रायपुर, छत्तीसगढ़ के किसान ने बैगन की नई प्रजाति को तैयार किया है, इस प्रजाति के बैगन लगभग दो फुट तक लंबा होता है। इस निरंजन बैगन प्रजाति को तैयार करने वाले किसान लीलाराम साहू को राज्य स्तरीय कृषक सम्मान से सम्मानित किया गया हैं। राज्य के धमतरी जिले के कुरुद निवासी लीलाराम ने बैगन की इस नई प्रजाति को तैयार किया है। निरंजन बैगन के नाम से पहचानी जाने वाली इस प्रजाति की खासियत यह है कि देश मे उत्पादित विभिन्न प्रजातियों के बैंगन में इसकी लंबाई सर्वाधिक हैं। इसकी लंबाई अधिकतम दो फीट तक हो सकती है।
लीलाराम ने उत्कृष्ट सब्जीवर्गीय उत्पादन के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं, इनमें से एक निरंजन बैंगन है। इसमें बीज की मात्रा कम होती है, जिसके कारण यह बेहद स्वादिष्ट होता है। सब्जी उत्पादक कृषक लीलाराम साहू ने बताया कि इसे तैयार करने के लिए उन्होंने पारम्परिक रूप से देशी सिंघी भटा के बीज तैयार करने के लिए शुद्ध घी 100 ग्राम, शहद 200 ग्राम, बरगद के पेड़ की जड़ के पास की मिट्टी 500 ग्राम, गोमूत्र 2400 ग्राम, गोबर 1200 ग्राम में आवश्यक पोषक तत्व मिलाया है।
उपचारित बीज का प्रसंस्करण किया गया। इसके बाद बीजों में अंकुरण ज्यादा लाने, निरोग बनाए रखने, फल की लम्बाई में वृद्धि करने व गुदा की मात्रा बढ़ाने और स्वाद में बढ़ोतरी करने का कार्य भी किया। परिणामस्वरूप नवाचारी गुण से परिपूर्ण बैंगन की नई किस्म विकसित हुई।
उन्होंने बताया कि इस बैंगन का नाम निरंजन उन्होंने अपने-अपने पिताजी के नाम पर किया है। वे नवाचारी बैंगन के बीज को धमतरी सहित छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों को हर साल नि:शुल्क वितरित करते है। निरंजन बैंगन की खेती छत्तीसगढ़ के अलावा मणिपुर, पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, गुजरात, महाराष्ट्र सहित केरल राज्य में भी की जाती है। बैंगन की उक्त प्रजाति के लिए राष्ट्रीय नवप्रवर्तक संस्थान अहमदाबाद के द्वारा डॉक्यूमेंटेशन के उपरांत साल-2017 में पेटेंट भी किया गया था।
लीलाराम को बीते रोज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज राज्य स्तरीय कृषक सम्मान से सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के द्वारा साहू को उनके ‘निरंजन’ बैंगन के उत्पाद के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।