आखिर पीएम मोदी ने साध ही लिया नीतीश कुमार को!

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चरण सिंह  

भागलपुर रैली में पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को साध ही लिया। नीतीश कुमार की तारीफ में उन्होंने उन्हें लाडला तक बोल दिया। मतलब अब नीतीश कुमार पलटने नहीं जा रहे हैं। पीएम मोदी ने जिस अंदाज में भागलपुर रैली में किसानों को रिझाने कोशिश की। जिस तरह से बिहार की धरती से किसान सम्मान निधि की 19वीं क़िस्त जारी की। जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम मोदी की कैमिस्ट्री देखने को मिली। नीतीश कुमार ने पीएम मोदी की तारीफ की और पीएम मोदी ने नीतीश कुमार की तारीफ की। बिहार में मखाना बोर्ड के साथ ही किसान सम्मान निधि में 1600 सौ करोड़ रुपए दिए। मोदी ने जिस तरह से नीतीश कुमार को लाडला बोला। ऐसे में कहा जा सकता है कि अब नीतीश कुमार कहीं नहीं जा रहे हैं। नीतीश कुमार के ही चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा।

दरअसल पीएम मोदी मामले को गरम करके छक्का मारते हैं। ऐसे ही उन्होंने नीतीश कुमार के मामले को गरम किया और भागलपुर जाकर उनको लाडला मुख्यमंत्री बोल दिया। जब गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री के बारे में बोल दिया कि बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा यह बीजेपी के संसदीय बोर्ड तय करेगा। तो नीतीश कुमार नाराज हो गए उनकी नाराजगी लगातार दिखाई दी। उन्होंने पीठासीन अधिकारियों में जाने से इनकार कर दिया। जब उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पटना पहुंचे तो नीतीश कुमार पटना एयरपोर्ट पर उनको रिसीव करने नहीं पहुंचे। जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती कार्यक्रम में जब  तक उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रहे तब तक वह मंच पर नहीं पहुंचे और जब जगदीप धनखड़ लखनऊ चले गए तो वह मंच पर पहुंचे। ऐसे ही दिल्ली में रेखा गुप्ता के शपथ ग्रहण समारोह में वह नहीं पहुंचे। मुख्यमंत्रियों की बैठक में नहीं पहुंचे।
राजनीतिक पंडित भागलपुर रैली का इंतजार कर रहे थे कि अब नीतीश कुमार और पीएम मोदी एक साथ मंच पर पहुंचे। मतलब पीएम मोदी ने बिहार में नीतीश कुमार के पक्ष में बड़ा संदेश दिया है। अब नीतीश कुमार के पलटने की अटकलों विराम लग चुका है। अब यह मानकर चलिए कि सीटें भी जदयू को बीजेपी से अधिक मिलेंगी। उसकी बड़ी वजह यह है कि पीएम मोदी को मतलब केंद्र सरकार से है। बिहार में अभी यदि बीजेपी का मुख्यमंत्री नहीं बनेगा तो बीजेपी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। दरअसल मोदी जानते हैं कि नीतीश कुमार के पलटने के बाद चंद्रबाबू नायडू और एकनाथ शिंदे के भी बिदकने की आशंका हो जाती। ऐसे में मोदी नहीं चाहेंगे कि केंद्र सरकार के कोई दिक्कत हो।

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