निशांत बनेंगे नीतीश की ढाल, पिता के साथ मिलकर बचाएंगे जदयू को!

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चरण सिंह  

जिन निशांत कुमार को राजनीति में नौसिखिया माना जा रहा था, उन्होंने ऐसा मास्ट्रोक स्ट्रोक लगाया कि बिहार से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया। पीएम मोदी के भागलपुर दौरे पर यह माना जा रहा था कि वह नीतीश कुमार को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित करेंगे पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। ऐसे में यह माना जा रहा था कि कोई जदयू का नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की मांग करेगा पर जदयू के किसी नेता ने ऐसा नहीं किया।

नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने अपनी मां मंजू सिन्हा की जयंती कार्यक्रम में कह दिया  कि जदयू और एनडीए उनके पिता नीतीश कुमार को सीएम उम्मीदवार घोषित करे। मतलब जदयू में नीतीश कुमार के खिलाफ जो लोग काम कर रहे हैं, उन्हें निशांत ने एक तरह से चेतावनी दे दी है कि वह अपने पिता की ढाल हैं। उनके खिलाफ किसी षड्यंत्र को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
दरअसल निशांत को जदयू में लाने के लिए नीतीश के चहेते जदयू कार्यकर्ता लगातार मांग कर रहे हैं। जदयू कार्यालय पर पोस्टर लगा दिए गए हैं कि बिझर करे पुकार आइए निशांत कुमार।
निशांत का राजनीति में आने के लिए प्लस प्वाइंट यह है कि एक तो उन्होंने अपने पिता के रुतबे का कभी कोई फायदा नहीं उठाया। उनका जीवन सादगी से परिपूर्ण रहा है। उनके जीवन में कोई दाग नहीं है। कुछ दिनों से जिस तरह से वह सधे हुए बयान दे रहे हैं। ऐसे में आने वाले समय में निशांत कुमार जदयू में बड़े पद के दावेदार तो हो जाएंगे ही। साथ ही वह तेजस्वी यादव, प्रशांत कुमार, चिराग पासवान के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहे हैं।
दरअसल बीजेपी दिल्ली चुनाव जितने के बाद बिहार में अपना मुख्यमंत्री बनाने में लग गई है। नीतीश कुमार के पीएम मोदी की हमदर्दी नीतीश के वोट बैंक के चलते है। नहीं तो मोदी तो नीतीश कुमार के डीएनए में गड़बड़ी भी बता चुके हैं। उनको दलित उत्पीड़न का प्रतीक भी बता चुके हैं। बीजेपी की रणनीति यहां तक बन चुकी है कि यदि जदयू से भी मुख्यमंत्री बनाया जाए तो नीतीश कुमार को न बनाया जाए। ऐसे में ललन सिंह बाजी मार सकते हैं।
हालांकि नीतीश कुमार राजनीति के बड़े खिलाड़ी हैं। वह अपने गुरु जार्ज फर्नाडीस, शरद यादव और लालू प्रसाद तक को पटखनी दे चुके हैं। गृह मंत्री अमित शाह के कि बीजेपी का संसदीय बोर्ड तय करेगा कि बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा। मतलब बीजेपी का होगा। तब से नीतीश कुमार नाराज चल रहे हैं। पीएम मोदी के दौरे पर भी वह कोई झुके हैं। अब जब उनके बेटे निशांत का बयान आया है और नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि यह बयान नीतीश कुमार के किसी करीबी ने ही दिलवाया है।

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