सौरभ सच ये बात
(कुंडलियां) लिखने लायक है नहीं, राजनीति के हाल। कुर्सी पर काबिज हुए, गुंडे-चोर, दलाल॥ गुंडे-चोर, दलाल, करते है नित उत्पात। झूठ-लूट से करे, जनता के भीतर घात॥ सौरभ सच ये…
काँटों पर नित चलो
अगर चाहो तुम सूरज बनना, बनकर के दीप जलो। गर खिलना है फूलों-सा, काँटों पर नित चलो॥ जीवन के इस सफ़र में, न जाने कितने मोड़ मिलेंगे। पग-पग मुश्किल रस्ता…
चेहरे है सब क्यों मुरझाए
अब कौन बताए? अब कौन बताए। क्यों फैले दहशतगर्दी के साये, अब कौन बताए॥ कभी होकर देश पर कुर्बान, जो अमर हुए थे, सपूत वही आज क्यों घबराये, अब कौन…
मेरे मामा बड़े निराले
मामा मेरे बड़े निराले। थोड़े गोरे, थोड़े काले।। मुझमें दिखता उन्हें छुहारा, मुंह उनका है ज्यों गुब्बारा। कहते मुझको गरम मसाला, लेकिन खुद हैं गड़बड़झाला। तरह-तरह के तोते पाले। मेरे…
कब गीता ने ये कहा, बोली कहाँ कुरान
●●● जातिवाद और धर्म का, ये कैसा है दौर । जय भारत,जय हिन्द में, गूँज रहा कुछ और ।। ●●● कब गीता ने ये कहा, बोली कहाँ कुरान । करो…
कर मानव से प्यार
कर मानव विचार। मानव रूप है ईश्वर का, कर मानव से प्यार॥ जग में कुछ नहीं तेरा, फिर क्यों ये तेरा मेरा। आखिर सांसे खोल छोड़ेगी, छूट जाएगा ये बसेरा॥…
ठंड हुई पुरजोर
लगे ठिठुरने गात सब, निकले कम्बल शाल। सिकुड़ रहे हैं ठंड से, हाल हुआ बेहाल।। बाहर मत निकलो कहे, बहुत ठंड है आज। कान पकते सुनते हुए, दादी की आवाज।।…
बाल दिवस विशेष : बने संतान आदर्श हमारी
डॉ. सत्यवान ‘सौरभ’ की बाल कवितायेँ बने संतान आदर्श हमारी, वो बातें सिखला दूँ मैं। सोच रहा हूँ जो बच्चा आये, उसका रूप, गुण सुना दूँ मैं।। बाल घुंघराले,…
आओ मेरे श्याम
प्रियंका ‘सौरभ’ महाभारत हो रहा फिर से अविराम। आओ मेरे कृष्णा, आओ मेरे श्याम॥ शकुनि चालें चल रहा है, पाण्डुपुत्रों को छल रहा है। अधर्म की बढ़ती ज्वाला में, संसार…
समय सिंधु
समय सिंधु में क्या पता, डूबे; उतरे पार। छोटी-सी ये ज़िंदगी, तिनके-सी लाचार॥ ★★★ सुबह हँसी, दुपहर तपी, लगती साँझ उदास। आते-आते रात तक, टूट चली हर श्वास॥ पिंजड़े के…