Contemplation Camp : पीएम मोदी बोले-एक फेक न्यूज से देश को बड़ा नुकसान, निकालनी होगी नक्सलवाद की काट

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पीएम मोदी ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर भारत जितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से भारत की चुनौतियां भी बढ़ने वाली हैं। विश्व की बहुत सारी ताकतें होंगी जो नहीं चाहेंगी कि उनक देश के संदर्भ में भारत सामर्थ्यवान बने। पीएम मोदी ने हरियाणा के फरीदाबाद जिले में हो रहे सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के चिंतन शिविर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया। फरीदाबाद के सूरजकुंड में दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुक्रवार को अंतिम दिन है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हर राज्य को एक दूसरे से सीखना चाहिए। बेहतर तालमेल के लिए यह बहुत जरूरी है। संविधान की मूल भावना भी यही है।
प्रधानमंत्री ने चिंतन शिविर को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक का भी सामर्थ्य बढ़ेगा। यही सुशासन है। इसमें राज्यों की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि संविधान में भले ही कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है लेकिन यह देश की एकता-अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं। हर एक राज्य एक दूसरे से सीखें, एक दूसरे से प्रेरणा लें।

आने वाले 25 वर्ष अमृत पीढ़ी के निर्माण के

पीएम मोदी ने कहा-आजादी का अमृतकाल हमारे सामने है। आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी पंच प्राणों के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी। ये पांच प्रण हैं विकसित भारत का निर्माण, गुलामी की हर सोच से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता और एकजुटता और नागरिक कर्तव्य। इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी भली भांति जानते हैं, समझते हैं। ये एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है।
एजेंसियां दें एक दूसरे का पूरा सहयोग

शिविर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है। दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है। इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो। सभी एजेेंसियों को एक दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी देश की बेहतरी के लिए काम करें। ये संविधान की भी भावना है और देशवासियों के प्रति हमारा दायित्व है। इस दौरान पीएम मोदी बोले कि देश के विरोध में जो ताकतें खड़ी हो रही हैं जिस प्रकार हर चीज का उपयोग किया जा रहा है। सामन्य नागरिक की सुरक्षा के लिए ऐसी किसी भी नाकारात्मक शक्तियों के खिलाफ कठोर कठोर बर्ताव ही हमारी जिम्मेदारी है।

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