चेन्नई (द न्यूज़ 15 ) | मल्टी-बिजनेस कंपनी आईटीसी लिमिटेड ने मंगलवार को कहा कि उसने तमिलनाडु के डिंडीगुल में 14.9 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट चालू किया है। कंपनी के अनुसार, 14.9 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्लांट 76 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया, जिससे तमिलनाडु में कंपनी की 90 प्रतिशत बिजली की जरूरतों को नवीकरणीय स्रोतों से पूरा किया गया है।
कंपनी ने कहा कि आईटीसी ने 2030 तक नवीकरणीय स्रोतों से पूरी ग्रिड बिजली की जरूरतों का 100 प्रतिशत पूरा करने और जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए सार्थक योगदान देने की योजना बनाई है।
59 एकड़ में फैले डिंडीगुल सोलर प्लांट से तमिलनाडु में आईटीसी के होटलों, फूड मैन्युफैक्च रिंग प्लांट्स, पेपर मैन्युफैक्च रिंग फैसिलिटी और प्रिंटिंग और पैकेजिंग फैक्ट्रियों के लिए सालाना 2.2 करोड़ यूनिट से ज्यादा नवीकरणीय एनर्जी जेनरेट होगी।
आईटीसी लाइफ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, सेंट्रल प्रोजेक्ट्स, ईएचएस एंड क्वालिटी एश्योरेंस के ग्रुप हेड, संजीव रंगरास ने कहा, “आईटीसी में, हमने जलवायु परिवर्तन के खतरे को व्यापक रूप से कम करने के लिए बड़े पैमाने पर पर्यावरण प्रबंधन के लिए एक मिशन को लगातार आगे बढ़ाया है। नवीकरणीय ऊर्जा संपत्तियों में हमारे बड़े पैमाने पर निवेश हमारी निम्न कार्बन रणनीति का एक अभिन्न अंग है, जिसका उद्देश्य, नेट जीरो इकोनॉमी में सार्थक योगदान देना है।”
आईटीसी के नवीकरणीय पोर्टफोलियो में 138 मेगावाट के पवन ऊर्जा प्लांट और 14 मेगावाट के सौर प्लांट शामिल हैं, जिनमें 53 मेगावाट की अतिरिक्त सौर क्षमता का निष्पादन किया जा रहा है।
वर्तमान में, बायोमास बॉयलर जैसे नवीकरणीय ऊर्जा के अन्य स्रोतों में भी परियोजनाएं चल रही हैं। कंपनी ने अब तक नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
नवीकरणीय ऊर्जा तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और पंजाब में आईटीसी के 20 कारखानों, 9 होटलों और 6 कार्यालय भवनों को बिजली प्रदान करेगी।
2018 में, आईटीसी इंटर-स्टेट ओपन एक्सेस मैकेनिज्म के माध्यम से राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा का पहिया चलाने वाली पहली निजी क्षेत्र की इकाई बनी। वर्तमान में, आंध्र प्रदेश में आईटीसी का 46 मेगावाट पवन ऊर्जा प्लांट 8 राज्यों में 15 से अधिक आईटीसी प्रतिष्ठानों को बिजली की आपूर्ति करता है।
नई नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियों में निवेश के अलावा, आईटीसी, अपने संवहनीय 2.0 परियोजना के तहत, विशिष्ट उत्सर्जन में 50 प्रतिशत की कमी और 2014-15 की आधार रेखा पर 2030 तक विशिष्ट ऊर्जा खपत में 30 प्रतिशत की कमी हासिल करना चाहती है। कम कार्बन ऊर्जा समाधानों के माध्यम से ऊर्जा खपत को कम करने के इस तरह के प्रयासों को बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण और अनुसंधान एवं विकास पहल, क्रॉस-क्षेत्रीय सहयोग और साझेदारी के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
आईटीसी पर्यावरण प्रबंधन में एक मिसाल है। कंपनी को हाल ही में सीडीपी द्वारा जलवायु परिवर्तन और जल सुरक्षा दोनों के लिए ‘ए-‘ के स्कोर के साथ ‘लीडरशीप लेवल’ पर दर्जा दिया गया था।