सुप्रीम कोर्ट ने सहकारिता मंत्रालय को दी 5000 करोड़ रुपए निकालने की अनुमति 

0
156
Spread the love
सहारा के खिलाफ चल आ रहे आंदोलन ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। सोमवार को सहारा सेबी विवाद में जमा पैसे से 5000 करोड़ निकालने की अनुमति सहकारिता मंत्रालय को दे दी गई है। इस पैसे से सहारा कॉपरेटिव सोसायटी के निवेशकों के भुगतान के लिए एक प्रतिनिधि नियुक्त किया जाएगा। इस प्रतिनिधि की निगरानी में ही वास्तविक निवेशकों का भुगतान होगा। दिल्ली हाईकोर्ट और तेलंगाना हाईकोर्ट को अपने मैटर को 6 माह के अंदर निपटारे करने का आदेश दिया गया।
दरअसल हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह के वित्त मंत्रालय और एमसीए को साथ लेकर एक बैठक करने की खबर तेजी से चली थी। सुप्रीम कोर्ट का सहकारिता मंत्रालय को 5000 करोड़ रुपए देने की अनुमति उसी कवायद का परिणाम बताया जा रहा है।

दरअसल सहारा पर निवेशकों को दो लाख करोड़ से ऊपर का भुगतान है। सहारा के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन चल रहा है। एक और जहां ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा सहारा के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ रहा है वहीं ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार ने राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चा खोल रखा है।
14 मार्च को मध्य प्रदेश की विधानसभा घेराव में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के शामिल होने की वजह से बीजेपी में हड़कंप है। बीजेपी को डर सता रहा है कि यदि देशभर में सहारा के साथ ही दूसरी ठगी कंपनियों के निवेशकों के प्रोटेस्ट में यदि कांग्रेस शामिल हो गई तो निवेशकों की सहानुभूति कांग्रेस बटोर ले जाएगी। वैसे भी मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।
सुप्रीम कोर्ट के सहकारिता मंत्रालय को 5000 करोड़ रुपए सहारा सेबी के खाते से निकालने की अनुमति के बाद अब केंद्र सरकार पर और पैसा निकालने का दबाव बन गया है। ऐसे में एक ओर जहां विपक्ष निवेशकों और जमाकर्ताओं के आंदोलन को समर्थन देगा वहीं सत्ता पक्ष भी उनका भुगतान कराने के लिए प्रयास करेगा। वैसे भी पीएम मोदी मामले को पकाकर खेल खेलने में माहिर हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here