30 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जेल में बंद बृजभूषण सिंह को पत्र लिखकर कहा था-मैं शीघ्र ही आऊंगा
महिला कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजभूषण सिंह पर कई लड़कियों के यौन शोषण का आरोप लगा है। विनेश फोगाट एशियन गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों के भारत के कई पदक दिला चुकी हैं। देश के सबसे हाई प्रोफाइल एथलीटों के विरोध के बाद बृजभूषण शरण सिंह न भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है। यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए भारतीय ओलंपिक संघ ने एक नैपल का गठन किया है। हालांकि ओलंपिक संघ ने एक पैनल का गठन किया है। हालांकि इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बृजभूषण सिंह ने यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया है।
दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन के लगे थे आरोप
सितंबर 1992 की बात है। तब मुंबई में दाऊद इब्राहिम का गैंग डी कंपनी बहुत एक्टिव थी। अंडरवर्ल्ड एक सबसे खौफनाक रूप अपने चरम पर था। उन्हीं दिनों दाऊद के बहनोई इब्राहिम कासकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। दाऊद इब्राहिम के गैंग डी कंपनी को शक था कि यह हत्या अरुण गवली गैंग के शूटर्स ने की है। दाऊद इब्राहिम के गैंग डी कंपनी को शक था कि यह हत्या अरुण गवली गैंग के शूटर्स ने की है। बताया जाता है कि बदला लेने के लिए डी कंपनी के छोटो राजन, छोटा शीकल, सुभाष ठाकुर और अन्य ने मुंबई के जेजे अस्पताल शूट आउट में गवली के शूटर्स शैलेश हालदनकर और विपिन की हत्या कर दी थी। उस समय बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगा था कि उन्होंने डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों और गैंग के शूटर्स को अपने यहां शरण दी थी। यह आरोप केंद्रीय जांच ब्यूरो ने लगाया था, जिन पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने का संदेह हो। इसके बाद बृजभूषण शरण सिंह को तिहाड़ जेल में भेज दिया गया।
जेल में आया अटल बिहारी वाजपेयी का पत्र
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेल में रहने के दौरान बृजभूषण सिंह को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पत्र मिला था। 30 मई 1996 को लिखे पत्र में वाजपेयी ने लिखा था। प्रिय बृजभूषण सिंह जी, सप्रेम नमस्कार। आपका समाचार मिला। नये सिरे से जामनत का प्रयत्न करना होगा। आप हिम्मत रखें। अच्छे दिन नहीं रहे तो बुरे दिन तो निश्चित ही नहीं रहेंगे। आजन्म कैद की सजा काटने वाले सावरकर जी का स्मरण करें। पढ़ें। सुनें। खुश रहें। मैं शीघ्र ही आऊंगा। इसके बाद वाजपेयी ने एक भजन की चंद पंक्तियां लिखकर अपने पत्र को खत्म किया।
कौन हैं बृजभूषण शरण सिंह ?
बृजभूषण सिंह उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं। 65 वर्षीय बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज से भाजपा सांसद हैं। वह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं। फैजाबाद के साकेत विश्वविद्यालय से लॉ ग्रेजुएट बृजभूषण का राजनीति में करियर 1980 के दशक में एक छात्र संघ नेता के रूप में शुरू हुआ था। वह छात्र संघ अध्यक्ष चुने गये थे।
अपनी युवावस्था का अधिकांश समय उन्होंने अयोध्या के अखाड़ों में बताया है। वह लगभग 10 वर्षांे तक रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग एशिया के उपाध्यक्ष रहे हैं। वह पहली बार साल 1991 में भाजपा के टिकट पर गोंडा से लोकसभा सांसद बने थे। 1991की जीत को मिलाकर वह अब तक छह बार 1992, 2004, 2009, 2014 और 2019 लोकसभा का चुनाव जीत चुके हंै। कैसरगंज के अलावा वह गोंडा और बलरामपुर से भी सांसद रह चुके हैं। जुलाई 2008 में सिंह ने सपा का दामन थाम लिया था। भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर विश्वासमत के दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार का समर्थन किया। 2008 में वह सपा में थे और 2014 के लोकसभा चुनाव मे से कुछ माह पहले भाजपा में आए।
बृजभूषण सिंह अपनी हिन्दुत्व की राजनीति को लेकर हमेशा मुखर रहे हैं। वह विश्व हिन्दू परिषद के सक्रिय सदस्य थे। वह राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े थे। उनके 2019 के चुनावी हलफनामे के अनुसार सिंह का नाम बाबरी विध्वंस मामले में भी था। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी समेत जो 40 लोगों में बृजभूषण सिंह का भी नाम था लेकिन साल 2020 में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सिंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया।