द न्यूज़ 15
नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने एनईईटी-पीजी काउंसलिंग के लिए विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के आधार पर चल रहे दाखिलो को लेकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण के मौजूदा मानदंडों को जारी रखने का फैसला किया है। एनईईटी-पीजी काउंसलिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि उसने ईडब्ल्यूएस के लिए मौजूदा मानदंडों को बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि मानदंड को बीच में बदलने से जटिलताएं पैदा होंगी।
सरकार ने 31 दिसंबर को एक हलफनामा में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि उसने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण के मानदंडों की समीक्षा के लिए समिति की सिफारिशों को उन परिवारों के अभ्यर्थियों के लिए स्वीकार कर लिया है, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये तक है। लेकिन ऐसे अभ्यर्थियों के लिए नहीं, जिनके परिवार के पास पांच एकड़ कृषि भूमि है और आय ईडब्ल्यूएस श्रेणी से ऊपर है।
ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लिए मानदंड की समीक्षा पर अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञ समिति ने सिफारिश की है कि 2019 से चल रही मौजूदा प्रणाली को बिगाड़ने से लाभार्थियों के साथ-साथ अधिकारियों के लिए भी अधिक जटिलताएं पैदा होंगी।
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 6 जनवरी को करेगा।