पिछले 25 साल से भारत में रह रही फ्रेंच जर्नलिस्ट को आखिरकार देश छोड़ के जाना पड़ा। भारत में कथित रूप से कर रही रिपोर्टिंग के कारण सरकार ने उन्हें
वैनेसा का ओआईसी दर्जा रद्द करने की बात कही थी। भारत सरकार ने इस संबंध में वैनेसा का नोटिस जारी किया था। फ्रांस ने पिछले महीने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की भारत यात्रा के दौरान सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाया था। आज से 25 साल पहले भारत आई पत्रकार ने एक बयान में यह कहकर स्पष्ट कर दिया कि उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है। और यहीं कारण है कि उन्हें भारत के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव डालने का अनुचित आरोप लगाया गया था। फ्रेंच जर्नलिस्ट वैनेसा ने कहा कि वह काम करने में असमर्थ थी। और काफी दबाब भी बनाया गया था। भारत में आने के बाद उन्होंने एक भारतीय नागरिक से शादी रचाई और फिर वो भारत में रहने लगी। पर जैसे – जैसे समय निकलता गया वैसे उनको ऐसा बोला जाने लगा कि सितंबर 2022 में, भारत सरकार ने डौग्नैक का पत्रकारिता परमिट रद्द कर दिया था। 18 जनवरी, 2024 को, गृह मंत्रालय ने डौग्नैक को एक नोटिस जारी किया था। जिसके बाद उन्हें नोटिस भेज दिया गया था। जिस में उन पर आरोप लगाया था कि वह बिना परमिट के देश में पत्रकारीय गतिविधियां कर रही है। साथ ही उनके काम को भारत के प्रति ‘दुर्भावना से भरा और ‘पक्षपातपूर्ण नकारात्मक धारणा’ से काम कर रही थी। जिस पर डौगनैक ने इन सभी आरोपो का खंडन किया था। सरकार की तरफ से डौगनेक को जवाब देने के लिए 2 फरवरी तक का समय दिया गया था। उनके पास भारत में भारतीय नागरिक के जीवनसाथी के रूप में, डौग्नैक के पास स्थायी निवास का दर्जा भी था। पर ऐसी क्या मुख्य वजह रही जिसके कारण उनका परमिट को रद्द कर दिया था।