भुगतान को लेकर उदयपुर गंगू कुंड आश्रम में आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशकों ने एक जनसभा का आयोजन किया। इस सभा के आयोजक एच आर पालीवाल और मुख्य अतिथि गुजरात बड़ोदरा के हेमेंद्र शाह थे। बैठक में आश्रम के दिनेश निमावत ने बताया कि विगत कई वर्षों से आदर्श सोसायटी को मनमाने तरीके से लिक्विडेटर बैठाकर सोसायटी सदस्यों के साथ अन्याय पूर्ण बर्ताव किया जा रहा है।एक स्वतंत्र देश में यह अनुचित है। बिना उचित कारण से लिक्विडेटर बैठा दिया और जिनके पैसे फंसे हैं वे लोग आत्महत्या कर रहे थे ।
उन्होंने बताया कि करीब 4,000 कर्मचारी, 4,00,000 एजेंट और 21,00,000 निवेशक दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। बैठक में कहा गया कि निवेशकों, एजेंटों और कर्मचारियों के तमाम एफआईआर दर्ज कराने के बावजूद प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है। बैठक में निवेशकों और एजेंटों ने बताया कि उन्होंने अपनी जिंदगी भर की गाढ़ी कमाई सोसाइटी में जमा करा दी पर अब उन्हें वह पैसा नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी की दयनीय स्थिति के लिए आदर्श मुखिया को ही जिम्मेदार ठहराया। बैठक में पहुंचे लोगों ने कहा कि आदर्श घोटाले को लेकर टी.वी. डिबेट होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आदर्श के कुछ सदस्य जी जान से मेहनत कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों से मिल रहे हैं, मंत्रियों के दरवाजे खटखटा रहे हैं, कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं।
आंदोलन कर रहे हैं। हर सॉशल मीडिया पर अपनी परेशानी बता रहे हैं पर कोई राहत नहीं मिल पा रही है। इन लोगों ने न्यायिक प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किये। उन्होंने बताया कि हमारे देश की न्याय व्यवस्था ऐसी है कि बस मिलती है तो बस तारीख। सभा में एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की बात कही गई। सर्वसमत्ति से आर-पार की लड़ाई लड़ने के निर्णय लिया गया। साथ ही उदयपुर में एक खुले मंच पर आगामी चिंतन शिविर का आयोजन करने का भी निर्णय लिया।
आश्रम के ओम प्रकाश नन्दवाना के अनुसार चिंतन शिविर कब और कैसे कहा रखा जाय, उसकी रणनीती बनाने के लिए आगामी सितंबर माह में बैठक रखी गई है।
उन्होंने इसे आखिरी लड़ाई बताया। सभा में कहा गया कि लोगों को अपने करोड़ों की जमा पूंजी को प्राप्त करने के लिए आंदोलन में भाग जरूर लेना चाहिए। हेमेंद्र शाह के नेतृृत्व में सभी आदर्श के सदस्यो से अपील की है कि हर कोई पचास-पचास सदस्यों को साथ लाए आगामी बैठक में आये। सभा में भरत कुमावत, खुदीराम गंगवार, डा .रमाकांत अवस्थी, भावना जोशी, चंद्रकला पालीवाल, अंबालाल पालीवाल, मंजुला कलाल, लोकेश भंडारी आदि ने अपने विचार एव सुझाव व्यक्त किये।