PM नरेंद्र मोदी का 5 ट्रिलियन डॉलर वाली GDP का सपना पूरा होना और मुश्किल! डेटा का जिक्र कर पूछने लगे BJP सांसद- RBI क्यों नहीं दे रहा दखल?

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उन्होंने कहा “हमारी जीडीपी एक हफ्ते में तीन ट्रिलियन डॉलर से गिरकर 2.9 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। विदेशी मुद्रा दर भी 75 से 77 पर पहुंच गया है। एक बार यह 80 पर पहुंचा तो जीडीपी भी 2.8 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी।”

द न्यूज 15 
नई दिल्ली। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि PM नरेंद्र मोदी का 5 ट्रिलियन डॉलर वाली GDP का सपना पूरा होना और मुश्किल है। उन्होंने डेटा का जिक्र कर पूछा कि इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक हस्तक्षेप क्यों नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा “हमारी जीडीपी एक हफ्ते में तीन ट्रिलियन डॉलर से गिरकर 2.9 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गई है। विदेशी मुद्रा दर भी 75 से 77 पर पहुंच गया है। एक बार यह 80 पर पहुंचा तो जीडीपी भी 2.8 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी। ऐसे में 5 ट्रिलियन डॉलर का हमारा लक्ष्य को पूरा होना मुश्किल है। विदेशी मुद्रा का हमारा रिजर्व भी 640 बिलियन डॉलर है। उन्होंने कहा कि ऐसे में रिजर्व बैंक को दखल देना चाहिए। पूछा वह क्यों नहीं दे रहा है?” इससे पहले अलग अलग मुद्दों पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले भाजपा से राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि अर्थव्यवस्था और विदेश नीति में मोदी सरकार फेल रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे सरकार की मदद करने के लिए तैयार हैं लेकिन अभिमान इसमें बड़ी बाधा है।
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कुछ महीने पहले ही स्वामी ने ट्वीट कर मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। इसमें उन्होंने लिखा था, “मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड- अर्थव्यवस्था में फेल, सीमा सुरक्षा में फेल, विदेश नीति में अफगानिस्तान में विफलता मिली, राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर पेगासस का मामला, आंतरिक सुरक्षा में कश्मीर में छाई निराशा, इन सबके लिए कौन उत्तरदायी?
आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 5.7 फीसदी तक पहुंचने की उम्मीद जताई थी, जो कि वर्तमान में 5.69 फीसदी है। जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 लोगों को महंगाई से राहत मिल सकती है। आरबीआई के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) 4.5 फीसदी रह सकता है। 2022-23 की पहली तिमाही में महंगाई 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5 फीसदी, तीसरी तिमाही 4 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 रह सकती है।

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