आरजेडी के साथ जदयू के विलय पर बोले नीतीश कुमार, 2015 में इसको लेकर गंभीर था लेकिन अब संभव नहीं
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के नेता नीतीश कुमार ने गुरुवार को जदयू विधायक दल की बैठक में अपनी पार्टी के सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के साथ विलय की अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं 2015 में विलय को लेकर गंभीर था लेकिन अब यह संभव नहीं है। हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के संस्थापकों में से एक ने घोषणा की कि वह किसी पद के दावेदार नहीं हैं और तेजस्वी को पदोन्नत किया जाना चाहिए। उनकी टिप्पणी से विलय को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं।
हालांकि अब सीएम नीतीश ने कहा है कि जदयू राजद का कोई विलय नहीं होगा। जदयू खुद बड़ी पार्टी है और इसकी अलग पहचान है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई विचार या प्रस्ताव नहीं है। साथ ही उन्होंने आश्चर्य जताया कि यह बात कहां से आई। नीतीश कुमार ने कहा हम लोगों ने प्रयास किया था लेकिन वह सफल नहीं रहा, अब ऐसी कोई बात नहीं है। नीतीश कुमार ने पार्टी विधायकों, पार्षदों से कहा कि वह संगठन को मजबूत करने में अपनी ताकत झोंकें। उन्होंने कहा कि हम पार्टी और सरकार द्वारा किये गये कामों का अमजनों के बीच प्रचार करेंगे। मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि वह जल्द ही अपनी यात्रा प्रारंभ करेंगे। इस दौरान वह आम लोगों और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और विकास कार्यांे की समीक्षा करेंगे। इस दौरान वह आम लोगों और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और विकास कार्यांे की समीक्षा करेंगे। सीएम ने कहा कि विपक्ष को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। अगर विपक्ष एकुजट हुआ तो देश भाजपा मुक्त हो जाएगा।
इससे पहले जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी विलय की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विरोधी दलों का लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करना होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि अगर रा्य में अगले विधानसभा चुनाव से पहले राजद या किसी के साथ विलय होता है तो यह आत्मघाती होगा। हालांकि उन्होंने माना कि नीतीश कुमार ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद न सिर्फ राजद जदयू के विलय का प्रयास किया था, बल्कि उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी और कर्नाटक के जद एस के साथ भी विलय की कोशिश की थी लेकिन ऐसा हो न सका था।