पटना। ब्यूरो: बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के अंतिम दिन पटना में अजीब नजारा देखने को मिला। सीएम के कार्यक्रम से ठीक पहले शराब के नशे में धुत एक युवक कार्यक्रम स्थल के पास स्थित नाले में जा गिरा। यह घटना जैसे ही मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के संज्ञान में आई, हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस ने युवक को बाहर निकाला और चुपचाप वहां से भगा दिया, लेकिन यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई। वीडियो सामने आने के बाद शराबबंदी कानून की सख्ती पर सवाल उठने लगे हैं।
प्रगति यात्रा के अंतिम दिन घटी घटना:
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि जब तक जनता से किए पुराने वादों को पूरा नहीं कर देते, तब तक वोट मांगने नहीं जाएंगे। इसी के मद्देनजर सरकार द्वारा राज्य में चलाई जा रही योजनाओं की स्थिति का जायजा लेने के लिए 23 जनवरी को सीएम ने प्रगति यात्रा की शुरुआत की थी, जो करीब एक महीने बाद 21 फरवरी को पटना में समाप्त हो गई।
इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री राज्य के अलग-अलग जिलों में गए और वहां विकास योजनाओं की स्थिति का आकलन किया। जिस जिले में उन्हें थोड़ी सी भी कमी दिखी, वहां अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि चुनाव से पहले सभी योजनाओं को पूरा कर लिया जाए। इस दौरान सीएम ने कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया।
पटना में कार्यक्रम के दौरान नाले में गिरा शराबी युवक:
प्रगति यात्रा के अंतिम दिन पटना के दीघा विधानसभा क्षेत्र के राजीव नगर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे। कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर थीं, लेकिन इसी बीच एक शराबी युवक लड़खड़ाते हुए कार्यक्रम स्थल के पास बने बड़े नाले में जा गिरा।
घटना के तुरंत बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में कुछ पुलिसकर्मी नाले के पास पहुंचे और किसी तरह युवक को बाहर निकाला। इसके बाद बिना किसी कानूनी कार्रवाई के उसे वहां से भगा दिया गया।
शराबबंदी कानून पर उठे सवाल:
बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन की सख्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नशे में धुत युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोग सरकार की शराबबंदी नीति की विफलता पर सवाल उठाने लगे।
राजनीतिक दलों और विपक्षी नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा है। इस घटना के बाद यह बहस तेज हो गई है कि क्या बिहार में शराबबंदी सिर्फ कागजों पर है, या इसे जमीनी स्तर पर प्रभावी तरीके से लागू किया गया है?
विपक्ष ने साधा निशाना:
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधा है। राजद के प्रवक्ता ने कहा,
“बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल हो चुकी है। जब मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के ठीक पहले ऐसी घटना हो सकती है, तो आम जनता के बीच हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकार को शराबबंदी कानून की समीक्षा करनी चाहिए।”
वहीं, भाजपा के एक नेता ने कहा,
“सरकार शराबबंदी के नाम पर सिर्फ ढोंग कर रही है। सच्चाई यह है कि शराब माफिया और प्रशासन की मिलीभगत से हर जगह शराब आसानी से उपलब्ध है।”
प्रशासन का बचाव:
हालांकि, इस मामले पर सरकार और प्रशासन ने सफाई दी है। पटना पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“हम लगातार शराबबंदी कानून को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए काम कर रहे हैं। यदि किसी व्यक्ति को शराब के नशे में पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। इस मामले में भी जांच की जाएगी।”
बिहार में शराबबंदी को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान घटी इस घटना ने सरकार के दावों की पोल खोल दी। वीडियो वायरल होने के बाद सरकार की सख्ती और कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर नई बहस छिड़ गई है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और शराबबंदी को लेकर अपने फैसले पर कितनी प्रभावी कार्रवाई करती है।