में अखिलेश का साथ मिलने से क्या सुधरी कांग्रेस की स्थिति?

    यूपी में अखिलेश का साथ मिलने से क्या सुधरी कांग्रेस की स्थिति?

    लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में आखिरकार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो गया है| जिसकी दो दिन पहले अलग होनें की बाते हो रही थी वही यूपी में 80 सीटों को लेकर हुई डील के तहत कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी| सपा 63 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी| सपा अपने कोटे से कुछ छोटे दलों को भी सीटें दे सकती है| चलिए ये तो रही सपा और कांग्रेस में सुलहा की बात लेकिन 26 दलों को साथ लेकर चलने का वादा करने वाला ये गठबंधन कितना सफल है|

    क्यों खोखला नजर आ रहा है I.N.D.I.A?

    2023 जुलाई के महिनें में विपक्षियों कि एकता वाला एक गठबंधन बना| जिसका नाम बंगलूरू में हुई बैठक में विपक्षी दलों के महागठबंधन में रखा गया INDIA यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस, ये नाम रखने के पीछे कांग्रेस का यूपीए की छवि को दोबारा बनाने का तरीका माना गया, जिस पर भाजपा ने अक्सर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए| वही बात करें इस गठबंधन के मौजूदा हालात कि तो वो कुछ ही महिने में कमजोर नजर आया यानि जिस दावे और एनडीए सरकार को टक्कर देने के लिए बना जिसमें कई सारी बातें कि गई, दावे किए गए, एकता और भी बहुत कुछ लेकिन ये गठबंधन तो कुछ ही महिने में बिखरता नजर आ रहा है| जी हां इस गठबंधन में 26 विपक्षी दलों ने भाजपा नीत एनडीए को चुनौती देने के लिए शुरू किया लेकिन अभी ये गठबंधन खुद ही टूटता नजर आ रहा है|

    क्यों बना इंडिया ब्लॉक?

    जब मोदी लहर से देश 60 साल पुराने नेताओ के घोटाले उजागर होने लगे और वो जेल जाने लगे तो मोदी को रोकने या कहे टक्कर देनें के लिए ये गठबंधन बना अब ये बन तो गया पर ये 7 महीने में पैदा होने वाले बच्चे की तरह है वो सांस लेगा या नहीं इसका कोई पता नहीं है| क्योकि इस गठबंधन की हालिया स्तिथि देखे तो वो जो तस्वीर कुछ महिनें पहले नजर आयी थी इस गठबंधन की अब वो पूरी तरह से धुंधली नजर आ रही है क्योकि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदिक आ रहा है वैसे-वैसे एकता बुनियाद पर बना ये गठबंधन पूरी तरह खोखला नजर आ रहा है|

    नीतीश कुमार ने दिया झटका

    बात इस गठबंधन की करें तो शुरुआत नीतीश कुमार से करते हैं इंडिया गठबंधन अपनी शुरुआत के छह महीने बाद ही बिखरता नज़र आ रहा है| इस दिशा में सबसे ताजा झटका क्षेत्रीय नेता नीतीश कुमार हैं जिन्होंने बिहार में राजद को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है| नीतीश कुमार ने अब से मात्र 18 महीने पहले अपनी पार्टी के साथ बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए से किनारा किया था| अब बीजेपी नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के साथ मिलकर बिहार की चालीस लोकसभा सीटों को जीतने की कोशिश करेगी| भारत की राजनीति में दलबदल कोई नयी बात नहीं है| लेकिन नीतीश कुमार की ओर से मिले इस झटके ने कई लोगों को हिलाकर रख दिया है| क्योंकि उन्हें एक वक़्त इंडिया गठबंधन के पीएम उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था|

    केजरीवाल और ममता ने भी किया किनारा

    बात नीतीश पर ही खत्म नहीं होती गठबंधन से जुड़े दो अन्य दलों आम आदमी पार्टी और टीएमसी के नेता अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी ने भी ‘इंडिया गठबंधन’ से किनारा कर लिया और इस बात को दूसरे शब्दों में कहें तो पंजाब और पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे की संभावना नहीं है| इस गठबंधन में ये सब एक ऐसे वक़्त हो रहा है जब मोदी बेहद मजबूत स्थिति में नज़र आ रहे हैं.बीजेपी ने दिसंबर में ही छत्तीसगढ़, राजस्थान, और मध्य प्रदेश जैसे अहम हिंदी भाषी राज्यों के विधानसभा चुनावों में धमाकेदार अंदाज़ में जीत दर्ज की है| इसके बाद जनवरी में नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन करके आगामी चुनाव के लिए एक तरह से बिगुल फूंक दिया|

    जयंद चौधरी ने भी गठबंधन को कहा अलविदा

    लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राष्ट्रीय लोक दल का एनडीए गठबंधन में शामिल होना तय हो चुका है| 10 दिन पहले पार्टी के अध्यक्ष जयंद चौधरी ने खुद इसकी पुष्टि की थी| इससे पहले भी उन्होंने बीजेपी के साथ जाने के कई संकेत दिए थे| हालांकि, अब तक बीजेपी की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है|

    अखिलेश यादव के लिए कितना काम आएगा PDA

    अखिलेश यादव ने चुनाव में NDA को हराने के लिए PDA का फॉर्मूला दिया था| अब आप में से कुछ लोग सोच रहे होंगे PDA क्या है तो PDA यानी पिछड़ा वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक. समाजवादी पार्टी ने लोकसभा उम्मीदवारों की लिस्ट में ‘PDA’ पर दांव लगाया है| सपा की उम्मीदवारों की लिस्ट में OBC, दलित और मुस्लिम प्रत्याशी शामिल है| वहीं, पीएम मोदी कई मौकों पर चार जातियों की बात कर चुके हैं| जातिगत राजनीति को लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि उनके लिए 4 जातियां अहम हैं-नारी शक्ति, युवा शक्ति, किसान और गरीब परिवार| ऐसे में सवाल ये है कि यूपी में कांग्रेस का साथ पाने के बाद अखिलेश यादव का PDA पीएम मोदी की 4 जातियों के आगे कितना टिक पाएगा?

    अभी देश भर में इंडिया गठबंधन की क्या स्तिथि चल रही है वो हमनें आपको इस लेख के माध्यम से समझानें की कोशिश की यानि कुल मिलाकर देखा जाए तो पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण के जिन राज्यों के दम पर विपक्षी गठबंधन सत्तारूढ़ NDA और बीजेपी की आर्म ट्विस्टिंग की तैयारी में था, वहां वो खुद ही गिरते नजर आ रहे हैं| उत्तर प्रदेश में भी अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल इंडिया गठबंधन से छिटकते हुए दिखाई दे रहा है| अखिलेश यादव तो पहले से ही सीटों को लेकर कांग्रेस से मोल-भाव का खेल, खेल ही रहे हैं| वहीं आम आदमी पार्टी से भी पंजाब और दिल्ली में गठबंधन को लेकर कांग्रेस के क्षेत्रीय नेता नाखुश हैं| यानी इंडिया गठबंधन के साथ फिलहाल तो सब कुछ सही सा नहीं दिख रहा है और ऐसा तब है जब चुनाव में बस चंद दिनों का ही वक्त बाकी है|

    लेखन : शिवानी मांगवानी

  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के आगे झुकी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार

    आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के आगे झुकी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार

    हर महीने 3000 रुपए ज़्यादा देने का ऐलान
    दिल्ली सरकार द्वारा मानदेय बढ़ाने के बाद प्रदर्शनकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी हड़ताल समाप्त करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि यह सिर्फ जुमला है

    द न्यूज 15 
    नई दिल्ली । अरविंद केजरीवाल की सरकार ने दिल्ली में सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मासिक मानदेय और भत्ते में वृद्धि करने का ऐलान किया है। बता दें कि मुख्यमंत्री आवास के पास चल रही इन कार्यकर्ताओं की हड़ताल को 25 दिन से अधिक हो चुके हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार की तरफ से आंगनवाड़ी वर्कर की सैलरी मानदेय 9678 रुपये से 12720 रुपये और हेल्पर के मानदेय 4839 रुपये से बढ़ाकर 6810 रुपये किया है।
    बढ़ती महंगाई के चलते यह फैसला लिया: इसको लेकर केजरीवाल सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने मीडिया को बताया कि आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर को सबसे अधिक मानदेय देने के मामले दिल्ली इकलौता प्रदेश है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बढ़ती महंगाई के चलते यह फैसला लिया है। गौरतलब है कि दिल्ली में अभी तक आंगनवाड़ी वर्कर का मानदेय 9,678 रुपए और हेल्पर का मानदेय 4,839 रुपए था।
    मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कार्यकर्ताओं और सहायकों से अपने काम पर लौटने की अपील की है। दिल्ली सरकार ने 2017 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय ₹5,000 से बढ़ाकर ₹9,678 और आंगनवाड़ी सहायिकाओं का मानदेय ₹2,500 से बढ़ाकर ₹4,839 कर दिया।
    केजरीवाल सरकार का यह जुमला: हालांकि केजरीवाल सरकार के इस फैसले के बाद भी प्रदर्शनकारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी हड़ताल समाप्त करने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार ने वर्कर हेल्पर की सैलरी में मामूली वेतन वृद्धि की है। यह इजाफा केजरीवाल सरकार का केवल एक जुमला है। हड़ताल जारी रहेगी: कार्यकर्ताओं ने महीने के अंत तक इस मामले का हल नहीं होने पर “बड़े विरोध” की धमकी दी है। उनका कहना है कि जबतक सरकार उनकी सभी मांगों पर पॉइंट टू पॉइंट बात नहीं करती है तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।
  • चुनाव के बाद पंजाब में भाजपा और अकाली दलों का बड़ा खेल

    चुनाव के बाद पंजाब में भाजपा और अकाली दलों का बड़ा खेल

    द न्यूज़ 15
    पंजाब | विधानसभा चुनाव (Punjab Elections 2022) के लिए वोटिंग संपन्न हो चुकी है। परिणाम तो 10 मार्च को आएंगे, लेकिन उससे पहले आकलनों का दौर चल पड़ा है। चुनावी पंडितों ने पंजाब में किसी भी एक दल को बहुमत नहीं होने की बात भी कही है। ऐसे में रिजल्ट के बाद के संभावनाओं को लेकर कोशिशें शुरू हो चुकी हैं।
    पंटर्स पंजाब में अगली सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के पक्ष में हैं। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संभावित गठबंधन को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
    ‘दैनिक ट्रिब्यून’ के मुताबिक, शिरोमणि अकाली दल और भाजपा दोनों के नेताओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि शिअद, बसपा, भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस के बीच गठबंधन सरकार बनने की प्रबल संभावना है। लेकिन ऐसा होने के लिए पार्टियों संभवतः अकाली दल को कम से कम 40 सीटें लेनी होंगी। यह कुछ प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में वोट स्विंग करने के बाद भाजपा-पीएलसी और अकालियों के बीच “समझौता” की मीडिया रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में आता है।
    अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरचरण बैंस ने कहा कि अकाली दल राज्य की बेहतरी और राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने के लिए गठबंधन सरकार के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “भाजपा के साथ हमारी एकमात्र समस्या कृषि कानूनों को लेकर थी, जिन्हें वापस ले लिया गया है। अकाली दल के सिख-हिंदू एकता के प्रतिनिधि होने के कारण कुछ पार्टियों के साथ हमारा स्वाभाविक गठबंधन है।”
    भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने भी चुनाव के बाद संभावित गठबंधन का संकेत देते हुए कहा कि विभाजनकारी ताकतों को दूर रखना महत्वपूर्ण है। जब यह याद दिलाया गया कि भाजपा नेता और कार्यकर्ता इस तर्क पर अकालियों के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं कि पार्टी राज्य में कभी अपने दम पर खड़ी नहीं होगी, तो वरिष्ठ नेता ने कहा कि विपक्ष चुनाव पूर्व गठबंधन के लिए था, चुनाव के बाद के गठबंधन के लिए नहीं।
    प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने अकाली दल पर बीजेपी की पीठ में छुरा घोंपने और विभिन्न सरकारों में बीजेपी को डिप्टी सीएम का पद नहीं देने को लेकर हमला बोला था।हालांकि मोदी अकालियों के जन्मदिन या अन्य अवसरों पर फोन पर बात करके अकालियों के साथ संचार चैनल खुला रखते हैं। अकाली दल भी प्रचार के दौरान मोदी की आलोचना पर प्रतिक्रिया के दौरान किसी भी तरह से भाजपा की आलोचना करने से बाज नहीं आया था।
    सूत्रों ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं और सिख धर्मगुरुओं के बीच हुई बैठकों ने दोनों पूर्व सहयोगियों के बीच बर्फ़ को तोड़ दिया। राधा स्वामी सत्संग ब्यास भी दोनों के बीच एक सेतु है। हाल ही में अमित शाह समेत बीजेपी के नेताओं ने इसका दौरा किया था।
    इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी डेरा प्रमुख से मुलाकात की थी। डेरा प्रमुख के परिवार का संबंध शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से है। इसके अलावा, मदन मोहन मित्तल और अनिल जोशी सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अब अकाली दल में हैं।

  • केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, दिल्ली में नहीं होगा पडोसी राज्यों का प्लास्टिक कचरा

    केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, दिल्ली में नहीं होगा पडोसी राज्यों का प्लास्टिक कचरा

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा देशभर में 1 जुलाई से एकल उपयोग प्लास्टिक पर पाबंदी की अधिसूचना जारी की जा चुकी है।
    अब दिल्ली को पड़ोसी राज्यों का प्लास्टिक कचरा प्रदूषित नहीं करेगा। प्राकृतिक तरीके से नष्ट नहीं होने के चलते प्लास्टिक कचरे को पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक माना जाता है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने अन्य राज्यों से प्लास्टिक कचरा लाने पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है। प्लास्टिक कचरे को निगम के टोल बूथों पर ही रोकने की योजना है।
    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नोटिस के बाद अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने भी इस संबंध में सार्वजनिक सूचना निकाली है। इसमें जहां एकल उपयोग प्लास्टिक का निर्माण करने वाले उद्यमी, स्टाकिस्ट, वितरक, दुकानदार आदि को 30 जून तक इसे बंद करने को कहा गया है, वहीं पड़ोसी राज्यों से आने वाले प्लास्टिक कचरे पर भी पाबंदी की घोषणा की गई है।
    DPCC की ओर से दिल्ली नगर निगम को पत्र भेजा जाएगा, जिससे दिल्ली में प्रवेश करते समय टोल बूथ पर ही प्लास्टिक कचरा लाने वाले वाहनों को रोका जा सके।

    दिल्ली के खासतौर पर बवाना, मुंडका और बादली जैसे इलाकों में प्लास्टिक रिसाइकिल का काम बड़े पैमाने पर होता है। यहां प्लास्टिक को रिसाइकिल करने के लिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी लाया जाता है। ऐसे में अगर प्लास्टिक कचरे के लाने पर पाबंदी लगाई जाती है तो यहां रिसाइकिलिंग उद्योग ठप पड़ जाएगा।

    DPCC के मुताबिक पर्यावरण को होने वाले नुकसान को देखते हुए इसका फैसला लिया गया है। क्योंकि, रिसाइकिलिंग उद्योग के लिए बहुत सारा प्लास्टिक कचरा आ जाता है। इसमें से छांटने के बाद प्लास्टिक कचरे का एक हिस्सा बाहर छोड़ दिया जाता है, जिसे बाद में जला दिया जाता है। इसके चलते सेहत को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदूषक कण हवा में घुल-मिल जाते हैं और लोगों को बीमार करते हैं।

    DPCC ने आम लोगों को भी एकल उपयोग प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया है। खासतौर पर धार्मिक और अन्य समारोहों में इस प्रकार के प्लास्टिक के इस्तेमाल और उन्हें आग लगाने से बचने को कहा गया है। खासतौर पर जाड़े के समय प्लास्टिक कचरा जलाने के चलते हर साल ही लोगों को ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ता है।

  •  कुमार विश्वास के खालिस्तान समर्थक बयान का भी चुनावी लाभ उठा सकते हैं केजरीवाल! 

     कुमार विश्वास के खालिस्तान समर्थक बयान का भी चुनावी लाभ उठा सकते हैं केजरीवाल! 

    चरण सिंह राजपूत
    पने पुराने राजनीतिक साथी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनावी मौसम में कवि कुमार विश्वास ने खालिस्तान के मुद्दे पर पूरी तरह घेर लिया है। अरविंद केजरीवाल की खालिस्तान के मुख्यमंत्री बनने की लालसा का खुलासा करते हुए जब कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल को अलगाववाद से जोड़ा है। हालांकि आप प्रवक्ता राघव चढ्ढा ने कुमार विश्वास पर इतने साल तक चुप क्यों रहे कहकर मामले को हल्का करने कर प्रयास किया है पर पंजाब चुनाव की वजह से मामले ने तूल पकड़ लिया है। केजरीवाल ने अपने को स्वीट आतंकवादी बताया है। इन सबके बीच कुमार विश्वास ने अरविंद केजरीवाल को खास्लितान का समर्थन न करने की बात करने का खुला चैलेंज कर दिया है। अरविंद केजरीवाल कुमार विश्वास के इस बयान में ऐसे घिरे हैं कि उन्हें कुछ सूझ नहीं रहा है। कुमार विश्वास का आरोप है कि केजरीवाल के पास खालिस्तानी समर्थक आते रहते थे। बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी समर्थकों की ओर से चंदा भी मिलता रहा है। अब जब पंजाब में केजरीवाल सरकार बनाने का सपना देख रहे हैं तो ऐसे में उनका नाम खालिस्तान से जोड़ने पर उनकी दिक्क़तें बढ़ने की बात की जा रही है। इस मामले में यह बात भी समझने की जरुरत है कि पंजाब में बड़े स्तर पर खालिस्तान समर्थक हैं। कुमार विश्वास के अरविन्द केजरीवाल का नाम  खालिस्तान से जोड़ने पर भले ही केजरीवाल की व्यक्तिगत छवि खराब हो जाये पर पंजाब चुनाव में उन्हें राजनीतिक फायदा भी हो सकता है। यदि कुमार विश्वास की बात में दम है तो उनके इस बयान से केजरीवाल को पंजाब में राजनीतिक नुकसान नहीं बल्कि लाभ मिलने की उम्मीद है। यदि केजरीवाल खालिस्तान बनने और उसका प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते रहे हैं तो पंजाब में उनके बड़े समर्थक हैं। वैसे भी 2014 के लोकसभा चुनाव में भले ही दिल्ली से सभी सीटें आम आदमी पार्टी हार गई थी पर पंजाब ने एक दो नहीं बल्कि पांच सांसद केजरीवाल को दिए थे। जगजाहिर है कि  पंजाब में एक बड़ा तबका खालिस्तान का समर्थक है। इसी तबके के लिए कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू भी अनाप-शनाप बयान देते रहते हैं। कुमार विश्वास को यह समझना होगा कि दिल्ली में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही भाजपा के दूसरे नेता और उनके समर्थक केजरीवाल को नक्सली बताते रहे हैं पर केजरीवाल को विधानसभा चुनाव में हरा नहीं पा रहे हैं। देश में जो राजनीति चल रही है उसमें केजरीवाल खूब फायदा उठा रहे हैं। वे जितने भी विवादित होते हैं उतना ही फायदा उन्हें होता है। केजरीवाल देश का वह नेता है जिसने जिन मुद्द्दों दूसरी पार्टियों को घेरा वे उन मुद्दों में उनसे भी आगे निकल गए। केजरीवाल ने राजनीति में राजनेताओं को यह बताया है कि शातिराना में वह सबसे आगे हैं। राजनीतिक लाभ के लिए वह भी भाजपा की तरह कुछ भी कर सकते हैं।

    दरअसल कुमार विश्‍वास समय समय पर केजरीवाल को आइना दिखाते रहते हैं। पंजाब चुनाव बढ़चढ़ बोल रहे केजरीवाल पर कुमार विश्वास लगातार हमला बोल रह हैं। इस बार उन्‍होंने  केजरीवाल को खुला चैलेंज किया है कि वह यह बोलकर दिखाएं कि वे खालिस्तानियों के ख‍िलाफ हैं। दरअसल एक इंटरव्यू में कुमार विश्‍वास ने कहा क‍ि मैं आम आदमी पार्टी का फाउंडर, संस्थापक रहा हूं और देश को तोड़ने वाली किसी भी चीज के ख‍िलाफ खून की आख‍िरी बूंद तक लड़ूंगा।

    उन्‍होंने केजरीवाल को लेकर कहा क‍ि उन्‍हें यह कहने में क्‍या दिक्‍कत क‍ि वे खालिस्तान के खिलाफ हैं। कुमार विश्‍वास ने कहा, ‘आखिरी बात जो कहना चाहता हूं। मैं आपके माध्यम से उसको चुनौती देता हूं।  कुमार के बयान के बाद अरविंद केजरीवाल ने कुमार विश्वास पर आरोप लगाया है कि कुमार ने उन्हें आतंकवादी कहा  है, आपने कभी इतना स्वीट आतंकवादी देखा है जो जनता के लिए काम करता है, अस्पताल बनवाता है, लोगों को फ्री बिजली देता है, लोगों की सेवा करता है। उस कवि का शुक्रिया जिसने इस स्वीट आतंकी को पकड़ लिया है। अगर मैं आतंकी हूं तो मुझ पर कार्रवाई करो ना…आज तक कोई ऐसा आतंकवादी पैदा ही नहीं हुआ। केजरीवाल ने कुमार के बयान को निराधार और बेबुनियाद बताया है। केजरीवाल हालात को अपने पक्ष में करने के माहिर माने जाते हैं। केजरीवाल में बाकायदा दिल्ली में कुमार विश्वास के खिलाफ बड़ा अभियान चलवा दिया है। दिल्ली में तीर्थ यात्रा पर भेजे गए बुजुर्ग केजरीवाल को आतंकी बोलने वालों को ही आतंकी बताते दिखाई दे रहे हैं। दिल्ली में लोग केजरीवाल की तारीफ कर कुमार विश्वास पर निशाना साध रहे हैं। कुमार विश्वास को खालिस्तानी समर्थकों की धमकियां भी मिलने की बात सामने आ रही है। कुमार विश्वास को जेड प्लस सिक्योरिटी मिल गई है।

    दरअसल आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की तिकड़ी है। आम आदमी पार्टी से पहले इन तीनों का परिवर्तन नाम का एक एनजीओ हुआ करता था। अन्ना आंदोलन को भुनाकर आम आदमी पार्टी बनाने वाली इस तिकड़ी ने पार्टी में किसी बड़े नेता को टिकने नहीं दिया। चाहे देश और विदेश से पार्टी के लिए फंडिंग जुटाने वाले प्रशांत कुमार हों, पार्टी का संविधान लिखने वाले योगेंद्र यादव हों, कवि कुमार विश्वास हो, पत्रकार साजिया इल्मी हो, प्रो. आनंद कुमार हों, सोशल एक्टिविस्ट मेधा पाटेकर हों या फिर आंदोलन में ही स्वामी अग्निवेश हों। इस तिकड़ी ने एक से बढ़कर एक धुरंधर को टिकाने लगा दिया।
  • “Smart Classroom”, देंगी दिल्ली के सरकारी स्कूलों और स्टूडेंट्स को ‘नई उड़ान’? 

    “Smart Classroom”, देंगी दिल्ली के सरकारी स्कूलों और स्टूडेंट्स को ‘नई उड़ान’? 

    दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया 12,430 नए स्‍मार्ट क्‍लास रूम का उद्घाटन 

    किया। इस कार्यक्रम के दौरान मनीष सिशोदिया और अन्‍य दिल्‍ली सरकार के मंत्री व नेता मौजूद रहे

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह फोटो शेयर करते हुए कहा कि बाबा साहब भीम राव अंबेडकर का सपना दिल्ली में सच हो रहा है। अब यहां अफ़सर और मज़दूर के बच्चे एक ही डेस्क पर एक साथ बैठ कर पढ़ते हैं।
    आप सरकार ने दिल्ली के सरकारी स्‍कूलों को बड़ा तोहफा दिया है। दिल्‍ली की शिक्षा को नई दिशा देने के लिए यहां पर 12,430 स्‍मार्ट क्‍लासरूम (Delhi New Smart Classrooms) की शुरूआत की गई है। इन क्‍लास रूम में कई आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। यह सुविधा दिल्‍ली के 246 सरकारी स्‍कूलों (Delhi Government Schools) में शुरू किया जाएगा। हालाकि भविष्‍य की दिल्‍ली सरकार की योजना है कि इन क्‍लास रूमों को आगे 20 हजार से अधिक किया जाएगा। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को 12,430 नए स्‍मार्ट क्‍लास रूम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान उन्‍होंने कहा कि इन क्‍लासरूमों से शिक्षा को एक नई दिशा मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि उनकी सरकार ने देश की राजधानी में शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को ज्‍यादा महत्‍व दिया है।
    क्‍या है स्‍मार्ट क्‍लासरूम : दिल्‍ली सरकार की शिक्षा को अच्‍छा करने के लिए यह एक अच्‍छा पहल माना जा रहा है। इससे सरकारी स्‍कूलों की शिक्षा को और महत्‍व मिलेगा। यह एक ऐसा क्‍लास होगा, जिसमें आधुनिक सुविधाओं दी जाएंगी। इसमें डिजिटल बोर्ड, बड़े टेबल, ऑनलाइन क्‍लासेस और इनडोर गेम जैसी चीजें शामिल हैं। इन क्लासेस के तैयार होने से एरिया बढ़ जाएगा और सुविधाओं के बढ़ने से इस सेशन से ज्यादा छात्रों को स्कूल में दाखिला मिल पाएगा। स्मार्टक्लासरूम के अलावा यहां नई तरह की मेजें, लेटेस्ट लैब्स, बड़ी लाइब्रेरी आदि की भी सुविधाएं दी जाएगी।
    स्मार्ट क्लासरूम की सुविधा और खासियत : दिल्ली सरकार के इन स्मार्ट क्लासरूमों में प्रोजेक्टर और डिजिटल बोर्ड जैसी सुविधांए दी जाएंगी। साथ ही ऑनलाइन क्‍लास की भी सुविधा दी जाएगी। इसके अलावा इन क्‍लासरूमों में सभी अत्‍याधुनिक चीजें उपलब्‍ध कराई जाएंगी। साथ ही नई स्कूल इमारतों में डिजाइनर डेस्क, अत्याधुनिक लेबोरेटरी, मॉडर्न सुविधाओं वाले स्टाफ रूम दिया जाएगा। इसके अलावा कार्यक्रमों के लिए बड़े हॉल बनाए जाएंगे। इसके अलावा कई और सुविधाएं दी जाती है।
    क्‍या है केजरीवाल सरकार का प्‍लान : दिल्ली की केजरीवाल सरकार की भविष्‍य में ऐसे ही कई ओर स्‍मार्ट क्‍लासरूम बनाने की है। इससे शिक्षा को और अधिक बढ़ावा मिलेगा और राज्‍य की शिक्षा व्‍यवस्‍था सुधरेगी। दिल्‍ली सरकार का दावा है कि उनकी सरकार ने शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य को अधिक बढ़ावा दिया है और आगे भी देगी।
  • मैं सबसे स्वीट आतंकवादी, PM मोदी को भी लगता है डर, कुमार विश्वास के दावे पर बोले केजरीवाल

    मैं सबसे स्वीट आतंकवादी, PM मोदी को भी लगता है डर, कुमार विश्वास के दावे पर बोले केजरीवाल

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। कुमार विश्वास की टिप्पणी के बाद से खुद पर हो रहे हमलों का जवाब अरविंद केजरीवाल ने अपने ही अंदाज में दिया है। उन्होंने कहा कि मुझ पर जो आरोप लगाए गए हैं, वह एक बड़ी कॉमेडी है। अरविंद केजरीवाल ने खुद को दुनिया का सबसे स्वीट आतंकवादी बताया, जो जनता के लिए अस्पताल बनवाने, सड़कों का निर्माण कराने जैसे काम करता है। अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘शायद मैं दुनिया का सबसे स्वीट आतंकी हूं, जिसने अस्पताल बनवाए और लोगों के पीने के पानी, सड़कों आदि पर काम किए। सबसे पहले राहुल गांधी ने मेरे ऊपर ये आरोप लगाए और फिर प्रधानमंत्री ने भी वही भाषा मेरे खिलाफ इस्तेमाल की।’
    मोदी पर कसा तंज, PM भी करने लगे हैं राहुल गांधी जैसी बात : अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोग कहते थे कि राहुल गांधी की बात पर कोई विश्वास नहीं करता है, लेकिन आज प्रधानमंत्री मोदी भी उनके जैसी बात करेंगे, यह सोचा नहीं था। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये सारे लोग इकट्ठे हो गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी, प्रियंका गांधी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, चन्नी और सिद्धू सब मेरे खिलाफ एकजुट हैं। ये लोग कह रहे हैं कि 10 सालों से अरविंद केजरीवाल कह रहा है कि हम देश के दो टुकड़े करेंगे और उनमें से एक का प्रधानमंत्री मैं बन जाऊंगा। यह क्या है, यह तो एक कॉमेडी है। इसका मतलब तो मैं बहुत बड़ा आतंकी हो गया। फिर इनकी सुरक्षा एजेंसियां कर रही थीं। तीन सालों से तो पंजाब में कांग्रेस है और 7 साल से केंद्र सरकार में भाजपा है।
    ‘कवि ने एक कविता सुनाई और सबको आतंकी का पता चल गया’ : दिल्ली के सीएम ने कहा कि दिल्ली पुलिस से मेरे घर और दफ्तर तक पर रेड डलवाई गई और उन्हें कुछ नहीं मिला। लेकिन 7 साल बाद एक कवि ने एक कविता सुनाई और तब सबको पता लगा कि देश में एक इतना बड़ा आतंकवादी पल रहा है। देश में आखिर यह चल क्या रहा है। क्या इस तरह से देश की सुरक्षा को डील क्या जाता है। मैं समझता हूं कि आतंकवादी दो तरह के होते हैं, जो जनता में खौफ फैलाते हैं। एक आतंकवादी वह होता है, जो भ्रष्टाचारियों में खौफ फैलाते हैं। इस तरह इन लोगों को मुझसे खौफ है तो मैं इन लोगों के लिए आतंकवादी हूं।
  • कुमार विश्वास को मिलेगी सुरक्षा? केजरीवाल पर खालिस्तानी दावे के बाद होम मिनिस्ट्री कर रही विचार

    कुमार विश्वास को मिलेगी सुरक्षा? केजरीवाल पर खालिस्तानी दावे के बाद होम मिनिस्ट्री कर रही विचार

    द न्यूज 15 

    नई दिल्ली। कवि कुमार विश्वास को केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षा मुहैया कराई जा सकती है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर कुमार विश्वास ने अलगाववाद के आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि अरविंद केजरीवाल ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि वह पंजाब के सीएम बनेंगे या फिर खालिस्तान के प्रधानमंत्री बन जाएंगे। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है और कुमार विश्वास की सुरक्षा को खतरे की भी आशंका जताई जा रही है। यही वजह है कि होम मिनिस्ट्री अब कुमार विश्वास की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है।
    बुधवार को ही कुमार विश्वास ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल ने उनसे 2017 में अलगाववादी संगठनों से दूरी बनाने की सलाह पर कहा था कि वह पंजाब के सीएम बनेंगे या फिर खालिस्तान के पीएम बन जाएंगे। उनके इस विवाद से सनसनी फैल गई। भाजपा ने उनके इस वीडियो को शेयर किया तो वहीं पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मामले की जांच तक की मांग कर दी है। वहीं आम आदमी पार्टी ने कुमार विश्वास पर पलटवार करते हुए कहा कि आखिर अब तक वह चुप क्यों थे। पंजाब के आप प्रभारी राघव चड्ढा ने कहा कि यह एक प्रोपेगेंडा है, जो चुनाव से ठीक पहले फैलाया जा रहा है।
    इस पूरे मामले में खालिस्तान का जिक्र होने के चलते सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। यही वजह है कि कुमार विश्वास की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है और जरूरत पड़ने पर उसमें इजाफा किया जा सकता है। बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है और 20 फरवरी को मतदान किया जाना है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भाजपा, अकाली दल, बीएसपी और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी लोक पंजाब कांग्रेस मुख्य़ दावेदार हैं।
  • बोले CM- पंजाब में UP-बिहार के “भैया” को न घुसने दें, केजरीवाल का पलटवार- यूपी की प्रियंका भी “भइया” हैं

    बोले CM- पंजाब में UP-बिहार के “भैया” को न घुसने दें, केजरीवाल का पलटवार- यूपी की प्रियंका भी “भइया” हैं

    मनोज तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि हर पूर्वांचली पंजाब को अपने दिल में बसा के रखते हैं। बिहार में गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली है। लेकिन आपकी छोटी सोच से सवाल उठता है कि यूपी में प्रियंका दीदी आपकी कैसे प्रचार करेंगी? कैसे वोट मांगेंगी?”

    द न्यूज 15 

    चंडीगढ़ । पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का एक बयान काफी चर्चा में है। बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें चन्नी कहते दिखाई दे रहे हैं कि यूपी, बिहार के भैया को पंजाब में प्रवेश न करने दें। अहम बात यह है कि इस टिप्पणी के दौरान वीडियो में चन्नी के बगल में खड़ी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मुस्कुराते और तालियां बजाते दिख रही हैं।
    दरअसल पंजाब प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि पंजाब पंजाबियों का है। यहां कोई नई राजनीति नहीं मिलेगी। यहां बाहर से आने वालों को पंजाबियत सिखाइए। इसके बाद चन्नी ने माइक लेकर कहा कि यूपी, बिहार, और दिल्ली के भैया आकर यहां राज नहीं कर सकते। यूपी के भईयों को पंजाब में फटकने नहीं देना है।
    बता दें कि चन्नी के इतना कहने बाद सामने खड़े लोगों ने जो बोले सो निहाल का नारा लगाया। इस दौरान प्रियंका गांधी हंसती रहीं और खुद भी नारे लगाना शुरू कर देती हैं। इसको लेकर अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवालने पलटवार किया है।
    केजरीवाल ने कहा यह बहुत ही शर्मनाक है। हम किसी व्यक्ति या किसी विशेष समुदाय के खिलाफ की गई टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते हैं। प्रियंका गांधी भी यूपी से ताल्लुक रखती हैं इसलिए वह भी ‘भैया’ हैं।
    वहीं दिल्ली भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने चन्नी की टिप्पणी को लेकर एक वीडियो जारी करते हुए कहा, “चन्नी जी आपने जिस अभद्र भाषा का प्रयोग किया है। उसकी मैं निंदा करता हूं। मेरे साथ पंजाब के भी लोग, देश के लोग भी निंदा करेंगे। पंजाब संतो, गुरुओं की धरती है। पंजाबी अपने दिल में भाईचारा रखते हैं। हर पूर्वांचली पंजाब को अपने दिल में बसा के रखते हैं। बिहार में गुरु गोविंद सिंह की जन्मस्थली है। लेकिन आपकी छोटी सोच से सवाल उठता है कि यूपी में प्रियंका दीदी आपकी कैसे प्रचार करेंगी? कैसे वोट मांगेंगी?”
    मनोज तिवारी ने कहा कि यह कांग्रेस की मुगलों वाली नीति है कि फूट डालो और राज करो। मैं आ रहा हूं पंजाब, हर घर जाऊंगा। अपनी बौखलाहट के चलते आप यूपी, बिहार और दिल्ली के लोगों को गाली नहीं दे सकते।
  • कभी केजरीवाल ने मुझसे कहा था, या तो मैं पंजाब का सीएम बनूंगा या खालिस्तान का पहला पीएम, कुमार विश्वास का दावा

    कभी केजरीवाल ने मुझसे कहा था, या तो मैं पंजाब का सीएम बनूंगा या खालिस्तान का पहला पीएम, कुमार विश्वास का दावा

    कभी अरविंद केजरीवाल के साथी रहे कुमार विश्वास ने अब उन पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। कुमार विश्वास ने दावा किया है कि केजरीवाल को अलगाववादियों की मदद लेने में भी कोई गुरेज नहीं है

    द न्यूज 15 
    चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच, आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas ) ने AAP के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कुमार विश्वास ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पंजाब में अलगाववादियों के समर्थक थे। कुमार विश्वास ने कहा, “एक दिन, उन्होंने मुझसे कहा कि वह या तो (पंजाब के) मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के पहले पीएम होंगे।” कुमार विश्वास ने कहा, “अरविंद केजरीवाल को यह समझना चाहिए कि पंजाब एक राज्य नहीं एक भावना है। पंजाबियत एक भावना है पूरी दुनिया में।” कुमार विश्वास ने आगे कहा, “एक ऐसा आदमी जिसने मुझसे ये तक कहा था जब मैंने उससे कहा कि जो अलगाववादी और खालिस्तानी संगठनों से जुड़े हुए लोग हैं, उनका साथ मत लें। तो उन्होंने कहा था कि नहीं-नहीं, हो जाएगा चिंता मत करो।” आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ने कहा, “जब मैंने कहा कि कैसे सीएम बनेंगे वो, तो उसका फॉर्मूला बताया कि ऐसे-ऐसे भगवंत मान और फुल्का को लड़वा दूंगा और मैं पहुंच जाऊंगा।”
    उन्होंने दावा किया कि अरविंद केजरीवाल आज भी उसी रास्ते पर हैं। कुमार विश्वास ने कहा, “नहीं भी है तो कठपुतली बिठा लेंगे वो और कुछ काम कर लेंगे। उन्होंने मुझे ऐसी भयानक बातें बोलीं कि जो पंजाब में सबको पता हैं। तू चिंता मत कर, एक दिन मैं तो स्वतंत्र सूबे का मुख्यमंत्री बनूंगा।”
    कवि कुमार विश्वास आगे कहते हैं, “मैंने कहा कि ये अलगाववाद, 2020 का रेफरेंडम आ रहा है, पूरी दुनिया फंडिंग कर रही है। तो कहता है कि तो क्‍या हो गया..स्‍वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा।” विश्वास ने कहा कि इस आदमी की सोच में इतना ज्‍यादा अलगाववाद है कि बस किसी तरह सत्‍ता मिल जाए। इसके पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, “कांग्रेस का कोई नेता आपको कभी किसी आतंकवादी के घर नहीं दिखाई देगा। ‘झाड़ू’ का सबसे बड़ा नेता एक आतंकी के घर पर पाया जा सकता है, यही सच्चाई है।’