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  • कहीं वोटों के ध्रुर्वीकरण को BJP और AIMIM की मिलीभगत तो नहीं है ओवैसी पर हमला!

    कहीं वोटों के ध्रुर्वीकरण को BJP और AIMIM की मिलीभगत तो नहीं है ओवैसी पर हमला!

    चरण सिंह राजपूत
    नई दिल्ली। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर हमले को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तरह-तरह की बातें की जा रही है। हमले के आारोपी सचिन पंडित और शुभम का कहना है कि वे दोनों ओवैसी के भाई के बयानों से बहुत गुस्से में थे, जिसके चलते उन्होंने ऐसा किया। ओवैसी कह रहे हैं कि वे कोई सिक्योरिटी नहीं लेंगे ये गोड्से की नाजायज औलादे हैं। वह डरने वाले नहीं हैं। देखने की बात यह है कि ओवैसी पर हमला पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुआ है। जगजाहिर है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव है। इसी क्षेत्र से चुनाव बनता और बिगड़ता है। इसी क्षेत्र से वोटों का ध्रुर्वीकरण होता है। यदि ओवैसी की गाड़ी पर गोली के निशान देखे जाएं तो पता चलता है कि दो निशान गाड़ी के टायर के पास हैं। गाड़ी के न शीशे टूटे हैं न ही कोई गोली ऐसी जगह लगी है जहां पर गाड़ी में बैठे किसी भी व्यक्ति की जान को खतरा हो। कहीं यह हमला प्रायोेजित तो नहीं है। हिन्दू और मुस्लिम दोनों वोटों के ध्रुर्वीकरण के लिए। हमले के बाद जिस तरह से आरोपियों ने बयान दिया और जिस तरह से ओवैसी गोडसे का नाम लेकर RSS औेर भाजपा पर आक्रामक हैं। ऐसे में हिन्दू और मुस्लिम दोनों के वोटों के ध्रुर्वीकरण को बल मिलता है।
    दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद सपा और रालोद के गठबंधन के बाद मुस्लिम और जाट गठबंधन के पक्ष में लामबंद हैं, जिसके चलते भाजपा में बेचैनी है। भाजपा को अंदेशा है कि यदि मुस्लिम और जाट लामबंद होकर सपा और रालोद गठबंधन पर चले गये तो उनका सारा खेल बिगड़ जाएगा। वैसे भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा ने जाटों के वोटों से बढ़त बनाई थी, जो किसान आंदोलन के बाद बहुत नाराज हैं। राजनीतिक हलके में ओवैसी पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगता रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं है कि यह पटकथा ओवैसी और भाजपा ने मिलकर लिखी हो। इस हमले के बाद मुस्लिमों की ओवैसी और हिन्दुओं की भाजपा के प्रति सहानुभूति होने के आसार हैं। वैसे भी बिहार में मुल्लिम वोट काटकर ओवैसी भाजपा की मदद कर चुके हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ओवैसी को लगाना मतलब मुस्लिम वोट काटना है। ओवैसी बड़ी चुतराई से आजम खां के जेल जाने में योगी आदित्यनाथ को कम और मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को ज्यादा कोसते रहे हैं। सपा पर मुस्लिमों को गुमराह करने का आरोप लगाते रहे हैं। संसद में भी भाजपा सबसे ज्यादा समय ओवैसी को ही दिलवाती है। दरअसल भाजपा चाहती है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कोई मुस्लिम नेता हिन्दुओं के खिलाफ आग उगले, जिससे उससे बिदका हिन्दू वोट उन्हें फिर से मिल  सके। इसके लिए असदुद्दीन ओवैसी सबसे फिट नेता बैठते है। ओवैसी से भाजपा को दोहरा लाभ है। उनके आग उगलने से जहां हिन्दू वोटबैंक उससे सटता है वहीं मुस्लिम वोटों का बंटवारा होता है। हमले के अरोपी सचिन पंडित और शुभम के इतनी जल्द आत्मसमर्पण करने के बाद तो भाजपा और ओवैसी की मिलीभगत को और बल मिलता है। भाजपा चाहती है कि सपा को कमजोर करने के लिए ओवैसी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जमाया जाए। यह अपने आप में प्रश्न है कि ओवैसी के इंकार करने के बावजूद अब CRPF ने जेड श्रेणी की सुरक्षा देने की बात की है|

     

  • ‘दम है तो मारकर दिखाएं’, ‘जारी रहेगा प्रचार’, और ‘ना ही लूंगा सिक्यॉरिटी’ : ओवैसी, हमले के बाद

    ‘दम है तो मारकर दिखाएं’, ‘जारी रहेगा प्रचार’, और ‘ना ही लूंगा सिक्यॉरिटी’ : ओवैसी, हमले के बाद

    द न्यूज़ 15
    नई दिल्ली। गुरुवार की दोपहर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी की कार पर दो अज्ञात युवकों ने गोलियां चलाईं। जिस वक्त उनकी गाड़ी दिल्ली-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के छिजारसी टोल प्लाजा पर पहुंची। पूरी घटना टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है। इसका वीडियो भी अब तेजी से वायरल हो रहा है। इस हमले को साजिश बताते हुए, ओवैसी ने अपने विरोधियों को चुनौती दी।
    ओवैसी ने एक ट्वीट के जरिए अपने विरोधियो को सन्देश दिया, – ‘ना डरने वाला हूँ, ना सिक्योरिटी लेने वाला हूँ। मैं अपना चुनाव प्रचार जारी रखूँगा। अगर किसी माई के लाल में दम है तो मार के दिखाए मुझे।’ इस हमले की जानकारी सबसे पहले खुद ओवैसी ने ही ट्वीट के जरिए दी थी। घटनास्‍थल की सीसीटीवी फुटेज में दो हमलावर दिख रहे हैं। एक ने लाल रंग की हुडी पहन रखी है और एक ने सफेद शर्ट पैंट पहना है। ओवैसी के काफिले की एक गाड़ी के धक्के से लाल हुडी पहने हमलावर घायल भी हुआ। लंगड़ाकर भागते समय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। दूसरे हमलावर की तलाश चल रही है। उसे पकड़ने के लिए टीमें गठित की गई हैं। मेरठ आईजी खुद इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।
    हापुड़ के SP दीपक भुकर ने बताया कि एक व्यक्ति जो सीसीटीवी के आधार पर चिंहित हुआ है तत्परता से हमने उस व्यक्ति को हिरासत में लिया है, उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं प्रदेश के ADG प्रशांत कुमार ने कहा कि AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा ट्विटर के जरिए हमले की सूचना दी गई। यह सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय हो गई। नोएडा के बादलपुर के एक आरोपी सचिन को हिरासत में ले लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज से भी उसके घटना में शामिल होने का पता चला है। उसके पास से एक अवैध पिस्टल मिली है। उसका एक और साथी भी है जो अभी फरार है। फ़िलहाल हमले की वजह पता नहीं चली.