राजनीतिक गलियारों में 2023 आते ही, 2024 की तैयारियां ज़ोर शोर से शुरु हो चुकी है । राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है, अब चाहे वो Bharat Jodo Yatra हो या नीतीश की समाधान यात्रा । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज यानी 5 जनवरी को बेतिया से समाधान यात्रा निकाली । वहीं 5 जनवरी को ही, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बांका जिले के मंदार से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत करंगे ।
समाधान यात्रा के ज़रिए, नीतिश जनता के बीच जाके सरकारी कामकाज को फीडबैक लेंगे । एसे समय पर जब, नीतीश को हर तरफ से विपक्ष घेर रहा है, तब बिहार के सीएम के लिए समाधान यात्रा बहुत ज़रुरी हो जाती है । यात्रा के ज़रिए, नीतीश सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारा में भी जनता को बताएंगे ।
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, नीतीश समाधान यात्रा के ज़रिए अपने ऊपर लगे आरोपों से खुद को मुक्त कराना चाहते हैं । यात्रा के सहारे नीतीश अपनी छवि सुधारने का प्रयास करेंगे, जो पिछले 5 महीनों के अंदर विपक्ष ने खराब की है ।
समाधान यात्रा आज यानी 5 जनवरी से 7 फरवरी तक चलेगी । इसका पहला चरण 29 जनवरी तक चलेगा, जिसमें 18 जिले कवर किए जाएंगे । यात्रा के बीच सीएम नीतीश कुमार की कोई जनसभा और रैली नहीं होगी, जैसा कि नीतीश की पहले की यात्राओं में हुआ है. यात्रा के दौरान नीतीश केवल जिले के अधिकारियों के साथ आंतरिक बैठक करेंगे और विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे । अलग-अलग जिलों में नीतीश की सभा, बैठक और रहने की व्यवस्था की गई है।
बीते 17 सालों में, ये, नीतीश की 14वीं यात्रा होगी, इसके पहले साल 2005 से लेकर अब तक बिहार के मुख्यमंत्री 13 यात्राएं कर चुके हैं। इनमें 9 यात्राएं सरकारी, जबकि 5 राजनीतिक रही हैं। आइए, अब जानते हैं कि नीतीश यात्राओं का लेखा झोका ।
12 जुलाई, 2005 से न्याय यात्रा (राजनीतिक) : बात 2005 की जब किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था तब नीतीश कुमार ने न्याय यात्रा निकाली थी। इस यात्रा के ज़रिए उन्होंने लोगों के बीच जाकर अपने लिए न्याय की गुहार लगाई। परिणामस्वरूप 2005 का नवंबर वाला चुनाव भाजपा के साथ मिलकर जीता और मिलकर सरकार बनाई थी।
9 जनवरी, 2009 से विकास यात्रा (सरकारी) :बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक सरकारी यात्रा की और लोगों के बीच जाकर बताया कि किस-किस क्षेत्र में विकास किया है।
17 जून, 2009 से धन्यवाद यात्रा (राजनीतिक) : ये वो वक्त था जब नीतीश कुमार, JDU और BJP के अकेले स्टार प्रचारक थे। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में JDU और BJP को भारी सफलता मिली थी। जिसके बाद उन्होंने लोगों का धन्यवाद करने के लिए धन्यवाद यात्रा निकाली थी ।
25 दिसंबर, 2009 से प्रवास यात्रा (सरकारी) : प्रवास यात्रा के माध्यम से, बतौर बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलों में प्रवास कर वहां की समस्याओं को जानने की कोशिश की थी। उन्होंनेअधिकारियों की मौजूदगी में सभी विकास योजनाओं की समीक्षा की थी।
28 अप्रैल, 2010 से विश्वास यात्रा (सरकारी) : 2010 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, जनता का सरकार पर विश्वास बढ़ाने के लिए नीतीश कुमार ने विश्वास यात्रा निकाली । इस यात्रा का उद्देश्य लोगों के बीच में अपनी सरकार के प्रति विश्वास दिलाना था ।
9 नवंबर, 2011 से सेवा यात्रा (सरकारी) : 2010 की सेवा यात्रा के माध्यम से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश ने लोगों का धन्यवाद किया था। इस यात्रा के ज़रिए उन्होंने संदेश दिया कि बिहार के लोगों ने उन्हें सेवा करने का मौका दिया है, सेवा करेंगे।
19 सितंबर, 2012 से अधिकार यात्रा (राजनीतिक) : 2012 में CM नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए अधिकार यात्रा शुरु की थी। इसमें पटना में मुख्य रैली हुई थी, वहीं इसके बाद जिलों में भी रैली की गई थी। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर बड़ा आंदोलन भी किया गया था।
5 मार्च, 2014 से संकल्प यात्रा (राजनीतिक) : लोकसभा चुनाव से पहले, देश में नरेंद्र मोदी की लहर के बीच, लोगों का मन टटोलने के लिए नीतीश कुमार ने संकलप यात्रा निकाली थी। जिसका नतीजा रहा कि, नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
13 नवंबर, 2014 से संपर्क यात्रा (राजनीतिक) : लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद जनता से संपर्क करने के लिए नीतीश कुमार ने संपर्क यात्रा निकाली थी। इस यात्रा का उद्देश्य था नीतीश के प्रति लोगों की सोच जानना।
9 नवंबर, 2016 से निश्चय यात्रा (सरकारी) : इस यात्रा के दौरान नीतीश ने अपनी सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं खासकर सात निश्चय से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की थी।
7 दिसंबर, 2017 से समीक्षा यात्रा (सरकारी) : अपनी सरकार में विकास कार्यों की समीक्षा के लिए नीतीश कुमार ने यह यात्रा की थी। इस यात्रा के माध्यम से उन्होंने जिलों में जाकर वहां के विकास कार्यों का जमीनी जायजा लिया था।
3 दिसंबर 2019 से जल जीवन हरियाली यात्रा (सरकारी) : इसका यात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था। लेकिन इसके सहारे 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी नीतीश ने जनता का मूड भांपने की कोशिश की थी।
22 दिसंबर 2021 से समाज सुधार अभियान (सरकारी) : नीतीश कुमार ने शराबबंदी, बाल विवाह, दहेज प्रथा सहित समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ यह यात्रा की थी। हालांकि तब कोरोना के मद्देनजर इस यात्रा को लेकर कई गाइडलाइन तैयार किए गए थे, जिसके चलते 4-5 जिलों के बाद एक मुख्य जगह पर बिहार के CM की जनसभा होती थी । यात्रा के माध्यम से CM लोगों से फीडबैक लिया करते थे। गौरतलब है कि यह यात्रा कई चरणों में हुई थी। यूं तो समाज सुधार यात्रा 22 दिसंबर से 15 जनवरी तक होनी थी, लेकिन इस यात्रा को बीच में कोरोना की वजह से रोकना भी पड़ा था। हालांकि, बाद में यात्रा के पुन नए डोट्स जारी किए गए, जिसके के अनुसार 22 फरवरी को प्रदेश के भागलपुर, 23 फरवरी को जमुई और 26 फरवरी को बेगूसराय में CM नीतीश समाज सुधार अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। इस यात्रा के दौरान, जिले में केवल जनसभा का आयोजन किया गया था ।