चरण सिंह
बीजेपी की चुनावी रणनीति अच्छे अच्छे नहीं समझ पाते हैं। आज की तारीख में बीजेपी का पूरा फोकस बिहार विधानसभा चुनाव पर है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बाबा बागेश्वर, श्रीश्री रविशंकर के बाद गृह मंत्री अमित शाह बिहार पहुंचे और पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने ऐलान कर आये। अमित शाह दिल्ली पहुंचे भी नहीं थे कि नीतीश कुमार ने वक्फ संसोधन बिल पर सुझाव देकर बड़ा खेल कर दिया।
जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को तीन सुझाव भेज दिए हैं। एक सुझाव में राज्य सरकारों को संपत्ति पर हस्तक्षेप करने का अधिकार तो दूसरे में पंजीकृत संपत्ति को न छेड़े जाने की बात। बिना पंजीकरण की जमीन पर किसी धर्म भवन मस्जिद, दरगाह और मदरसा बना हो तो उस पर राज्य सरकार की सहमति से कार्रवाई करने का सुझाव। केंद्र सरकार की ओर से भी नीतीश कुमार के सुझावों पर गौर करने का आश्वासन दिया गया है। मतलब नीतीश के सुझाव ने वक्फ संसोधन बिल को टालने की पूरी व्यवस्था का कर दी है। इस जिस तरह से अल्पसंख्यक कल्याण मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने दो अप्रैल को बिल पेश करने की बात कर दी है तो ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या केंद्र सरकार नीतीश कुमार के सुझाव को मान लेगी ?
दरअसल बिहार में मुस्लिमों के वोट हासिल किये बिना एनडीए की सरकार बनती नहीं दिख रही है। ऐसे में नीतीश कुमार के इन सुझावों के पीछे भी बीजेपी का हाथ बताया जा रहा है। बीजेपी की रणनीति बताई जा रही है कि वक्फ संसोधन बिल को कुछ दिनों के लिए लटका कर उसका श्रेय नीतीश कुमार को दे दिया जाए और मुस्लिमों का वोट लेकर सरकार बना ली जाए। बिहार चुनाव को जीतने बाद बिल को कुछ संसोधन के बाद पास करा लिया जाये। यह भी हो सकता है कि कुछ संसोधन के बाद इस बार ही इस बिल को पास करा लिया जाए। ऐसे में बाद में खेल किया जा सकता है।
दरअसल वक्फ संसोधन बिल पर ही नीतीश कुमार का चेहरा सेकुलर बनाना है। बिल को रुकवाने या फिर सुझावों को मानने के नाम पर नीतीश को मुस्लिमों की नजरों में उठाना है। ऐसे में मुस्लिम नीतीश कुमार को बिल को रुकवाने का श्रेय देना है। दरअसल बिहार में 10 फीसद तक मुस्लिमों का वोट नीतीश कुमार को मिलता रहा है। इस बार वक्फ संसोधन बिल पर मुस्लिम नीतीश कुमार से नाराज हैं। यही वजह रही कि जब नीतीश कुमार ने इफ्तार पार्टी दी तो 7 मुस्लिम संगठनों ने इसका बहिष्कार कर दिया। अब जब जदयू एमएलसी गुलाम गौस आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद से मिले तो जदयू की चूलें ही हिल गईं। ऐसे में नीतीश ने वक्फ संसोधन बिल में तीन संसोधन के सुझाव देकर बड़ा दांव चल दिया है। ऐसे में देखना यह होगा कि अब बिहार में ऊंट किस करवट बैठेगा।