GCTM : गुजरात में अगले वर्ष चुनाव हैं चुनावी माहौल आते ही PM मोदी ने रैलियां शुरू कर दी 19 अप्रैल को उनकी 3 रैलियों में शामिल हुए।19 अप्रैल को गुजरात के जामनगर में प्रधानमंत्री WHO के महानिदेशक Director general Dr Tedros Adhanom Ghebreyesus के साथ एक बैठक में शामिल हुए। जिसमें उन्होंने GCTM (Global Centre for Traditional Medicine) की आधारशिला रखी।
GCTM के नाम से ही स्पष्ट है कि यह पारम्परिक तौर तरीकों पर आधारित हैं, एक तरह से उनके रिवाइवल यानि पुनर्जीवन पर काम करेगी। GCTM अलग- अलग संस्कृति के लोगों और पूर्व में अर्जित किये गए रोगों की रोकथाम उपचारों को संरक्षित करने की पहल हैं।
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इस कार्यक्रम (GCTM) में डॉक्टर टेड्रोस के साथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ, शेख हसीना, शेरबहादुर देउवा, लोतेय त्शेरिंग जैसी बड़ी हस्तियां भी शामिल हुई। डॉक्टर टेड्रोस के अलावा यह सभी हस्तियां एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समारोह में शामिल हुए थे।
GCTM Conference डब्ल्यूएचओ के डीजी ने कहा, ‘केम छो बधा, मजा मां’
गुजरात में शिलान्यास के दौरान डॉक्टर टेड्रोस ने सभी को कहा, ‘केम छो बधा, मजा मां’ जिससे सभी खुश हो गए।
विभिन्न संस्कृतियों द्वारा अर्जित इस ज्ञान को Traditional medicine माना जाएगा। इसमें आयुर्वेद, एक्यूपंचर जैसी उपचार पद्धती आती हैं। भारत और WHO के बीच 2020 में GCTM स्थापित करने का अनुबन्ध किया था।
भारत इस बाबत 1900 करोड़ की बड़ी राशि खर्च करने जा रहा हैं। भारत में आयुर्वेद पद्धति पुराने समय से प्रचलित हैं। अतः इस पैसे का इस्तेमाल कर वैज्ञानिक तरीके से Global Centre for Traditional Medicine के जरिए वैज्ञानिक तरीके से Research होगी और विश्व भर के स्वास्थ्य कल्याण के लिए इन पद्धतियों का इस्तेमाल किया जाएगा।
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फिलहाल में आयुर्वेद के ज्ञान का इस्तेमाल बहुत ही सीमित स्तर पर किया जाता हैं न ही उसमें वैज्ञानिक स्तर पर रिसर्च की जा रही हैं। जिससे इस प्रकार के इलाज में अंधविश्वास और अवैज्ञानिक तरीके भी प्रयोग में लाए जाते हैं। (GCTM) Global Centre for Traditional Medicine इन सभी दुश्वारियों को दूर कर इन्हे बड़े स्तर में प्रयोग में लाएगा।