Tag: Akhilesh Yadav will do the work of digging a grave for SP in alliance with AAP!

  • आप से गठबंधन कर सपा के लिए कब्र खोदने का काम करेंगे अखिलेश यादव!

    आप से गठबंधन कर सपा के लिए कब्र खोदने का काम करेंगे अखिलेश यादव!

    सी.एस. राजपूत 

    खनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से आप सांसद संजय सिंह के मिलने के बाद अब आप से सपा के गठबंधन की चर्चा तेज हो गई है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि उत्तर प्रदेश में आप से गठबंधन सपा के लिए लाभ का सौदा साबित होगा या नुकसान का। आप की कार्यप्रणाली और उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण देखकर तो ऐसा नहीं लग रहा है। दरअसल उत्तर प्रदेश में आप से गठबंधन कर सपा वह गलती करेगी जो दिल्ली में कांग्रेस ने केजरीवाल की सरकार बनवाकर की थी।

    आप का सपा से गठबंधन होने पर आप द्वारा सपा के मुस्लिम वोटबैंक में ऐसे सेंध लगाने का अंदेशा है जैसे कि दिल्ली में कांग्रेस के वोटबैंक में लगाई है। वैसे भी सपा के मुस्लिम बोटबैंक  पर आप की नजर है। उत्तर प्रदेश में बसपा के कमजोर होने पर आप यूपी में पैर पसारने की फ़िराक में है। वैसे भी पुराने सोशलिस्ट आप को कॉर्पोरेट संस्कृति की पार्टी मानते हैं। सोशलिस्ट पार्टी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष प्रेम सिंह ने संभावित इस गठबंधन पर कहा है कि यदि यह गठबंधन होता है तो उत्तर प्रदेश में थोड़ी बहुत जो समता मूलक समाज बनाने के लिए काम होने की उम्मीद है वह भी खत्म हो जाएगी।

    हाल के दिनों में अखिलेश यादव के आप से गठबंधन करने की बात पर प्रेम सिंह ने कहा कि एनजीओ से निकली पार्टी आप से गठबंधन करके अखिलेश यादव आखिर क्या साबित करना चाह रहे हैं। दरअसल अन्ना आंदोलन से निकली पार्टी आप ने जितना नुकसान आंदोलनों को पहुंचाया है उतना नुकसान तो कार्पोरेट घरानों ने भी नहीं पहुंचाया। गत सालों में मूल्यों पर आधारित राजनीति करने का दावा करने वाली आप ने सत्ता के लिए दूसरी पार्टियों से भी घटिया राजनीति की है। यदि आप उत्तर प्रदेश में पैर पसारती है तो सबसे अधिक नुकसान सपा को ही पहुंचने का अंदेशा है।

    आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब में कांग्रेस को कचरा बता रहे हैं तो कल उत्तर प्रदेश में खड़े होकर सपा को बताने लगेंगे। वैसे भी उत्तर प्रदेश में आप का कोई खास वजूद नहीं है और पार्टी उत्तर प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का दम्भ भर रही है। भले ही इस गठबंधन से आप को फायदा हो जाये पर सपा को कोई फायद होता तो फ़िलहाल नहीं दिखाई दे रहा है। आज के हालात पर जाएं तो जो गलती अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन करके की थी, वही गलती इन विधानसभा चुनाव में आप से करके करेंगे।

    दरअसल आप सांसद संजय सिंह ने लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात की है। इस मुलाकात के साथ ही यूपी के सियासी गलियारों में रालोद के बाद अब  आम आदमी पार्टी के साथ सपा के गठबंधन की सम्‍भावनाओं को लेकर चर्चाएं हैं। लखनऊ स्थित लोहिया ट्रस्‍ट के दफ्तर में हुई इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत होने की बात निकल कर सामने आ रही है।

    गौरतलब है कि मिशन-2022 की तैयारियों जुटे अखिलेश यादव इस बार बड़ी पार्टियों की जगह छोटे दलों से गठबंधन पर जोर दे रहे हैं। कल ही राष्‍ट्रीय लोकदल को 36 सीटें देकर उन्‍होंने गठबंधन किया है।  इसके अलावा पूर्वांचल ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा से भी सपा का गठबंधन हो चुका है।

    आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह हाल में सपा के संस्‍थापक और पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जन्‍मदिन समारोह में जब शामिल हुए थे तब भी अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात हुई थी। इतना ही नहीं दो महीने पहले भी संजय सिंह की अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी। अखिलेश यादव के लिए यह भी बड़ी चुनौती है कि अधिक सीटें सहयोगी दलों के खाते में जाने से सपा के संभावित उम्मीदवारों और उनके समर्थकों के बिदकने की आशंका है।