दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस पर कंटेनर में लगी आग, लाखों का माल जलकर राख

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ऋषि तिवारी
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे पर मुंबई से नोएडा वेल्डिंग मशीन लेकर आ रहे कंटेनर में आग लग गई। आग लगने की घटना की सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।

कोको इलेक्ट्रा टावा वेल्ड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक कमल कुमार इलेक्ट्रा ने बताया कि हमारा वेल्डिंग मशीनों का कंटेनर इलेक्ट्रा कोको टावा के नाम से चीन से शिप द्वारा मुंबई आया था, मुंबई से कंटेनर में लोड होकर नोएडा के लिए रवाना हुआ था, बड़ौदा टोल ब्रिज पर ड्राइवर को कंटेनर से धुआ निकलता दिखा, टोल ब्रिज वालों ने कंटेनर को आगे लगाने के लिए बोला, कंटेनर का दरवाजा खोल देखा गया तो अंदर से धुआं निकल रहा था तुरंत कंटेनर के ड्राइवर ने 100 नंबर और फायर ब्रिगेड को फोन किया, फायर ब्रिगेड को आने में लगभग एक घंटा लगा, तब तक काफी ज्यादा वेल्डिंग मशीन जल कर राख हो चुकी थी।

ड्राइवर कंडक्टर ने जैसे तैसे कुछ डिब्बे बाहर निकाले, ट्रैकर में माल की कीमत 54 लाख थी जिसका इंश्योरेंस था परंतु कस्टम का पैसा इसमें इंक्लूड नहीं होता है, ड्राइवर की गलती से या अकस्मात आग लगने से हमारी कंपनी को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा कि देश के हाईवे पर अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन…? जगह जगह बड़े-बड़े बोर्ड लगे होते हैं सहायता के लिए कि संपर्क करें, परंतु फोन कोई नहीं उठाता, टोल ब्रिज जहां 30 लोग काम करते हैं उनका फोन भी फायर ब्रिगेड ने नहीं उठाया, किसी के पास फायर ब्रिगेड का पर्सनल नंबर था तो उसने फोन किया, काश हाईवे पर फायर ब्रिगेड 10 मिनट में आ जाती तो इतना बड़ा नुकसान नही होता।

टोल टैक्स से 20 मीटर की दूरी पर कंटेनर था, लेकिन टोल टैक्स में भी आग बुझाने का कोई इंतजाम नहीं था, कैसा टोल टैक्स है, कैसे सिस्टम है, लाखों रुपए रोज कमाने के बाद भी कोई सुविधा नहीं, टोल टैक्स नियमानुसार टोल टैक्स पर हर प्रकार की सुविधा होती है जो यह हजम कर जाते हैं। इस प्रकार के नुकसानों का जिम्मेदार कौन..? सारे नियम हवा में दिखाने के लिए होते हैं, अगर आग बुझाने के चार सिलेंडर भी टोल टैक्स पर होते तो या लाखों का नुकसान ना होता।

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