लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है पत्रकारों को अर्धनग्न करना : दिनेश चंद्र दिवाकर 

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राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा ने जिम्मेदार तंत्रों और लोगों को मीडिया पर हो रहे हमले के विरोध में आगे आने की अपील 

द न्यूज 15 
लखनऊ। राष्ट्रीय उपकार संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश चंद्र दिवाकर ने कहा है कि पत्रकारों पर जिस तरीके से सरकार में बैठे लोग व उसके प्रशासनिक अधिकारी हमलावर हो रहे हैं यह निंदनीय है। ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश का आईना कहा जाने वाले चौथे स्तम्भ की भूमिका निभाने वाले पत्रकार इस तरह से पीड़ित व प्रताड़ित किये जायेंगे तो लोकतंत्र ही खत्म हो जायेगा। समाज की वास्त्विक कमी या अच्छाई का आकलन करना दुर्लभ हो जाएगा। जहां हम सबकी निगाहें नही पहुंचती वह पत्रकार के माध्यम से हमें जानकारी मिल जाती है।
उनक कहना है कि मामला चाहे मध्य प्रदेश का हो या उत्तर प्रदेश पत्रकाओं का उत्पीड़न बर्दश्त नहीं किया जाएगा।
दिनेश दिवाकर का कहना है कि पत्रकार साथियों को अर्धनग्न किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में एक विधायक और उसके बेटे पर टिप्पणी करने पर एक एसएचओ ने पत्रकारों को अर्धनग्न कर दिया और जिम्मेदार लोग देखते रहे। आज भी इस मामले में चुप्पी साधी जा रही है। सच्चाई उजागर करने पर पत्रकारों को जेल में डाला जा रहा है। दिनेश दिवाकर ने कहा है कि  ये देश के लिए शुभ संकेत नही हैं। आज पत्रकार साथियों की देन है कि सहारा का मामला इतनी ऊंचाई पर पहुँचा औऱ सुब्रत रॉय की नाकों में दम कर दिया गया है। देश का सबसे बड़ा मामला है सहारा से भुगतान का लेकिन कोई भी नेशनल लीडर व नेशनल पार्टी इसकी बात करने को तैयार नहीं। उनका कहना है कि देश से पढ़ाई दवाई कमाई  चैन सुकून आम आदमी का गायब हैं।  लेकिन  हमारी सरकार इस पर जरा सा अमल नहीं कर रही है। सोचने की बात यह है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री तमाम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। पर सहारा की मनमानी पर वह कुछ नहीं बोलते हैं।
दिनेश चंद्र दिवाकर ने कहा है कि वह  अपनी लेखनी के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री व जिम्मेदार अफसर व सरकारी एजेंसियों को सचेत करते रहते हैं।
उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा घोटाला होने जा रहा है। इसे बचाना जरुरी हो गया है।  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख को बट्टा लगेगा जैसा कि इसके पहले मेहुल चोकसी, विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने यहां की बैंको को चूना लगा लगाया और  विदेशी नागरिकता लेकर अमन चैन से जी रहे हैं। ऐसे में सचेत होने की जरूरत है।

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