कांग्रेस पार्टी के सांसद संतोख सिंह चौधरी का भारत जोड़ो यात्रा के दौरान शनिवार सुबह निधन हो गया। संतोख सिंह ७६ साल के थे। संतोख सिंह जालंधर से सांसद थे। वे अपने पीछे अपनी पत्नी कमरजीत सिंह कौर और अपने बेटे विक्रमजीत सिंह को छोड़ गये। कमरजीत सिंह जालंधर स्पोर्ट्स कॉलेज की प्रिंसिपल रह चुकी हैं, जबकि उनके बेटे विक्रमजीत सिंह फिल्लौर से वर्तमान विधायक हैं।
पांच बार चुनाव जीते संतोख सिंह
संतोख सिंह जालंधर से लगातार दो बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। वह साल 2014 और साल 2019 में जालंधर से चुनाव जीत चुके हैं। इसके अलावा वह पांच बार 1992, 1997, 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं। इन पांच चुनाव में से वह तीन बार जीते और साल 1992 व साल 2002 में कांग्रेस की सरकार में मंत्री भी बनाए गए।
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में संतोख सिंह चौधरी ने अपने प्रतिद्ंद्वी शिरोमणि अकाली दल के चरणजीत सिंह अटवाल को 19.491 वोटों से मात दी थी। साल 2091 में संतोख सिंह चौधरी को 3,8,712 वोट मिले थे। साल 2019 में संतोख सिंह चौधरी को 3,85,712 वोट मिले थे।
यह कुल वोट शेयर का 37.85 फीसदी था
सियासत में रसूख रखता है परिवार
संतोख सिंह सियासत में रसूख रखने वाले परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता मास्टर गुरबंत सिंह पंजाब के कृषि मंत्री रह चुके हंै, जबकि उनके भाई जगजीत सिंह भी राज्य सरकार में मंत्री पद संभाल चुके हैं। इसके अलावा उनके बेटे विक्रमजीत सिंह भी विधायक हैं। मास्टर गुरबंत सिंह का परिवार अब तक कुल 16 बार पंजाब विधानसभा में पहुंच चुका है। खुद मास्टर गुरबंत सिंह 7 बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने आखिरी चुनाव 1972 में जीता। यह चुनाव वह निर्विरोध जीते थे। संतोख सिंह के भाई जगजीत भी पांच बार विधायक रह चुके हैं। खुद संतोख सिंह तीन बार विधायक रह चुके है। खुद संतोख सिंह तीन बार विधायक रह चुके हैं, जबकि उनका बेटा इस बार पहली बार विधायक चुना गया है।