क्या सचमुच सिमट रही है दामन की प्रतिष्ठा?

समय के साथ परिधान और समाज की सोच में बदलाव आया है। पहले “दामन” केवल वस्त्र का टुकड़ा नहीं, बल्कि मर्यादा और संस्कृति का प्रतीक माना जाता था। पारंपरिक वस्त्रों—साड़ी,…

सौगात – ए – मोदी या हिंद ?

डॉ. सुरेश खैरनार हर बार की तरह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को रमजान के मौके पर नरेंद्र मोदी जी ने सौगात मतलब भेंट में शायद हजार पांच सौ रुपये का…

Senseless Justice : बार-बार समाज को झकझोरते सवेंदनहीन, अमानवीय फैसले

क्या हमारी न्याय प्रणाली यौन अपराधों के मामलों में और अधिक संवेदनशील हो सकती है? या फिर ऐसे सवेंदनहीन, अमानवीय फैसले बार-बार समाज को झकझोरते रहेंगे? यह मामला न्यायपालिका की…

कहिए श्रीमान क्या हाल है

मैं सत्यदेव त्रिपाठी बोल रहा हूं। जब कभी सत्यदेव जी का टेलीफोन आता था तो इसी वाक्य से बात शुरू शुरू करते थे। 7 दिन पहले 19 मार्च 2025 को…

लालू ने वक्फ संसोधन बिल पर कर दिया खेल, कमाल करेगा एमवाई समीकरण!

चरण सिंह  वक्फ संसोधन बिल पर सियासत गरमा गई है। दिल्ली से लेकर पटना तक माहौल गरम है। क्योंकि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं तो वहां ज्यादा…

ये नेता तो आज़ादी की लड़ाई को भी जाति और धर्म में बांट देते ?

चरण सिंह  ये क्या हो गया है इन नेताओं को ? समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन आखिर कहना क्या चाह रहे हैं ? आखिर इस बेतुकी बात कहने की…

साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित थे भगत सिंह

अरुण श्रीवास्तव अपनी मौत से चंद कदम की दूरी पर खड़ा व्यक्ति जब ये कहें कि, ‘रुको अभी एक क्रांतिकारी दूसरे क्रांतिकारी से बातें कर रहा है’। ये पंक्तियां शहीदे…

दुनिया पर अमिट छाप छोड़ने वाले बिहार के पिछड़ने पर हो मंथन!

चरण सिंह   बिहार दिवस पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत तमाम नेताओं ने बधाई दी। कितने लोगों ने बिहार की गौरव गाथा के बारे में बताया। इसमें भी दो राय नहीं कि…

आमने-सामने दो भारत : कौन किसके साथ

प्रेम सिंह (यह विस्तृत लेख सितंबर 2010 में लिखा गया था और ‘युवा संवाद’ के अक्तूबर 2010 अंक में प्रकाशित हुआ था। लेख देश में नवउदारवाद के 20 साल पूरा…

“शादी के बाद करियर: उड़ान या उलझन?”

परिवारों को यह समझना होगा कि शादी का मतलब महिलाओं के करियर का अंत नहीं होता। पुरुषों को घर और बच्चों की जिम्मेदारी में बराबर भागीदारी निभानी चाहिए। कंपनियों को…