द न्यूज़ 15
अगरतला/इंफाल। शनिवार को रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने हरी झंडी दिखाकर पूर्वोत्तर के तीन राज्यों असम, मणिपुर और त्रिपुरा को जोड़ने वाली पहली जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत कराई। इस अवसर पर केंद्रीय डोनर (पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकास) मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि बहुप्रतीक्षित ट्रेन सेवा पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगी।
जनशताब्दी त्रि-साप्ताहिक सेवा मणिपुर से त्रिपुरा के लिए दक्षिणी असम के सिलचर में अरुणाचल स्टेशन के माध्यम से जिरीबाम (मणिपुर) और अगरतला के अलावा सिलचर, बदरपुर, न्यू करीमगंज (सभी असम में), धर्मनगर और अंबासा (त्रिपुरा में) जैसे कुछ महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेगी। दो टर्मिनल स्टेशन बनेंगे।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी गुनीत कौर के अनुसार, ट्रेन की यात्रा यात्रा के समय को आधे से कम कर देगी, क्योंकि यात्रा का समय लगभग 12 घंटे की यात्रा के मुकाबले 300 किमी की दूरी को कवर करने में लगभग छह घंटे का होगा।
रेड्डी ने पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए ‘हिरा’ मॉडल (हाईवे के लिए एच, इंटरनेट के लिए आर, रेलवे के लिए आर और एयरवेज के लिए ए) के साथ काम करने की दृष्टि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया।
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि यह ट्रेन पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति को जोड़ने वाली कड़ी होगी।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित इंफाल-मोरेह (भारत-म्यांमार सीमा के साथ) रेल खंड एक बहुत ही रणनीतिक लाइन होगी, जिसके कारण भारत और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच संबंध बहुत महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा कि अगरतला-अखौरा (बांग्लादेश) रेल परियोजना के कार्य में तेजी लाई जाएगी।
फ्लैग-ऑफ समारोह दिल्ली में रेलवे बोर्ड, इंफाल में मुख्यमंत्री कार्यालय और जिरीबाम और अगरतला में रेलवे स्टेशनों के बीच वर्चुअल मोड में हुआ।
वैष्णव और रेड्डी के अलावा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, मणिपुर के उनके समकक्ष एन. बीरेन सिंह, केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक और राजकुमार रंजन सिंह और रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वी.के. त्रिपाठी व अन्य शामिल थे।
एनएफआर सीपीआरओ ने कहा कि यह ट्रेन सेवा पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और परिवहन क्षेत्र को गति प्रदान करेगी।