‘Work from home’ के नाम पर हो रही ठगी का पर्दाफाश किया पंजाब पुलिस ने

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क्या आप भी वर्क फ्रॉम होम करना चाह रहे हैं। घर बैठे लाखों रुपये कमाना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए है। वर्क फ्रॉम होम के नाम पर लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी हो रही है। कोविड के बाद वर्क फ्रॉम होम का चलन तेज हुआ। आज भी कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने का ऑप्शन दे रही हैं। इस दौरान कई लोगों के मोबाइल फोन पर ऐसे मेसेज आए, जिनमें कहा जा रहा था कि घर बैठकर ऑफिस वर्क के बीच थोड़ा समय निकालें और अपनी सैलरी से कहीं ज्यादा पैसे कमाएं। यह लालच देने के साथ ठगी का ऐसा खेल शुरू हुआ, जिसमें इंजीनियर, डॉक्टर, स्टूडेंट से लेकर बिजनेसमैन तक फंस गए और अपनी जेब कटवा बैठे। आए दिन एक न एक खबर साइबर क्राइम से जुड़े सुनने को मिल ही जाती है अब एक और मामला पंजाब से आया है ।

पंजाब पुलिस के साइबर सेल ने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन जॉब फ्रॉड के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह ने 23 राज्यों में 160 लोगों को ऑनलाइन जॉब के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार बनाया है। गिरोह के चार आरोपियों को पंजाब पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया है। दरअसल एसएएस नगर में एक महिला से इस गिरोह ने 25 लाख रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की थी। मामले की जांच करते हुए पुलिस ने इस अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरोह का मुख्य आरोपी विदेश बैठकर धोखाधड़ी के पैसों को क्रिप्टोकरंसी के जरिये लेता था। यह जानकारी पुलिस डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी। डीजीपी ने बताया यह अंतरराष्ट्रीय गिरोह ‘टेलीग्राम’ मोबाइल एप के ग्रुपों का प्रयोग करके ‘वर्क फ्रॉम होम’ की नौकरियों की पेशकश करके भोले-भाले व्यक्तियों को अपने जाल में फंसाता था। भरोसा हासिल करने के लिए पहले पीड़िताें को छोटे-मोटे काम करने के बदले छोटी-मोटी रकम अदा करते थे। बाद में पीड़ित को बड़ी रकम वापस करने का लालच देकर अलग- अलग तरह के बहानों से पैसे ठगते थे।

एडीजीपी साइबर क्राइम वी नीरजा ने बताया कि इस गिराेह ने एक महिला से 25 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी की थी। इस मामले की जांच के दौरान इस गिरोह का पता लगा। एसआई जुझार सिंह जंजुआ और एसआई दविन्दर काश्नी के नेतृत्व में साइबर क्राइम टीम ने मामले की जांच की। ऑपरेशन के दौरान आरोपी जहीरुल इस्लाम और रफीउल इस्लाम को असम के नगाओं जिले से दबोचा गया। इन दोनों ने कबूल किया कि वह ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए एक कस्टमर सर्विसेस पॉइंट (सीएसपी) चला रहे थे और आसान ढंग से पैसे कमाने के लिए वह आम लोगों के दस्तावेजों के अडोब फोटोशॉप सॉफ्टवेयर का प्रयोग करके डुप्लीकेट पैन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड बनाते थे, जिनका प्रयोग उन्होंने बैंक खाते खोलने और एक अन्य दोषी महबूब आलम के निर्देशों पर सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया था।

दोनों आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने महबूब आलम को गुवाहाटी जिले से गिरफ्तार किया। जिसने खुलासा किया कि वह अजीजुर रहमान के संपर्क में आया था, जिसने उसे कमीशन के आधार पर बैंक खाते मुहैया करवाने के लिए कहा था। पुलिस टीमों ने असम के मोरीगांव जिले से आरपी अजीजुर रहमान को भी दबोचा।
विदेश बैठा है गिरोह का मुख्य सरगना गिरोह का मुख्य सरगना जो विदेशों से इस धोखाधड़ी के रैकेट को चला रहा हैए क्रिप्टोकरंसी में पैसे प्राप्त कर रहा था। डीएसपी साइबर क्राइम प्रभजोत कौर द्वारा जांच की जा रही है और अन्य गिरफ्तारियां जल्द होंगी। इस मामले में 13 अक्टूबर, 2023 को एसएएस नगर में स्टेट साइबर क्राइम में आईपीसी की धारा 420 और 120-बी के अंतर्गत दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस को दो स्वाइप मशीनें, दो बायोमैट्रिक स्कैनर, एक आई स्कैनर, एक फिंगरप्रिंट स्कैनर, 38 पैन कार्ड, 32 डेबिट-क्रेडिट कार्ड, 16 सिम कार्ड, 10 वोटर कार्ड, 9 आधार कार्ड, 10 बैंक खातों की पासबुक-चेकबुक, पांच सरकारी रसीदी टिकटें, पांच मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, दो पेन ड्राइव और एक एसबीआई आईडी कार्ड बरामद किया है।

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