पशुपालकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर, हरियाणा के इतिहास में सबसे लंबे कर्मचारी आंदोलनों में से एक

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डिप्लोमा वेटरनरी एसोसिएशन हरियाणा: हज़ारों दिनों से संघर्ष जारी, कब मिलेगा न्याय?

हरियाणा पशुपालन विभाग में महानिदेशक पद पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति एवं VLDA कर्मचारियों की माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा स्वीकृत मांगों की अधिसूचना जारी करवाने हेतु Diploma Veterinary Association Haryana 633 द्वारा 1015 दिनों से आंदोलन जारी है। बिजेंद्र सिंह बैनीवाल, राज्य प्रधान एवं रामफल राहड़, महासचिव, डिप्लोमा वैटरनरी एसोसिएशन हरियाणा का कहना है कि जब तक हरियाणा सरकार वीएलडीए कर्मचारियों की मांंगों की अधिसूचना जारी नहीं करती तब तक यह आन्दोलन जारी रहेगा। उनकी मांंगें न्यायसंगत हैं और जनता के हित में हैं।

-ऋषि प्रकाश कौशिक, गुरुग्राम।

हरियाणा के पशुपालन और वेटरनरी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले Veterinary Livestock Development Assistants (VLDA) पिछले 1016 दिनों से अपनी जायज मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। पंचकूला के सेक्टर-5 में धरने पर बैठे ये कर्मचारी अपनी सेवा शर्तों में संशोधन, पदनाम परिवर्तन और बेहतर वेतनमान की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक सरकार की ओर से कोई ठोस समाधान नहीं निकला है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

 

संघर्ष की मुख्य मांगें

डिप्लोमा वेटरनरी एसोसिएशन हरियाणा द्वारा उठाई गई प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

1. VLD डिप्लोमा का नाम बदलकर DVSC (Diploma in Veterinary Science) किया जाए – ताकि इसे राष्ट्रीय स्तर पर अधिक मान्यता मिले।

2. VLDA के सर्विस रूल्स में संशोधन किया जाए – जिससे कर्मचारियों की पदोन्नति और भविष्य सुरक्षित हो सके।

3. VLDA का पदनाम बदलकर VLEO (Veterinary Livestock Extension Officer) किया जाए – ताकि उनकी भूमिका को अधिक आधिकारिक दर्जा मिल सके।

4. डिप्लोमा वेटरनरी काउंसिल का गठन – जिससे इस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए एक नियामक निकाय बनाया जा सके।

5. वेतनमान में ग्रेड पे को अपग्रेड किया जाए – जिससे कर्मचारियों को उचित आर्थिक लाभ मिले।

6. हरियाणा के पशु अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं का सुधार – ताकि प्रदेश के पशुपालकों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।

7. सेवा नियमों में संशोधन: Assured Career Progression (ACP) को लागू किया जाए, ताकि कर्मचारियों की पदोन्नति और करियर ग्रोथ सुनिश्चित हो सके।

8. ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव में भागीदारी: सभी VLDAs को आगामी ऑनलाइन स्थानांतरण अभियान में शामिल किया जाए, जिससे स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता बनी रहे।

 

राजनीतिक समर्थन और सरकार की चुप्पी

हरियाणा में विभिन्न राजनीतिक दल इस आंदोलन को समर्थन देने लगे हैं। हाल ही में कई विपक्षी नेता धरना स्थल पर पहुंचे और एसोसिएशन की मांगों को जायज़ बताया। उन्होंने सरकार से जल्द समाधान निकालने की अपील की।

वहीं, सरकार की चुप्पी और निष्क्रियता से प्रदर्शनकारियों में नाराजगी बढ़ रही है। पशुपालन विभाग में VLDA की भूमिका अहम होने के बावजूद उनकी अनदेखी हो रही है। यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकार इस क्षेत्र को गंभीरता से ले रही है?

सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही है?

अब तक हरियाणा सरकार की ओर से कोई ठोस बयान या ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। कुछ उच्च अधिकारियों ने बातचीत के संकेत दिए हैं, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। सरकार और कर्मचारियों के बीच बार-बार वार्ता असफल रही है।

पशुपालकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर

हरियाणा एक कृषि और पशुपालन प्रधान राज्य है, जहां लाखों पशुपालक सरकारी पशु चिकित्सालयों पर निर्भर हैं। VLDA कर्मचारियों की कमी और उनकी समस्याओं का समाधान न होना, सीधा असर पशुपालकों पर डाल रहा है।

अगर VLDA कर्मचारियों की स्थिति में सुधार किया जाता है, तो इससे पशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। यह सीधे तौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था और डेयरी उद्योग को मजबूती देगा।

हरियाणा में गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और अन्य पशुधन की बड़ी संख्या है।

VLDA कर्मचारी ही गांव-गांव जाकर पशुओं की बीमारियों का इलाज और टीकाकरण करते हैं।

सरकार की उपेक्षा से पशुपालकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं नहीं मिल रही हैं।

 

प्रदर्शनकारियों की अगली रणनीति

धरना 1000 दिनों से अधिक समय से जारी है, लेकिन अब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर और आक्रामक रुख अपनाने की तैयारी में हैं।

1️⃣ प्रदेशभर में VLDA कर्मचारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन तेज किया जाएगा।
2️⃣ काम बंद हड़ताल – अगर सरकार गंभीरता नहीं दिखाती, तो VLDA कर्मचारियों द्वारा सेवाएं ठप करने की चेतावनी दी जा सकती है, जिससे पशुपालन विभाग में भारी संकट आ सकता है।

विशेषज्ञों की राय: क्या समाधान निकल सकता है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि VLDA कर्मचारियों की मांगें पूरी तरह से जायज़ हैं और सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
“अगर पशुपालन क्षेत्र को मजबूत बनाना है, तो VLDA कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना होगा। उनका पदनाम और वेतनमान सुधारने से पशुपालकों को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी।”

“देशभर में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं, लेकिन जब तक फील्ड लेवल पर काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन और पद नहीं मिलेगा, तब तक योजनाओं का सही लाभ नहीं मिलेगा।”

क्या होगा आगे?

यह संघर्ष अब हरियाणा के इतिहास में सबसे लंबे कर्मचारी आंदोलनों में से एक बन चुका है। सवाल यह है कि क्या सरकार इस पर ध्यान देगी या यह आंदोलन और लंबा खिंचेगा?

हरियाणा सरकार को चाहिए कि वह संवेदनशीलता के साथ इन मांगों को सुने और जल्द से जल्द समाधान निकाले।

1️⃣ सरकार को VLDA कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से बातचीत करनी चाहिए।
2️⃣ डिप्लोमा वेटरनरी काउंसिल का गठन करने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
3️⃣ पदनाम और वेतनमान सुधारने के लिए सर्वे और समीक्षा रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।

अगर सरकार समय रहते समाधान निकालती है, तो यह न केवल कर्मचारियों के हित में होगा, बल्कि पूरे पशुपालन क्षेत्र की बेहतरी के लिए भी एक अहम कदम साबित होगा।

 

निष्कर्ष

हरियाणा सरकार को अब इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। 1016 दिनों से चल रहे इस संघर्ष का जल्द समाधान निकालना न केवल VLDA कर्मचारियों के हित में है, बल्कि यह पशुपालकों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और राज्य के विकास के लिए भी आवश्यक है।

अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है, जिससे पशुपालन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं और पशुपालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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