हिजाब विवाद के बीच बेंगलुरु के एक कॉलेज ने सिख लड़कियों से कहा, पगड़ी न पहनें

0
219
Spread the love

द न्यूज 15 

बेंगलुरु। कर्नाटक में हिजाब विवाद से जुड़ एक और विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद राज्य के एक कॉलेज ने अमृतधारी सिख लड़की को पगड़ी हटाने के लिए कहा है। मालूम हो कि हाई कोर्ट ने अपने हालिया अंतरिम आदेश में हिजाब विवाद से संबंधित सभी याचिकाओं पर निर्णय होने तक राज्य के सभी छात्रों के कक्षा के भीतर भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब और किसी भी धार्मिक पहचान को धारण करने पर रोक लगायी है।
कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि 16 फरवरी को जब दोबारा शैक्षणिक संस्थान खुले तो उन्होंने छात्रों को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया। हालांकि, पूर्व-विश्वविद्यालय शिक्षा उप निदेशक ने इस सप्ताह के शुरुआत में कॉलेज के अपने दौरे के दौरान, हिजाब में कॉलेज आयी लड़कियों के एक समूह को अदालत के आदेश के बारे में सूचित किया और उनसे इसका पालन करने के लिए कहा। इन लड़कियों ने मांग की कि सिख समुदाय समेत किसी भी धर्म की लड़की को धार्मिक चिह्न धारण करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
इसके बाद कॉलेज ने सिख लड़की के पिता से संपर्क किया और उन्हें अदालत के आदेश और उसका पालन करने की आवश्यकता के बारे में बताया। सूत्रों के अनुसार, लड़की के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी पगड़ी नहीं हटायेगी और वे कानूनी राय ले रहे हैं, क्योंकि हाईकोर्ट और सरकार के आदेश में सिख पगड़ी का उल्लेख नहीं है।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी CFI की जानकारी : हिजाब विवाद में कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) की भूमिका के बारे में पूरी जानकारी मांगी है। हाई कोर्ट ने यह आदेश तब दिया है जब कि वरिष्ठ वकील एसएस नागानंद ने सरकारी कॉलेज की तरफ से कोर्ट में कहा कि हिजाब का यह प्रकरण  सीएफआई से जुड़ी कुछ छात्राओं ने शुरू किया था। ऐडवोकेट जनरल ने कहा है कि सीएफआई के बारे में सेरी जानकारी लिफाफे में कैद है और जल्द ही कोर्ट को सौंप दी जाएगी। बता दें कि कॉलेज के प्रिंसिपल से हिजाब पहनकर क्लास अटेंड करने की इजाजत मांगने के बाद 6 लड़कियां सीएफआई की एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में शामिल हुई थी जो कि उडुपी में आयोजित की गई थी। कॉलेज के प्रिंसिपल की तरफ से पेश वकील ने कहा कि लड़कियों ने कॉलेज कैंपस में हिजाब पहन रखा था लेकिन क्लास में जाकर इसे उतार दिया था। कॉलेज के वकील ने कहा, ‘इंस्टिट्यूट में हिजाब पहनने या न पहनने को लेकर कोई नियम नहीं बनाया गया था लेकिन पिछले 35 साल से कोई क्लास में हिजाब नहीं पहन रहा था। इसके लिए जिन छात्राओं ने मांग की है उनका संबंध बाहर के किसी संगठन से है और उनके कहने पर ही ऐसा किया गया है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here