पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में एनडीए सरकार की वापसी से बीजेपी उत्साहित है। आने वाले समय में बीजेपी अपनी पूरी ताकत दक्षिण भारत के राज्य कर्नाटक में झोंकने जा रही है। यहां मई में चुनाव होने जा रहे हैं। कर्नाटक उन छह बड़े राज्यों में शामिल हैं, जहां 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं।
कर्नाटक में देश की कुल जनसंख्या का 5.04 फीसदी हिस्सा रहता है और यहां के लोकसभा के 543 सदस्यों में से २८ (५.३५ फीसदी) चुनकर दिल्ली जाते हैं। इस हिसाब से कर्नाटक सर्वाधिक सांसदों वाले राज्यों की लिस्ट में सातवें नंबर पर आता है। कर्नाटक से पहले यूपी (८०), महाराष्ट्र (४८), बंगाल (४२), बिहार (४०), तमिलनाडु (३९) और मध्य प्रदेश (२९) का नंबर आता है।
साल १९५६ में कर्नाटक के गठन के बाद राज्य से राज्य में कुल १४ विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। राज्य के सियासी नक्शे पर १९८० के बाद से बीेजपी के पदचिह्न तेजी से बढ़ते देखे गये हैं। साल १९८० में बीजेपी के गठन के बाद राज्य में हुए पहले विधानसभा चुनाव में ही पार्टी ने अपना प्राभव दिखाया था। १९८० में बीजेपी ने ११० सीटों पर चुनाव लड़ा और उसे १८ सीटों पर जीत मिली। इसके बाद १९८५ में हुए चुनाव में बीजपेी ने ११६ सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन सिर्फ २ सीटों पी जीत नसीब हुई। इस चुनाव में रामकृष्ण हेगड़े के नेतृत्व में जनता पार्टी ने १३९ सीटें जीतकर सभी का सफाया कर दिया। १९८९ में भी बीजेपी दमदार प्रदर्शन कहीं कर सकी और उसे सिर्फ ४ सीटें ही नसीब हुईं लेकिन इसके बाद नब्बे के दशक के मध्य में बीजेपी का राम मंदिर मूवमेंट से जो बूस्ट मिला इसके बाद पार्टी का ग्राफ बढ़ता ही गया।
१९९४ में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ४० सीटें जीतीं। १९९९ में बीजपेी की सीटों ेमं इजाफा हुआ और वह ४४ के आंकड़े पर पहुंच गई। साल २००४ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ७९ सीटें मिलीं। साल २००७ में बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा पहली बार राज्य के सीएम बने। हालांकि उन्हें हफ्ते भर बाद ही जेडीएस के पीछे हटने की वजह से इस्तीफा देना पड़ा। साल २००८ में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को ११० सीटें मिलीं, येदियुरप्पा फिर से सीएम बने। इस दौरान वह मई २००८ से अगस्त २०११ तक सीएम रहे। इसके बाद सदानंद गौड़ा सीएम बने लेकिन वह एक साल भी सीएम न रह सके। उनका स्थान जगदीश शेट्टार ने लिया।
साल २०१३ के चुनाव में बीजेपी को बड़ा झटका लगा। बीजेपी की सीटें गिरकर ४० रह गईं और कर्नाटक में कांग्रेस ने सरकार बना ली। २०१४ में मोदी युग के बाद २०१८ में पहली बार राज्य में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को १०४ सीटें मिलीं। लेकिन लंबे ड्रामे के बाद राज्य में कांग्रेस और जेडीएस ने सरकार बना ली। ये सरकार गिरने के बाद येदियुरप्पा सीएम बने लेकिन इस वक्त राज्य की कमान बसवराज बोम्मई के हाथों में है।
क्यों कांग्रेस को नहीं किया जा सकता नजरंदाज
उत्तर भारत के कई राज्यों मे भले ही कांग्रेस हाशिये पर हो लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस को मिलने वावा वाट प्रतिशत कभी भी २६ फीसदी से नीचे नहीं गया है। २०१८ चुनाव में कांग्रेस को ३८.०९ फीसदी वोट मिले थे जो बीजेपी से २ फीसदी ज्यादा है। हालांकि बीजेपी को ज्यादा सीटें नसीब हुई थीं।