बिहार में मिलता है यह भूंजा
दीपक कुमार तिवारी
बिहार की राजधानी पटना में हसीना मान जाएगी, हसीना उछल जाएगी और पलंग तोड़ भूंजा मिलता है। यह भूंजा लोगों को खूब पसंद आता है। खास बात यह है कि हीरालाल का खास ‘पलंग तोड़ भूंजा हर किसी को नहीं मिलता है। यह सिर्फ उन लोगों को दिया जाता है जो अपनी शादी की फोटो और आधार कार्ड दिखाते हैं। भूंजा विक्रेता का नाम हीरालाल है। पटना के पाटलिपुत्र इलाके में दुकान लगाते हैं। ये अपने अनोखे नाम वाले भूंजा के नाम से पटना में मशहूर हैं।
72 साल के हीरालाल बताते हैं कि सबसे पहले उन्होंने ‘हसीना मान जाएगी’ भूंजा बनाया था जो लोगों को इतना पसंद आया कि इसकी डिमांड सबसे अधिक हो गई। हर शुक्रवार को वे पास के महावीर वात्सल्य अस्पताल में 1 किलो यह भूंजा पहुंचाते हैं। सड़क किनारे होने के कारण नेता से लेकर डॉक्टर तक उनके ठेले पर भूंजा खाने आते हैं।
हीरालाल के भूंजा की खासियत है उसका अनोखा मसाला जो 140 अलग-अलग सामग्रियों को मिलाकर बनता है। इस मसाले को तैयार करने में हीरालाल को 3 घंटे लगते हैं और यह लगभग 15 दिनों तक चलता है। भूंजा बनाने के लिए चावल की मुढ़ी, भुना चना, कच्चा चना, उबला चना, बादाम, कॉर्न फ्लेक्स, मकई, उबला आलू, प्याज, हरी मिर्च, नींबू और खास तेल का इस्तेमाल किया जाता है। तेल भी अपने आप में खास होता है जिसमें पांच तरह के अचार के तेल का मिश्रण होता है।
हीरालाल 1962 से पटना में भूंजा बेच रहे हैं। उनके ठेले पर दोपहर तीन बजे से रात 10 बजे तक भीड़ लगी रहती है। भूंजा की कीमत की बात करें तो ₹40 में 100 ग्राम ‘हसीना उछल जाएगी’ भूंजा, ₹30 में 100 ग्राम ‘हसीना मान जाएगी’ भूंजा और ₹35 में 100 ग्राम ‘प्यार हो जाएगा’ भूंजा मिलता है। सबसे महंगा है ‘पलंग तोड़ भूंजा’ जो ₹100 में 100 ग्राम मिलता है।
हीरालाल का कहना है कि उन्होंने भूंजा बेचने के लिए अलग-अलग नाम रखे ताकि लोगों का मनोरंजन भी हो सके। वे बताते हैं कि 1962 में सिवान से पटना आए तो भूंजा बेचने के लिए अलग-अलग नाम रखा। इससे लोगों का मनोरंजन भी होता है और ग्राहकों के चेहरे पर मुस्कुराहट भी आती है। लोग इसे चाव से खाते हैं। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इससे हाजमा भी ठीक ढंग से हो जाता है।