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  • चुनावी दंगलः दो बेटियों को मिला पिता की हार का बदला लेने का मौका

    चुनावी दंगलः दो बेटियों को मिला पिता की हार का बदला लेने का मौका

    द न्यूज 15 

    देहरादून। प्रदेश की राजनीति में इस बार दो बेटियों के पास पिता की हार का बदला लेने का मौका मिला है। पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी की बेटी विधायक ऋतु खंडूड़ी कोटद्वार और पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में है। इन दोनों सीटों पर दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार कोटद्वार और हरिद्वार ग्रामीण सीट पर लोगों की निगाहें टिकी है। खास बात यह है कि दोनों विधानसभा सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्रियों की बेटी भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी है। ऋतु खंडूड़ी वर्तमान में पौड़ी जिले के यमकेश्वर विधानसभा सीट से विधायक है। लेकिन भाजपा ने उनका टिकट काट कर कोटद्वार सीट पर चुनाव मैदान में उतारा है इस सीट पर वर्ष 2012 में पूर्व सीएम भुवनचंद्र खंडूड़ी चुनाव हार गए थे। उन्हें कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी ने 4623 मतों से हराया था। भुवन चंद्र खंडूड़ी को यहां से 27194 वोट मिले थे। जबकि सुरेंद्र सिंह नेगी ने 31797 मत लेकर जीत हासिल की थी। जबकि 2017 के चुनाव में कोटद्वार सीट से भाजपा ने हरक सिंह रावत को टिकट दिया था। जिस पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस बार ऋतु खंडूड़ी के पास पिता की हार का बदला लेने का सुनहरा मौका है।
    वहीं, हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से इस बार कांग्रेस ने पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को दांव लगाया है। वर्ष 2017 के चुनाव में हरीश रावत ने यहां से चुनाव लड़ा था। लेकिन वे चुनाव हार गए थे। भाजपा के स्वामी यतीश्वरानंद ने उन्हें 12278 मतों से हराया था। जबकि हरीश रावत को 32686 मत मिले थे।
    अनुपमा रावत पहली बार चुनाव लड़ रही है और मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी स्वामी यतीश्वरानंद से है। दोनों सीटों पर सभी लोगों की निगाहें टिकी है। यह बेटियां अपने पिता की हार का बदला ले पाएंगी। यह अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है।

  • भाजपा सरकार पर हरीश रावत का हमला, चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना का आरोप

    भाजपा सरकार पर हरीश रावत का हमला, चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना का आरोप

    द न्यूज़ 15
    देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक संवाददाता सम्मेलन में मौजूदा सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान सरकार चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना कर रही है ।

    रावत के अनुसार चुनाव की घोषणा के बाद आबकारी विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए। इसके जरिये करोड़ो रुपए का खेल खेला गया। इतना ही नहीं, आबकारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहकारिता विभाग में चहेतों को पोस्टिंग दी गई। शिक्षा विभाग में खुले तौर पर छुट्टी के दिन 600 से ज्यादा तबादला आदेश जारी किए गए। चुनाव आयोग के पास कांग्रेस ने शिकायत दर्ज कराई है।

    रावत ने कहा, चुनाव आचार संहिता लगने के बाद नियुक्तियां करना उचित नही है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से दर्जाधारियो के मामले पर संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा है कि जिन अधिकारियों के आदेश से दर्जाधारियो को नियुक्ति दी जा रही है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।

  • प्रियंका गाँधी और हरीश रावत की बातचीत जारी : उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी में तनाव

    प्रियंका गाँधी और हरीश रावत की बातचीत जारी : उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी में तनाव

    नई दिल्ली| कांग्रेस पार्टी के नेता और उत्तराखंड चुनाव समिति के प्रमुख हरीश रावत ने खुद को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देने के लिए जब पार्टी पर निशाना साधा, तो एक दिन बाद गुरुवार को महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को समझाने के लिए उसने बात की। हरीश रावत ने बुधवार को एक ट्वीट में यह सन्देश भी दिया | कि “बहुत हो गया, यह आराम करने का समय है।”

    “क्या यह अजीब नहीं है? अगर हमें चुनाव के समुद्र में तैरना है, तो पार्टी संगठन को एक दूसरे का समर्थन करना ही होगा, लेकिन उसने इससे मुंह मोड़ लिया है और नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। मुझे समुद्र में तैरना है, जहां सत्ताधारी दल ने कई मगरमच्छों को छोड़ रखा है और मेरे हाथ-पैर बंधे हुए हैं।”

    उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “कभी-कभी ऐसा लगता है कि मैंने बहुत काम कर लिया है और अब आराम करने का समय है। मैं दुविधा में हूं, नया साल मुझे रास्ता दिखा सकता है और भगवान केदारनाथ मुझे रास्ता दिखाएंगे।”

    रावत टिकट बंटवारे को लेकर खफा हैं और पार्टी मामलों पर अपनी बात रखना चाहते हैं।

    कांग्रेस ने रावत को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, जो उनके समर्थकों की विशेष मांग है।

    हरीश रावत शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे।

    इस बीच, कुछ नेता – राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा और विधायक हरीश धामी रावत के समर्थन में सामने आए हैं।

    उत्तराखंड कांग्रेस गुटबाजी से घिरी हुई है, जिसमें एक गुट का नेतृत्व प्रीतम सिंह कर रहे हैं, जबकि रावत खेमे के अलावा राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का अपना गुट है।

    हालांकी हरीश रावत ने बुधवार को ट्वीट पोस्ट करने के बाद से ही चुप्पी साध रखी है।

    प्रीतम सिंह और उपाध्याय के नेतृत्व वाले रावत विरोधी खेमे ने पार्टी से चुनाव से पहले सीएम के चेहरे की घोषणा नहीं करने को कहा है और इससे रावत नाराज हैं। वह टिकट वितरण में अपना उचित हिस्सा चाहते हैं।

    सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड कांग्रेस पार्टी के नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है।

    उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोंडियाल, प्रीतम सिंह, सीएलपी नेता और अन्य लोग पार्टी के मामलों से अवगत कराने के लिए राज्य प्रभारी देवेंद्र यादव से मिलेंगे।

    पंजाब में जब अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था, उस समय रावत पार्टी के मामलों के राज्य प्रभारी थे।

    उनकी नाराजगी से उत्तराखंड में पार्टी के लिए परेशानी पैदा होने की संभावना है, क्योंकि नारायण दत्त तिवारी और इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद उनके पास रावत के अलावा कोई ऐसा चेहरा नहीं है, जिसे पूरे राज्य में नेता माना जाता हो।