बावन वसंत पार

राजेश बैरागी जिंदगी की जद्दोजहद ऐसी रही कि बावन कोस चलने का पता ही नहीं चला। जीवन पथ चाहे जितना सीधा हो, उसपर चलने का परिश्रम तो करना ही पड़ता…