योगी आदित्यनाथ को एहसास कराने के लिए बनाया गया है दारा सिंह चौहान को विधान परिषद का उम्मीदवार ?
भले ही भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव को जीतने का माहौल बना दिया है। भले ही भाजपा 400 के पार का नारा दे रही है। भले ही फिर से मोदी सरकार का नारा दिया जा रहा हो पर बीजेपी में अंतदरखाने सब कुछ ठीकठाक नहीं है। एक ओर लोकसभा चुनाव की तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद प्रधानमंत्री बनने की लड़ाई भी जोर पकड़ने की बात सामने आ रही है। भले ही बीजेपी और दूसरे हिन्दू संगठनों में मोदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मुख्य चेहरा माना जा रहा हो पर गृहमंत्री अमित शाह के योगी को घेरने की बात सामने आ रही है। विधान परिषद के उप चुनाव में दारा सिंह चौहान की उम्मीदवारी के यही मायने निकाले जा रहे हैं।
दरअसल घोसी उप चुनाव में जब दार सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया तो यह खबर आई थी कि ओम प्रकाश राजभर अमित शाह से दारा सिंह चौहान का टिकट कराकर ले आए थे। तब बताया गया था कि दारा सिंह की उम्मीदवारी में योगी आदित्यनाथ सिंह की सहमति नहीं ली गई थी। ओमप्रकाश राजभर को भी अमित शाह के ही सदस्य दिलाने की बात सामने आई थी। प्रचंड बहुमत के साथ योगी सरकार में दारा सिंह चौहान का चुनाव हार जाना योगी आदित्यनाथ की नाराजगी का परिणाम बताया गया था। अब अमित शाह योगी आदित्यनाथ को एहसास कराने के लिए दारा सिंह को विधान परिषद में भेजने का निर्णय ले लिया है। इतना ही नहीं अमित शाह दारा सिंह चौहान को विधान परिषद सदस्य बनवाने के साथ ही योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में भी शामिल कराएंगे। खबरें तो यह भी आ रही हैं कि यदि आदित्यनाथ को लोकसभा चुनाव लड़वाकर पंकज चौधरी को उत्तर प्रदेश का सीएम बनाया जा सकता है।
दरअसल बीजेपी में दो लॉबी होने की बात सामने आ रही है। एक लॉबी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और उनके समर्थक विधायक, सांसद और दूसरे नेता बताये जा रहे हैं तो दूसरी ओर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, योगी आदित्यनाथ बताए जा रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो मोहन भागवत योगी आदित्यनाथ को मोदी के बाद का पीएम चेहरा बनाने में लगे हैं तो पीएम मोदी अमित शाह को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। दिल्ली जंतर-मंतर पर हुए पहलवानों के आंदोलन में भी यही बात निकलकर सामने आई थी।
दरअसल विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने बीजेपी सांसद और तत्कालीन कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाकर दिल्ली जंतर मंतर पर आंदोलन किया था, तब भी पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का पूरा साथ बृजभूषण शरण सिंह के साथ था तो योगी आदित्यनाथ ने उनसे दूरी बनाकर रखी थी। जब बृजभूषण शरण सिंह ने अयोध्या में संतों की रैली करनी चाहिए तो योगी सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए बृजभूषण सिंह शरण को रैली की अनुमति नहीं थी। बाद में महिलाओं के वोटबैंक का हवाला देते हुए आरएसएस के पहलवानों के आंदोलन को खत्म कराने को बीजेपी नेतृत्व से कहने की बात भी सामने आई थी। वह मोहन भागवत की दबाव ही था कि न केवल खेल मंत्री अनुराग ठाकुर बल्कि गृहमंत्री अमित शाह ने भी साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया के साथ मीटिंग की बल्कि दबाव बनाकर आंदोलन को भी खत्म कराया। आंदोलन को खत्म करने का रिवार्ड सरकार ने इन पहलवानों को ट्रायल में छूट के रूप में दिया। वह बात दूसरी रही कि बीजेपी नेता और अंतरराष्ट्रीय पहलवान योगेश्वर दत्त ने ट्रायल में छूट को कुश्ती जगत का काला दिन करार दिया था।
पूर्वांचल एक्सप्रेस के उद्घाटन में भी पीएम मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक फोटो वायरल हुई थी। इस फोटो में पीएम मोदी अपनी गाड़ी में बैठे जा रहे हैं तो योगी आदित्यनाथ उनकी गाड़ी के पीछे पैदल चल रहे थे। वह फोटो भी विपक्ष ने वायरल की थी। तब विपक्ष ने पीएम द्वारा उत्तर प्रदेश के सीएम का अपमान करार दिया था।
दरअसल उत्तर प्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा फैसला लिया है। पार्टी ने समाजवादी पार्टी से बीजेपी में वापस लौटे घोसी के पूर्व विधायक दारा सिंह चौहान को उत्तर प्रदेश विधान परिषद के उप चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यालय प्रभारी की ओर से जारी की गई चिट्ठी के अनुसार दारा सिंह चौहान उम्मीदवार हैं। इस चिट्ठी में लिखा गया है कि बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधान परिषद के उप चुनाव चुनाव के लिए एक नाम पर अपनी स्वीकृति प्रदान की है।
18 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख
दरअसल विधान परिषद की सीट पर 18 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख है। यूपी इकाई ने 10 लोगों का नाम भेजा है, जिसमें दारा सिंह चौहान का भी नाम है। दारा सिंह चौहान को टिकट मिलने के साथ ही अब इस बात के पूरे आसार हैं कि उन्हें योगी मंत्रिमंडल के प्रस्तावित विस्तार में बतौर मंत्री जगह मिल सकती है।