केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में घोषणा की थी कि अयोध्या में राम मंदिर 1 जनवरी 2024 तक तैयार हो जाएगा। घोषणा के कुछ दिनों बाद ही मंदिर की जमीन पर काम शुरू हो गया है। अक्टूबर 2024 तक गर्भगृह के पूरा करने और 21 दिसंबर 2023 से 14 जनवरी 2024 के बीच भगवान राम की मूर्ति स्थापित करके इसे भक्तों के लिए खोालने का लक्ष्य रखा गया है।
शुक्रवार को राम मंदिर निर्माण के लिए गठित एक ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में मीडिया को उच्च सुरक्षा के बीच परिसर में चल रहे निर्माण कार्य को दिखाया, जहां 550 से अधिक कर्मचारी प्रतिदिन दो शिफ्टों में काम कर रहे हैं ताकि मुख्य मंदिर के फर्श के पूरा करने की समय सीमा पूरी हो सके।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा, निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। कारीगरों, पर्यवेक्षकों और इंजीनियरों को भरोसा है कि वे 2023 में ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा कर लेंगे। मुहूर्त के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा (मूर्ति स्थापना की रस्म) 21 दिसंबर और मकर संक्रांति के बीच की जाएगी। यह 1 जनवरी या 14 जनवरी या दिसंबर की कोई भी तारीख हो सकती है। उन्होंने कहा कि एक बार प्राण प्रतिष्ठा हो जाने के बाद मंदिर भक्तों के लिए खुल जाएगा।
राम मंदिर निर्माण साइट पर मुख्य कार्य गर्भगृह को पूरा करना है, जहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गत साल जून में शिला पूजन करने के बाद भगवा झंडा फहराया गया था। यह झंडा वहां इसलिए लगाया गया है कि ताकि अस्थायी राम मंदिर में आने वाले श्रद्दालु लगभग 150 मीटर की दूरी में गर्भगृह की पहचान कर सकें।
प्रत्येक स्तंभ पर देवताओं की 16 मूर्तियां उकेरी जाएंगी
चंपत राय ने कहा कि अक्टूबर 2023 तक भूतल तैयार हो जाएगा। प्रत्येक स्तंभ पर अलग-अलग देवताओं की १६ मूर्तियां उकेरी जाएंगी। गर्भगृह की बाहरी दीवार के चारों ओर परिक्रमा मार्ग होगा। कुल मिलाकर मंदिर परिसर में तीन परिक्रमा मार्ग होंगे और सबसे बाहरी 750 मीटर लंबा होगा। भूतल पर पांच मंडप भी होंगे। गर्भगृह के अंदर मूर्ति को ऐसे स्थान पर स्तापित किया जाएगा कि राम नवमी के दिन दोपहर के समय सूर्य की किरणें मूर्ति के मस्तक तक पहुंचेंगी।