योगी के केंद्र में जाने पर ही बन सकती है सपा की सरकार!

0
48
Spread the love

चरण सिंह
अभी दस सीटों पर होने वाला उप चुनाव हुआ नहीं कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने २०२७ के विधानसभा चुनाव को लेकर भविष्यवाणी कर दी। राकेश टिकैत का कहना है कि आने वाले समय में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन मिलकर सरकार बनाएगा। राकेश टिकैत दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के हटने की बात भी कर रहे हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या योगी आदित्यनाथ के होते हुए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बन सकती है ? इस प्रश्न पर काफी लोग कहते सुने जाएंगे कि जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ३७ सीटें ले आई तब भी तो योगी आदित्यनाथ यूपी में ही थे।
दरअसल लोकसभा चुनाव में योगी को दरकिनार कर उत्तर प्रदेश के चुनाव की बागडोर गृहमंत्री अमित शाह ने अपने हाथों में ले ली थी। गुजरात के राजकोट से प्रत्याशी पुरुषोत्तम रुपाला ने जब राजपूत शासकों पर अमर्यादित टिप्पणी कर दी तो राजपूत समाज नाराज हो गया। राजपूतों ने आंदोलन करते हुए रूपाला का टिकट काटने की मांग की तो उनकी मांग को अनदेखा किया गया। उल्टे अमित शाह ने राजपूतों की नाराजगी का चुनाव पर कोई असर न पड़ने की बात कर दी। मतलब बीजेपी के परंपरागत वोटबैंक को बीजेपी ने अपमानित कराया। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजपूत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराज हो गये और वे बीजेपी को हराने के लिए सड़कों पर उतर गये। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और कैराना सीट तो राजपूतों की नाराजगी के चलते ही हारी है। राजपूतों की नाराजगी का असर गुजरात और राजस्थान पर पड़ा। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में लगभग ३५ सीटों पर योगी आदित्यनाथ की सहमति नहीं थी। ऐसे में कहा जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ के हाथ में उत्तर प्रदेश का चुनाव नहीं था।
वैसे भी राकेश टिकैत ने जिस तरह से एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए यह सब बात कही उस चैनल पर योगी के मजबूत होने की बात उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में भी आरएसएस ही मजबूत हैं। राकेश टिकैत का कहना था कि बीजेपी में हर निर्णय नागपुर से लिया जाता है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि योगी आदित्यनाथ आज भी यूपी की जनता के चेहते हैं तो फिर उन्हें यूपी से कौन बेदखल कर सकता है। अखिलेश यादव तो अब केंद्र की राजनीति कर रही है। योगी के लिए कहीं राकेश टिकैत का इशारा केंद्र की ओर तो नहीं है। गृह मंत्री या प्रधानमंत्री पद की लालसा की ओर तो उनका इशारा नहीं है। वैसे भी राकेश टिकैत पहले ही कह चुके हैं कि आने वाले समय में योगी आदित्यनाथ गृह मंत्री और अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के  मुख्यमंत्री बनेंगे। कहीं ऐसा तो नहीं है कि आरएसएस योगी आदित्यनाथ के लिए मोदी की कुर्सी खाली करवाने जा रहा है।
जानकारी यह भी मिल रही है कि आरएसएस की एक गुप्त मीटिंग हुई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कह दिया गया है कि अगले साल आपको भी मार्गदर्शक मंडल में जाना है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि मोदी के बाद बीजेपी से प्रधानमंत्री कौन होगा ? ऐसे में यह कहा जा सकता है बीजेपी में योगी आदित्यनाथ के चेहरे को उभारा जा रहा है। जैसे 2013 में लाल कृष्ण आडवाणी के सामने नरेंद्र मोदी का चेहरा उभारा गया गया था। ठीक उसी तरह से ही पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सामने योगी आदित्यनाथ का चेहरा तैयार किया जा रहा है। उस समय तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह से प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम को आगे बढ़ाया गया था तो इस बार पहले आरएसएस अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए और उसके बाद अध्यक्ष से योगी आदित्यनाथ का नाम आगे बढवाए ? यह भी हो सकता है कि नितिन गडकरी को प्रधानमंत्री बनवाकर योगी आदित्यनाथ को गृहमंत्री बनवा दिया जाए। क्योंकि योगी के नाम पर कट्टरता के चलते सहयोगी दल बिदक सकते हैं।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि योगी आदित्यनाथ केंद्र में चले जाते हैं तो फिर उत्तर प्रदेश क्या होगा ? क्या उत्तर प्रदेश में बिना योगी आदित्यनाथ के बीजेपी 2027 में अपनी सरकार बना लेगी ? ऐसे में हर कोई आदमी यही कहेगा कि योगी के उत्तर प्रदेश छोड़ देने के बाद उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनने की पूरी संभावना है। इन परिस्थितियों में 2027 में अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने जिस तरह से योगी आदित्यनाथ के कामों में कमी निकाली गई है यह घोर अनुशासनहीनता के दायरे में आता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here