आरबीआई ने गौतम अडानी की कंपनियों को लेकर आई रिपोर्ट के बाद बैंकों से समूह की कंपनियों को दिये गये लोन का ब्यौरा मांगा है
अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में हलचल है। इस हलचल को देखते हुए खुद अडानी ग्रुप ने अडानी एंटरप्राइजेस लिमिटेड के एफपीओ वापस ले लिया है। अब अडानी ग्रुप को दिये गये ऋण को लेकर आरबीआई भी एक्टिव हो गया है। न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक खबर के अनुसारे आरबीआई ने भारतीय बैंकों से अडानी ग्रुप और उनकी कंपनियों को दिये गये लोन की संपूर्ण जानकारी मांगी है। दूसरी ओर विपक्षी दल इस मामले पर अडानी समूह और मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में लग गये हैं। गुरुवार को बजट सत्र के तीसरे दिन दोनों सदनों में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ, जिस वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विपक्षी दल अडानी ग्रुप समूह की कंपनियों से जुड़े मामलेकी जांच की मांग कर रहे हैं।
क्या बोले गौतम अडानी
शुक्रवार को अडानी द्वारा एफपीओ लिये जाने के फैसले के बाद समूह की कंपनियों के शेयर्स में भारी गिरावट देखी गई। एफपीओ वापस लेने के फैसले का लेकर कंपनी ने कहा है कि यह फैसला बाजार में अस्थिरता को देखते हुए लिया गया है। कंपनी ने कहा कि उनका उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। अडानी समूह एफपीओ का पूरा पैसा वापस करने जा रहा है। गौतम अडानी ने एफपीओ वापस लेने के फैसले पर कहा कि इस फैसले से बहुत सारे लोग चौक गये हैं। हमने बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए एफपीओ के साथ आगे बढ़ना नैतिक रूप से सही नहीं समझा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए मेरे निवेशकों का हित सवार्ेपरि है। इसलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हमने एफपीओ वापस ले लिया है।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय का हमारी मौजूदा भविष्य की योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बाजार में स्थिरता आने के बाद हम अपनी पूंजी और बाजार रणनीति की समीक्षा करेंगे।
विपक्ष ने की जांच की मांग
गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर हंगामा हो गया। इस वजह से संसद दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा। संसद के दोनों सदनों में संसद ने इस मामले में अडानी ग्रुप की कंपनियों की जांच की मांग की है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक्स में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड का आरोप लगाया है। इस विषय को लेकर विपक्ष के नेताओं ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में रणनीति बनाई। सूत्रों के अनुसार विपक्ष अडानी मामले में जेपीसी जांच चाहता है। इन नेताओं में से कई इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग चाहते हंै।