Xiaomi : Make in India के तहत आई शाओमी अब आत्मनिर्भर भारत की चपेट में । शाओमी (Xiaomi) समूह की कंपनी को पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कस दिया है, ED ने शाओमी (Xiaomi) समूह के ऊपर गलत तरीके से अपनी पैरेंट कंपनी को पैसे ट्रांसफर करने के मामले में धर लिया हैं। इसके पहले इसी साल जनवरी में भी शाओमी पर भारत के वित्त मंत्रालय ने 653 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
2014 के साल में भारत में प्रवेश करने वाली कंपनी शाओमी आज भारत का सभी कंपनियों को पीछा छोड़कर सबसे ज्यादा मार्केट शेयर रखने वाली कंपनी बन गई है। Make in India के चलते सरकार के समर्थन से कंपनी को भारत में अपने व्यापार बढ़ाने में काफी मदद मिली। लेकिन समय- समय पर भारत और चीन के बीच होने वाले सीमा विवाद और UN के सीट के मसले, कभी जैश ए मोहम्मद को बैन करने की मांग चलते हमेशा भारत का चीन से विवाद बना रहता है जिसका प्रभाव इन मोबाइल निर्माता कंपनियों पर भी पड़ता हैं।
Make in India के तहत आई शाओमी अब आत्मनिर्भर भारत की चपेट में। इसके अलावा चीन की दमनकारी नीतियों के चलते चीन भारत और उसके पड़ोसी देशों को अति सस्ते और लो- क्वालिटी सामान उपलब्ध करा कर आर्थिक रूप से गुलाम बनाने की कोशिश करने का प्रयास करता हैं।
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इसी क्रम में भारत के Twitter में #Bycottchina आए दिन ट्रेंड में दिखाई पड़ता हैं जिसका प्रभाव लोगों के मोबाइल फोन खरीदने के चुनाव पर भी पड़ता हैं। भारत सरकार भी समय- समय पर चीनी कंपनियों पर नजर रख रही हैं। अब आत्मनिर्भर भारत नीति के चलते विदेशी कंपनियों पर हमारी निर्भरता कम होती जा रही है
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दिसम्बर में ED ने Oppo और शाओमी Xiaomi के दफ्तर में छापेमारी की थी इसके बाद अब ये मामला सामने आया हैं।
ED का पक्ष –
ED यानी आर्थिक प्रवर्तन महानिदेशालय ने बताया कि शाओमी ने अपने पैरेंट कंपनी MI जो कि चाइना में स्थित है उसे शाओमी ने रॉयल्टी के नाम पर 5,551.27 करोड़ रुपये की राशि भेजी है। क्योकि शाओमी अपने स्मार्टफोन भारत में ही मैनुफेक्चर करता है और बेचता है फिर रॉयल्टी के नाम पर पैसे शाओमी को भेजना भारत के कानून FEMA के अंतर्गत अपराध है। FEMA यानी FEMA Foreign Exchange Management Act या हिन्दी में जिसे हम विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम कहते है। यह कानून विदेशी मामले में लेनदेन के मामलों को देखता हैं।
शाओमी (Xiaomi) के रॉयल्टी में दिए पैसे पर भारत सरकार टैक्स वसूल नही सकती है जिससे भारत को कर का नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही बताया जा रहा कि शाओमी ने यहां बैक को भी गलत सूचना प्रदान कर पैसो का लेनदेन किया है इस मामले में दो अन्य कंपनियां भी शामिल है। ED ने जानकारी देते हुए शाओमी के 5,551.27 करोड़ रुपये जब्त कर लिए है यानी की शाओमी अभी इसका प्रयोग नही कर सकता है, भारत सरकार की तरफ से इस कदम को काफी बड़ा बताया जा रहा हैं।
Xiaomi का पक्ष –
वही शाओमी ने अपना पक्ष रखते हुए कहां यह बात सच है कि हमने MI को पैसे भेजे है क्योकि हमारे कुछ intellectual property rights (बौद्धिक सम्पदा) MI से जुड़े हुए तथा अन्य US कंपनी से भी इसी इस कारण हम जिन फोनो को भारत में बेचते है उनकी कमाई का कुछ हिस्सा हमें रॉयल्टी के रूप उन कंपनियों को चुकाना पड़ता हैं।
इसके अलावा Xiaomi ने बताया कि हम भारत सरकार तथा संस्थाओं के साथ लगातार जुड़े है तथा उनके साथ हुई गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश करेंगे। अब देखना होगा कि प्रवर्तन निदेशालय इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और भारत में विदेशी कंपनियों का भविष्य क्या होगा।