समस्तीपुर। आज के दौर में जहां लिखने की कला विलुप्त होती जा रही है वहीं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के सहायक डॉ. राजेश कुमार अपनी जीवंत लेखनी विभिन्न बिन्दुओं के समीक्षा तथा समाज सेवा से युवा पीढ़ी को एक महत्वपूर्ण संदेश दें रहें हैं। एक खास बातचीत में डॉ. कुमार ने कहा कि युवाओं पर भावी पीढ़ी के निमार्ण का बहुत ही महत्वपूर्ण जवाबदेही है, आज हमारे देश के युवा वर्ग में लेखन कला विलुप्त होती जा रही है युवा पीढ़ी कट कापी पेस्ट पद्धति पर निर्भर होते जा रहे हैं जिससे स्तरीय पाठ्य सामग्री की कमी साफ दिखाई दे रही है। जिसका खामियाजा भावी पीढ़ी को निश्चित रूप से भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने आह्वान किया कि युवा पीढ़ी अपने लेखन कौशल विकास हेतु संकल्पित होकर समाज निर्माण हेतु बहुमूल्य रचना प्रस्तुत करें। जिससे स्तरीय पाठ्य सामग्री भावी पीढ़ी को प्राप्त हो सके। जानकारी हो कि डॉ. राजेश कुमार हिंदी मौलिक लेखन हेतु उत्कृष्ट अंतराष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं।