सुरक्षित स्थल से असुरक्षित स्थल पर क्यों हो रहा है स्थानांतर आम लोगों मे है चर्चा का विषय
सुभाषचंद्र कुमार
समस्तीपुर पूसा। भारतीय डाक सेवा भारत सरकार का एक उपक्रम जिससे आम लोगों को सीधा सरोकार है। मोबाइल, इंटरनेट, ईमेल, सोशल मीडिया, के दौर मैं जहां पत्राचार को कार्यालय के कामों तक सीमित कर दिया। वहीं भारतीय डाक ने जन सेवाओं को विस्तृत रूप देखकर अपनी प्रतिबद्धता को दिखाया है।
दैनिक बचत, मासिक बचत, बीमा सहित, हर घर तक पार्सल को पहुंचाने एवं बैंकिंग की सुविधा ने डाक को आधुनिकता मिली है। वर्तमान में प्रधान डाकघर से लेकर भाया डाकघर एवं शाखा(उप) डाकघर तक को इंटरनेट की सुविधा से युक्त किया जा चुका है। बैंक की तरह डाक भी ग्राहक को तत्काल हर एक सुविधा देने को तत्पर है।
इसी क्रम में समस्तीपुर जिले के पूसा प्रखंड स्थित दिघरा भाया डाकघर से एक विचित्र मामला प्रकाश में आया है। सारी मकसद या विभागीय लापरवाही के बावजूद भी यहां इंटरनेट (लिंक) नहीं रहने की समस्या नित्य दर्ज की जाती है। ग्राहक सहित शाखा डाकघर को मिलने वाला पर्चा भी नियमित रूप से मिल नहीं पाता।
सूत्रों की माने तो यहां के कर्मचारी काम करने मे लापरवाही करते हैं लेकिन हवाला लिंक फेल का देते हैं। मिली जानकारी के अनुसार भाया डाकघर को लिंक नहीं रहने का हवाला देते हुए महज वर्तमान में अवस्थित कार्यालय को लगभग 200 कदम दूर एक पुस्तकालय में स्थानांतरित किया जा रहा है। जहां सुविधाओं का घोर अभाव है।
इस बाबत डाक अधीक्षक समस्तीपुर पश्चिमी अनुमंडल को एक पत्र प्रेषित करते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं डाकघर के खाता धारकों ने वर्तमान में संचालित डाकघर के स्थल पर रुकने के लिए छायादार स्थल, मीटिंग करने की व्यवस्था, पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था एवं सीसीटीवी कैमरा से सुरक्षित स्थल होने का दावा के साथ स्थानांतरण को रोकने की मांग किया है।
स्थानांतरित स्थल पुस्तकालय विद्यालय परिसर के अंदर होने से विद्यालय के शैक्षिक माहौल पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एवं पुस्तकालय परिसर में सामान्य सुविधाओं के न होने का भी दावा किया गया है। दूसरी ओर आवेदन में पूर्व में हुए विद्यालय परिसर में चोरी की घटना का भी हवाला दिया है एवं पुस्तकालय के स्थल को असुरक्षित बताया है।
आवेदक को पंचायत के मुखिया, उप मुखिया, उपसरपंच, साहित्य कई वार्ड सदस्यों ने हस्ताक्षर किया है। देखना यह होगा कि यह स्थानांतरण रुकता है या फिर खाताधारक सहित कर्मचारियों को असुविधा से जूझना होगा।