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  • इस साल पुलिस कम्प्लेंट्स नहीं प्रेम पत्र ज्यादा चाइये : कंगना

    इस साल पुलिस कम्प्लेंट्स नहीं प्रेम पत्र ज्यादा चाइये : कंगना

    द न्यूज़ 15

    मुंबई | अभिनेत्री कंगना रनौत ने 2022 को लेकर अपनी महत्वकांशाओं को लेकर कहा | कि इस साल उन्हें पुलिस एफआईआर कम और प्रेम पत्र ज्यादा चाहिए।

    अपने मन की बात कहने के लिए जानी जाने वाली अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर तिरुपति बालाजी के बहुत करीब एक मंदिर में प्रार्थना करते हुए तस्वीरें साझा की।

    कंगना ने कैप्शन दिया, “दुनिया में केवल एक राहु केतु मंदिर है। यह तिरुपति बालाजी के बहुत करीब है, वहां कुछ अनुष्ठान किए। पांच मौलिक लिंगों में से, वायु (वायु तत्व) लिंडा भी यहां एक उल्लेखनीय स्थान है।”

    उन्होंने आगे कहा, “मैं अपने प्यारे दुश्मनों की दया के लिए वहां गई थी, इस साल मुझे पोलिस शिकायते काम और प्रेम पत्र ज्यादा चाहिए। जय राहु केतु जी की।”

    वर्कफ्रंट की बात करें तो कंगना अपनी अगली फिल्म ‘धाकड़’ के लिए तैयार हैं, जो एक एक्शन थ्रिलर है और यह 8 अप्रैल, 2022 को रिलीज होने वाली थी। लेकिन अब इसे आगे बढ़ाकर मई 2022 कर दिया गया है।

    उनके पास ‘तेजस’ भी है। फिल्म एक साहसी महिला पायलट के इर्द-गिर्द घूमती कहनी है और यह इस बात पर आधारित है कि कैसे महिला पायलट हमारे देश को बाहरी ताकतों से सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह देश के वीर जवानों के लिए श्रद्धांजलि है।

  • अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने लिए कंगना का पक्ष |thenews15

    अभिनेत्री तमन्ना भाटिया ने लिए कंगना का पक्ष |thenews15

    फिल्म मणिकर्णिका कंगना रनौत स्टारर फिल्म है जिसको लेकर लगातार विवाद खड़े हुए। फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी को कंगना रनौत और क्रिश ने मिलकर डायरेक्ट किया था. एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि उन्होंने मूवी का 70% डायरेक्शन किया है. ये जानकर क्रिश भड़क गए और उन्होंने कंगना रनौत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया..खबरों की माने तो मणिकर्णिका से कंगना ने डायरेक्शन के फील्ड में कदम रखा है. क्रेडिट की इस लड़ाई में कई बॉलीवुड सेलेब्स कंगना के सपोर्ट में आए तो कईयों ने क्रिश का समर्थन भी किया ..फिलहाल कंगना रनौत और डायरेक्टर कृष के बीच विवाद हुआ था जिसको लेकर बाहुबली एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया ने अपनी बात सामने रखी है।

  • वाह कंगना, मोदी के लिए झुठला दी आजादी की लड़ाई भी !

    वाह कंगना, मोदी के लिए झुठला दी आजादी की लड़ाई भी !

    सी.एस. राजपूत  
    जिस बॉलीवुड ने क्रांति, शहीदे-आज़म भगत सिंह, उधम सिंह, मंगल पांडेय और रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान पर मणिकर्णिका जैसी फिल्म बनाई, उस बॉलीवुड की अभिनेत्री कंगना रनौत आज़ादी को भीख में मिलने की बात कर रही है। कंगना ने यह बयान देकर न केवल स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है बल्कि पूरे के पूरे स्वतंत्रता संग्राम को ही झूठा करार दे दिया। यह प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में बनाया गया माहौल ही है कि एक अभिनेत्री आज़ादी का ही मखौल ही बनाने लगी। इसे देश की विडंबना ही कहा जाएगा कि कंगना के बयान पर खुद प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध ली है। कंगना रनौत की समझ में यह नहीं आ रहा है कि यह आज़ादी ही है कि मोदी प्रधानमंत्री बने हैं। 1947 में यदि आज़ादी न मिली होती तो कंगना रनौत को 2014 वाली आज़ादी न मिली होती।
    जो भाजपा देशभक्ति की ढिंढोरा पीटती-पीटती नहीं थकती है, उसकी कट्टर समर्थक अभिनेत्री कंगना रनौत तो मोदी के प्रधानमंत्री बनने को ही आज़ादी की लड़ाई मान रही हैं और भाजपा का इस मामले को मौन समर्थन है।
    कंगना रनौत को याद होना चाहिए कि जब मणिकर्णिका फिल्म में जब उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई का रोल किया तो उनके समर्थकों ने आजादी की लड़ाई से उनका नाम जोड़कर उनको एक क्रांतिकारी अभिनेत्री के रूप में प्रस्तुत किया।  अब जब उन्होंने आजादी को भीख में मिली बता दिया तो न केवल आम लोगों बल्कि उनके समर्थकों को भी बड़ा धक्का लगा है। कंगना रनौत ने यह बयान देकर न केवल स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है बल्कि मनकर्णिका फिल्म के डायरेक्टर की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है।
    दरअसल एक चैनल के समिट 2021 में कंगना रनौत ने एक विवादित बयान दे दिया है। विवादित बयान के बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें काफी ट्रोल किया जा रहा है। इस बयान को देते हुए कंगना ने यह भी कहा था कि उन पर कई सारे केस दर्ज हुए हैं। इस बयान के बाद भी उन पर केस हो सकते हैं।

    दरअसल, कंगना ने एक इवेंट के दौरान कहा था कि ‘आजादी अगर भीख में मिले, तो क्या वो आजादी हो सकती है?’ कंगना ने इस इवेंट में कहा था- ‘1947 में मिली आज़ादी भीख थी, असली आज़ादी 2014 में मिली।’ मतलब उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों से ज्यादा अहमियत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी की नेशनल एक्जिक्यूटिव चेयरमैन प्रीति मेनन ने कंगना रनौत के खिलाफ मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है। कंगना के इस बयान पर ढेरों लोगों के रिएक्शन सामने आए हैं । फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने कहा- ‘सम्मानित नरेंद्र मोदी जी अब जब सरकार की चहेती अभिनेत्री ने कह ही दिया है कि भारत को आज़ादी आपके सत्तारूढ़ होते ही 2014 में मिली है, तो लगे हाथ मोदी सरकार की इस पसंदीदा सिने तारिका को “भारत रत्न” भी दे ही डालिए। मैडम के टैलेंट के आगे “पद्म श्री” कुछ बौना सा लग रहा है।’ रिटायर्ड आईपीएस विजय शंकर सिंह ने कहा- ‘कंगना रनौत के अनुसार, गांधी, भगत सिंह, सुभाष, नेहरू, पटेल, आज़ाद जिस आज़ादी के लिए लड़ रहे थे, वह आज़ादी भीख में मिली है। और सावरकर, ₹60 पेंशन पर और आरएसएस ने, फासिज़्म फैला कर, आज़ादी दिलाई है।

  • गांधी के परपोते और एमवीए नेताओं ने कंगना की ‘वास्तविक स्वतंत्रता’ टिप्पणी की निंदा की

    गांधी के परपोते और एमवीए नेताओं ने कंगना की ‘वास्तविक स्वतंत्रता’ टिप्पणी की निंदा की

    मुंबई| महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों और गांधी परिवार ने शुक्रवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत की ‘वास्तविक स्वतंत्रता’ वाली टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से अभिनेत्री को गिरफ्तार करने और उन्हें प्रदान किए गए सभी राजकीय सम्मान/पुरस्कार वापस लेने की मांग की। शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस के नेताओं ने ‘इतिहास और तथ्यों को लेकर उनकी स्पष्ट अज्ञानता के लिए’ रनौत पर हमला किया, जिन्हें हाल ही में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

    महात्मा गांधी के परपोते, तुषार ए. गांधी ने कहा कि कंगना ‘नफरत, असहिष्णुता और उग्रता की एजेंट’ हैं, इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को उनकी ‘वास्तविक स्वतंत्रता’ 2014 में मिली थी (जब भाजपा सरकार सत्ता में आई थी)।

    तुषार गांधी ने कहा, “यह आश्चर्य की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को 2014 में स्वतंत्रता मिली थी। भारत में नफरत, असहिष्णुता, दिखावटी देशभक्ति और उत्पीड़न से 2014 में मुक्ति मिली, जब एक बहुत ही जहरीली और शातिर विचारधारा ने भारत में प्रभुत्व हासिल किया था, जिसे प्रधानमंत्री ने मूर्त रूप दिया था।”

    शिवसेना सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, “कंगना ने उस देश का अपमान किया है जो इस साल भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं जयंती मना रहा है और उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।”

    राउत ने कहा, “वह कहती हैं कि 1947 में भारत की आजादी एक ‘भीख’ थी। तो क्या उनका यह मतलब है कि ‘ताम्र पत्र’ और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किए गए सभी स्वतंत्रता सेनानी भिखारी हैं? उन्होंने पूरे देश को बदनाम किया है।”

    राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि अभिनेत्री ने जब टिप्पणी की तो वह नशीले पदार्थों के प्रभाव में हो सकती हैं। उन्होंने कंगना की ओर से अतीत में की ‘स्वीकारोक्ति’ का जिक्र करते हुए यह बात कही, जिसमें कंगना ने कहा था कि वह एक ड्रग्स की आदी हुआ करती थीं।

    मलिक ने व्यंग्यात्मक लहजे में अभिनेत्री के गृह राज्य हिमाचल प्रदेश की ओर इशारा करते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि कंगना रनौत ने बोलने से पहले मलाना क्रीम की भारी खुराक ले ली. उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए।”

    उन्होंने यह टिप्पणी उनके हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने के संदर्भ की, क्योंकि एक खास प्रकार की ड्रग्स मलाना क्रीम (चरस) का उत्पादन कथित तौर पर हिमाचल प्रदेश में ही होता है।

    कंगना की टिप्पणियों की निंदा करते हुए, कांग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने कहा, “यह ‘झांसी की रानी’ का भाजपा का वर्जन (संस्करण) है, जो अब अपने ‘आजादी भीख में मिली है’ बयान से स्वतंत्रता संग्राम और शहीदों के बलिदान को बदनाम करने की हिम्मत दिखा रही हैं।”

    सावंत ने कहा, “यह अफसोस की बात है कि इस तरह की कठपुतलियों को भाजपा जानबूझकर पोषित कर रही है। ये कठपुतली असली अपराधी नहीं हैं, बल्कि उनके मालिक हैं।”

    किशोर तिवारी, अतुल लोंधे-पाटिल, कृष्णा हेगड़े और अन्य नेताओं ने भी सार्वजनिक मंच पर उनकी टिप्पणी के लिए अभिनेत्री पर हमला किया और भाजपा से उनके रुख पर स्पष्टीकरण की मांग की।

    तुषार गांधी ने कहा कि 2014 से नफरत फैलाने वालों को अपनी जहरीली विचारधारा का खुलकर प्रचार करने की आधिकारिक मंजूरी मिल गई है।

    उन्होंने कहा, “इसमें बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं है कि इस तरह के बयान पीएम के एक समारोह में दिए गए। आखिर आज पीएमओ नफरत का झरना बन गया है, जो हमारे देश में बहुतायत से बहता है।”