आईडीबीआई बैंक में एलआईसी के पास 49.24 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जबकि केंद्र सरकार के पास बैंक में 45.48 प्रतिशत की हिस्सेदारी। वहीं बैंक में नॉन प्रमोटर होल्डर के पास केवल 5.29 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
द न्यूज 15
नई दिल्ली। केंद्र सरकार मार्च के आखिर तक IDBI बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक्सप्रेस ऑफ इंटरेंस्ट (EOI) लेकर आ सकती है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबधंन विभाग के सचिव तुहिना कांता पांडेय ने बताया कि, फिलहाल IDBI बैंक में से कुछ हिस्सेदारी को ही बेचा जाएगा। जिसके लिए सरकार अगले सप्ताह बाजार नियामक में एलआईसी का ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस या प्राथमिक प्रॉस्पेक्ट दाखिल करेगी। वहीं इस फाइनेंशियल ईयर के आखिर तक शेयरों के स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध होने की उम्मीद है।
IDBI बैंक में LIC और सरकार की हिस्सेदारी – आईडीबीआई बैंक में एलआईसी के पास 49.24 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जबकि केंद्र सरकार के पास बैंक में 45.48 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वहीं बैंक में नॉन प्रमोटर होल्डर के पास केवल 5.29 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
तुहिना कांता पांडेय ने बताया कि, IDBI की हिस्सेदारी बेचने के लिए आरबीआई के साथ चर्चा करके प्लांनिंग तैयार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि, हम बोली लगने के बाद कोई अनिश्चिता नहीं चाहते। इसलिए पहले ही साफ कर दिया जाएगा कि, आईडीबीआई बैंक में से सरकार और एलआईसी की कुछ हिस्सेदारी ही बेची जाएगी और बैंक का प्रबंधन एलआईसी के पास ही रहेगा।
ओपन बिडिंग से बेचेंगे IDBI बैंक की हिस्सेदारी – तुहिना कांता पांडेय ने बताया कि, आईडीबीआई बैंक की बिक्री ओपन बिडिंग के आधार पर होगी और ये अपने आप में पहली बार होगा। जब किसी बैंक की हिस्सेदारी ओपन बिडिंग में सेल आउट होगी। उन्होंने बताया कि, ज्यादातर मामलों में ये प्रक्रिया ऐसी बैंकों के लिए यूज होती है जो संकट की स्थिति में होते हैं। लेकिन यहां ओपन बिडिंग के जरिए IDBI बैंक के लिए बेहरत निवेशक खोजा जाएगा।
मार्च तक आएगा LIC का IPO – तुहिना कांता पांडेय ने बताया कि, एलआईसी का आईपीओ इस फाइनेंशियल ईयर के आखिर यानी मार्च 2022 तक आ जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से अगले सप्ताह डीआरएचपी दाखिल की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे एम्बेडेड प्राइस को IRDAI जल्द ही मंजूरी देगी। जिसके बाद डीआरएचपी दाखिल की जाएगी।
वहीं उन्होंने कहा कि, 5 लाख करोड़ रुपये के एम्बेडेड प्राइस के बाद LIC की मार्केट वैल्यू 15 से 20 लाख करोड़ रुपये के बीच में हो जाएगी और LIC रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस जैसी कंपनियों की लग में आ जाएगी। तुहिना ने कहा कि, LIC के आईपीओ के बाद ही सरकार IDBI बैंक में से अपनी हिस्सेदारी बेचेगी।