Haldwani Land Encroachment : कब्जे वाली जमीन पर 4000 परिवार, 3 स्कूल और एक हेल्थ सेंटर, पुलिस बोली-कोर्ट का फैसला करवाएंगे लागू इलाके को जोन, सेक्टर और सुपरजोन में बांटकर पीएसी तैनात कर दी गई है

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नैनीताल के हल्द्वानी में 4,000 से अधिक परिवारों के लिए नए साल की शुरुआत बहुत खराब थी। सुबह समाचार पत्रों में उन्हें एक सूचना मिलीि क एक हफ्ते में सभी अवैध अतिक्रमण को खाली करना है। उत्तरी-पूर्वी रेलवे द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि ऐसा नहीं करने पर सभी अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया जाएगा और अतिक्रमणकारियों से लागत वसूल की जाएगी। इसके साथ लाउडस्पीकरों से बार-बार घोषणा की गई, लोगों को जमीन खोली करने के लिए कहा गया, गफूर बस्ती और ढोलक बस्ती, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में व्यापक दहशत फैल गई।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है

हल्द्वानी ने बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि के अतिक्रमण को हटाये जाने को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश के बाद कुमाऊं रेंज के डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने कहा, उच्च न्यायालय का आदेश पर तमाम संगठन और लोगों से वार्ता की गई। हमने पूरे एरिया को जोन, सुपर जोन और सेक्टर में बांट दिया है। हम सभी जोन को गंभीरता से आंकलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कितने घर किस सेक्टर जोन में आ रहे हैं और किस तरह से उनको हटाया जाएगा, इसका भी आकलन किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय से फोर्स की डिमांड भी की गई है।
डीआईजी ने बताया कि हमने अखबारों में जमीन खाली कराने के लिए नोटिस दिया है। 5 पीएसी कंपनियां मौके पर तैनात हंै और 3 पीएसी कंपनियां भी 8 जनवरी तक पहुंच जाएंगी। हमने सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी मांगी हैं। करीब 4000-5000 पुलिसकर्मियों की तैनानी होगी। दूसरी ओर नैनीताल के जिलाधिकारी गब्र्याल ने कहा, यहां पर जितने भी लोग हैं वे रेलवे की भूमि पर हैं। इनको हटाया जाना है। इसके लिए हमारी तैयारी पूरी चल रही है। हमने फोर्स की मांग की है। आने वाले कुछ समय में हम उन्हें हटाएंगे। ये उच्च न्यायालय का आदेश है उसका पालन करना होगा। दरअसल उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने दो हफ्ते पहले एक आदेश में अवैध कब्जे को हटाने को कहा था। इसके बाद वहां रह रहे लोगों को नोटिस देकर घर खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। नैनीताल जिले के अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र से कुल 4,365 अतिक्रमण हटाए जाएंगे। कुछ लोग वहां दशकों से रह रहे हैं और अदालत के आदेश का विरोध कर रहे हैं।

कांग्रेस विधायकों ने किया विरोध, समस्या के लिए सरकार को बताया दोषी

हल्द्वानी के कांग्रेस विधायक सुमित ह्रदयेश ने तथाकथित रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के विरुद्ध बनफूलपुरा क्षेत्र के लोगों का प्रदर्शन का मंगलवार को जोरदार समर्थन किया और उनकी दुर्दशा के लिए उत्तराखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराया। ह्रदयेश ने कहा है कि करीब सौ साल से बनफूलपुरा क्षेत्र में लोग बसे हैं। यहां 70 साल पुरानी मस्जिदें और मंदिर हैं। यहां नजूल जमीन, पूर्ण स्वामित्व वाली भूमि और लीजधारक हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार अतिक्रमण हटाने का जो अभियान चला रही है, उससे प्रभावित होन वाले लोगों के बारे में उसने न्यायालय को भी कभी नहीं बताने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि रेलवे जिस 76 एकड़ जमीन को अपना बताता है, उसे खाली करने का विरोध करने के लिए हम व्यक्तिगत रूप से उच्च न्यायालय गये। हम उच्चतम न्यायालय भी गये। जहां हमारे वरिष्ठ नेता सलमान खुशीर्द मामले की पैरवी कर रहे हैं लेकिन सरकार ने जमीन पर स्कूल व अस्पताल बनवाये, उसने अपने नागरिकों की कोई परवाह नहीं की। विधानसभा में हल्द्वानी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हर्दयेश ने हाल में प्रदर्शनकारियों के धरने में हिस्सा लिया। यह सीट पारंपरिक रूप से वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं उनकी मां इंदिरा ह्रदयेश जीतती थीं। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के बनफूल इलाके में रेलवे की 28 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने का 20 दिसंबर को आदेश दिया था।

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