मोहन यादव को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाकर पीएम मोदी ने लालू और अखिलेश को दिया बड़ा संदेश

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क्या क्षेत्रीय दलों को समेटने में लग चुके हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ? क्या मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में लालू प्रसाद यादव को बड़ा संदेश दिया गया है ? क्या राजस्थान में भी प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह चौंकाने वाले हैं ? क्या बीजेपी ने मध्य प्रदेश में युवा चेहरे को लेकर युवाओं को आगे बढ़ाने का संदेश दिया है ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्रीय दलों को समेटने में लग गये हैं। उनके टारगेट पर विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राजद है। मध्य प्रदेश में जिस तरह से मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है उससे उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में लालू प्रसाद  यादव को बड़ा संदेश दिया गया है।
भूपेंद्र यादव के बाद मोहन यादव को भारतीय जनता पार्टी ने विशेष सम्मान दिया। दरअसल जिस तरह से बिहार से जातीय जनगणना की बात उठी और उसके बाद अखिलेश यादव ने विशेष रूप से इस मुद्दे को उठाया। भले ही प्रधानमंत्री ने गरीब को सबसे बड़ी जाति बताया हो पर वह जातीय जनगणना के बाद वह सचेत हो गये हैं। जिस तरह से उन्होंने यादव वोटबैंक के लिए बड़ा संदेश दिया है उसी तरह से वह पिछड़े वर्ग में आने वाली दूसरी जातियों के लिए भी संदेश दे सकते हैं।

छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बाद अब अगला नंबर राजस्थान का है। राजस्थान में वसुंधरा राजे लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं। वसुंधरा राजे मतगणना से पहले ही राज्यपाल कलराज मिश्र मिली। चुनाव परिणाम आने के बाद पहले 25 विधायक तो बाद में 60 विधायकों के वसुंधरा राजे के संपर्क में रहने की बात कही गई। वसुंधरा राजे के कांग्रेस के भी संपर्क में आने की खबरें मार्केट में आ रही हैं। वसुंधरा राजे को मनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजस्थान पहुंचे हैं।
छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय तो मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने 2024 का एजेंडा कर दिया है। मध्य प्रदेश में यादव को मुख्यमंत्री बनाने पर बिहार-यूपी के यादव नेताओं में खलबली मच चुकी है।
मोहन यादव के नाम की घोषणा होते हैं शिवराज सिंह चौहान ने गुलदस्ता देकर उन्हें शुभकामनाएं दी। दरअसल मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद को लेकर काफी सस्पेंस था, मगर अब एमपी के नए सीएम मोहन यादव होंगे। इससे पहले बीजेपी का कोई भी मुख्यमंत्री यादव नहीं था। माना जा रहा है कि इसका बिहार-यूपी में इसका बड़ा इम्पेक्ट होगा।

लालू-अखिलेश को बड़ा संदेश

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को बनाकर भोपाल से लालू यादव और अखिलेश यादव को बड़ा संदेश दिया है। जगजाहिर है कि बिहार और उत्तर प्रदेश में यादव वोटरों की सबसे बड़े दावेदार यही दो नेता हैं। बिहार-यूपी में लोकसभा की 120 सीटें हैं। केंद्र की सरकार के लिहाज से मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाना काफी मायने रखता है।

दरअसल उत्तर प्रदेश और बिहार में ज्यादातर यादव वोट लालू यादव और अखिलेश यादव की पार्टियों को मिलते हैं। यादव वोटरों पर इनका एकछत्र राज माना जाता है। इन्हीं यादव वोटरों की बदौलत दोनों ही राज्यों में दोनों नेताओं की सियासत चलती है। बिहार में हुए हालिया कास्ट सर्वे में सबसे ज्यादा आबादी वाली जाति यादव ही है। लिहाजा, वोटों के लिहाज से इनका महत्व बढ़ जाता है।

नए नवेले सीएम मोहन यादव ने अपनी राजनीति की शुरुआत कॉलेज से की थी। बताया जा रहा है कि मोहन यादव संघ के बेहद करीबी हैं। उज्जैन के दक्षिण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं। यादव जाति से आते हैं तो इसका इम्पैक्ट बिहार-यूपी में पड़ने की उम्मीद बीजेपी को है। माना जा रहा है कि उनके नाम में ‘यादव’ सरनेम होने का फायदा ज्यादा मिला है। सीएम पद के वो कहीं से दावेदार नहीं दिख रहे थे। मोहन यादव के नाम की दूर-दूर तक चर्चा नहीं थी। बीजेपी ने उनके नाम की घोषणा कर सभी को चौंका दिया है।

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