‘हवस का पुजारी सुना है, हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता’, बोधगया में बरसे बाबा बागेश्वर

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 गया। बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बिहार के बोधगया में अपने भक्तों को संबोधित करते हुए हिंदुओं से एकजुट होने की अपील की। बाबा बागेश्वर अपने 200 अनुयायियों को पिंडदान कराने के लिए गया में हैं। यहां पर कथा के दौरान उन्होंने कहा कि मुसलमान अपने मौलवियों का अपमानित नहीं करते, लेकिन हिन्दू ऐसा करते हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमान कभी भी अपने मौलवियों की बेइज्जत नहीं करते हैं, लेकिन हमलोग करते हैं।
बाबा बागेश्वर ने आगे कहा कि लोगों के दिमाग में गलत बातें भरी जा रही हैं, जिसकी वजह से आज लोग श्राद्ध जैसे कर्मकांड को भी मजाक समझते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि हम लोग के दिमाग में बहुत ही प्रायोजित तरीके से ब्रेन को वॉश करने के लिए शब्दों को पहुंचाया जा रहा है और भरा जा रहा है, इसलिए आज लोग श्राद्ध को भी हास्य समझते हैं।
धीरेंद्र शास्त्री ने इस दौरान यह भी कहा कि वह किसी के विरोध में नहीं हैं लेकिन उन्होंने ‘हवस का पुजारी’ सुना है, तो ‘हवस का मौलवी’ क्यों नहीं हो सकता? उन्होंने लोगों से सवाल किया कि क्या उन्होंने कभी किसी मुल्ला को अपने धर्म का मजाक उड़ाते हुए देखा है? उन्होंने कहा कि हम किसी के विरोध में नहीं हैं, लेकिन हमने हवस का पुजारी सुना है। हवस का मौलवी क्यों नहीं हो सकता है?
बाबा बागेश्वर ने कहा कि सनातनी लोग खुद अपने ही धर्म, संतों और तीर्थस्थलों का मजाक उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग इतने विचित्र लोग हैं। सनातनी केवल अपनी ही चीजों को मजाक बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सनातनी खुद अपने धर्म के संतों का और तीर्थों का मजाक उड़ाते हैं। मंदिरों को पाखंड की दुकान कहते हैं। संतों को ढोंगी-पाखंडी बताते हैं। उन्होंने कहा कि कभी आपने किसी मुल्ला को नहीं ऐसा करते नहीं देखा होगा।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वो जातिवाद के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन वो हिंदू धर्म और अपने पूर्वजों के संस्कारों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि हम जातिवाद के बिल्कुल पक्ष में नहीं है। हम सिर्फ हिंदुत्व के पक्ष में है, लेकिन हमारे पूर्वजों के जो संस्कार है उसे मानेंगे।

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