Why do i have only 28 teeth :-जब हम जन्म लेतें हैं। तो हमारे मुँह (mouth) में दांत (teeth) नहीं होतें और धीरे धीरे उम्र के साथ ही दांत (teeth) आनें लगते हैं। पहले काटने कें दांत हमारे मुँह में आतें है। उसके बाद में बाकि दांत होतें हैं।आज का हमारा विषय ही दांत है। (Why do i have only 28 teeth) क्यों 20 वीं और 21 वीं पीढ़ी के युवाओं में 32 की जगह 28 दांत ही पाए जातें हैं। इस विषय पर बी एच यू (BHU) के प्रोफेसर ने काफी समय से रिसर्च (research) जारी रखी हैं।
ऊपर पढ़कर तो आप समझ ही गए होंगे की ऐसा खान पान के बदलाव के कारण हो रहा है। परन्तु आज के इस आर्टिकल (article) में हम आपको बतायेंगें, की खान पान में कैसें बदलावों के कारण ऐसा होता है। क्या है इसके उपाय, क्या करने से हमारे दांतो(teeth) की समस्या दूर होगी।
यूँ तो मुँह में 32 दांत होतें हैं और इसी पर आपनें काफी मुहावरे/कहावते भी सुनी होंगी जैसें बत्तीसी तोड़ दूंगा, बत्तीसी दिखाना, आदि लेकिन जिन पर यें कहावते बनी हैं। यानि कि युवावर्ग उनके ही 32 की जगह 28 दांत ही आ रहें हैं।(Why do i have only 28 teeth)
कहनें कों तो 18 सें 25 साल की उम्र (age) में लोगों के पीछे के दांत यानि अकल दांत निकल जातें हैं। परन्तु चिंता इस बात की हैं कि 20 से 25 प्रतिशत युवाओं के 28 ही दांत आते हैं। ऐसा किस कारण से होता है? इसी विषय पर बीएचयू (BHU) के प्रोफेसर “टीपी चतुर्वेदी” ने रिसर्च की है, उनकी रिसर्च में पता चला है कि आजकल युवाओं के दांत टेढ़े-मेढे होने की समस्या ज्यादातर पायी जाती हैं। हालांकिं इस समस्या को उपचार करके ठीक किया जा सकता हैं।
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दांत पर रिसर्च (Why do i have only 28 teeth)
काशी विश्व हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) के प्रोफेसर टीपी चतुर्वेदी के अध्ययन में पता चला है, कि मसूड़ों(gums) में सूजन, दांतों में दर्द, सड़न, टेढ़े-मेढ़े दांत की समस्या के मरीज ज्यादातर ओपीडी (OPD) जाते हैं। इसमें कई ऐसे मरीज जो 28 दांत वाले युवा होते हैं,(i only have 28 teeth) वे भी शामिल होते हैं। इसलिए उन्होंनें इस पर अध्ययन किया और जाँचा कि आजकल के दाँतों के मरीजों में मसूड़ों (GUMS) की भी समस्या पायी जाती हैं।
उन्होंने बताया की इस समस्या (problem) में जबड़ों का साइज (size)भी नहीं बढ़ पता हैं। पहले के लोग भूना चना, मक्का, गन्ना आदि कहते थें। जिससें उनकी चबाने की क्षमता बढ़ी रहती थी और अब के लोग फ़ास्ट फ़ूड(fast food) खानें सें अपनी चबानें की क्षमता को छोड़ते जा रहें हैं। जिससें उनके मसूड़ों का साइज भी नहीं बढ़ पर रहा हैं।
जो लोग इस तरह के खाने का पालन कर रहें हैं। ऐसें लोगों का जबड़ा बढ़ जाता है पर जों लोग ऐसा खाना नहीं कहते उनकें मसूड़ें बढ़ नही पातें हैं। बीएचयू (BHU) कें प्रोफेसर टीपी चतुर्वेदी ने अपने ओपीडी में इस पर अध्ययन किया और बताया की वें अपने ओपीडी (OPD) में आनें वालें मरीजों को जाँचते थें। उनमें 150 में से 20 मरीज ऐसें होतें थें। जिनकों इस तरह की समस्या होती थी।
उन्होंनें यह भी बताया कि यह समस्या 15 से 20 मरीजों में होती थी। उनमें 28 दांत ही पाए जा रहे थें।( i only have 28 teeth) और उनकी अकल दांत (Wisdom teeth) नहीं आती हैं। ऐसे मरीज की संख्या 150 में से 20 हो गयी हैं। जिनकी उम्र 18 से 25 साल हैं
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अकल दांत लाने का उपाय (teeth problem and solution)
इसका एक ही उपाय हैं। कि खाने को चबाकर खाए जिससें मसूड़ें भी बढ़ेंगें। और दांत टेढ़े-मेढ़े नहीं होंगे, अकल दांत यानि विस्डम टूथ (wisdom teeth) भी आने लगेंगें।