Bihar Politics : नीतीश कुमार को लोगों की नहीं प्रधानमंत्री बनने की चिंता : सुरेन्द्र कुमार सिंह

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जहरीली शराब पीने से मर रहे लोगों के मामले में बीजेपी के निशाने पर हैं नीतीश कुमार 

भारतीय जनता पार्टी के नेता सुरेन्द्र कुमार सिंह ने बिहार में जहरीली शराब पीकर मर रहे लोगों के मामले में नीतीश सरकार पर जमकर प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि यह नीतीश सरकार की विफलता ही है कि एक लाख लोग शराब मामले में जेल भेजने के बावजूद नीतीश सरकार में कम से कम एक हजार लोग शराब पीकर मरे हैं।
उन्होंने कहा कि राजद के सामने नीतीश  कुमार के समर्पण करने के बाद में बिहार में फिर से जंगल राज लौट आया है। शराबबंदी होने के बावजूद बिहार में जमकर शराब पी जा रही है। सम्पन्न लोग पड़ोसी राज्यों से शराब मंगाकर पी रहे है तो गरीब लोगों का जहरीली शराब पिलाकर मारा जा रहा है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जो एक लाख लोग नीतीश सरकार ने जेल में बंद किये हैं तो फिर यह जहरीली शराब का धंधा कौन कर रहा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं भले ही उनके प्रदेश के लोग जहरीली शराब पीकर मरते रहेें। सुरेंद्र कुमार का कहना था कि प्रश्न यह नहीं है कि जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं। सवाल यह है कि आखिर यह जहरीला शराब आ कहां से रही है। दरअसल बिहार में जहरीली शराब पीने से मरे लोगों के मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं।
विधानसभा में विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार को घेरा : जहरीली शराब से हुई मौतों पर बिहार विधानसभा में बीजेपी समेत विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंमागे के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने 12  बजे विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी।
बता दें कि मरने वालों का आंकड़ा 57  हो गया है। मरने वालों में 17 लोग मशरख से हैं। वहीं मरने वालों में तीन लोग शामिल हैं, जो खुद ही शराब बेच रहे थे, जबकि पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मशरख के थानेदार और चौकीदार को सस्पेंड कर दिया है। वहीं डीएम ने मढ़ौरा के एसडीपीओ को ट्रांसफर करने और विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा भी कर दी है।
दरअसल शराब कांड के बाद नेताओं की बयानबाजी भी शुरू हो चुकी है। इसी बीच बिहार के उद्योग मंत्री समीर महासेठ ने दावा किया है कि जहरीली शराब को सहन करने के लिए शरीर की इम्यूनिटी बढ़ानी होगी।
बिहार में जहरीली शराब से होने वाली मौतों का आंकड़ा 57  पहुंच गया है। छपरा में 53 लोगों की मृत्यु हुई थी, जबकि सीवान में भी 4 लोगों की मौत हो गई है। वहीं शराब बनाने में प्रयोग होने वाली स्प्रिट की सप्लाई थाने से होने का आरोप लग रहा है। एक अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार मशरक थाने में जब्त कर रखी गई स्प्रिट  गायब है। दरअसल स्पिरिट  कंटेनर में रखी हुई थी और कंटेनर थाने से गायब है। इसके सबूत के तौर पर ग्रामीणों की ओर से एक वीडियो बनाकर उत्पाद विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक को भेजा गया है।

मशरख थाने से स्प्रिट के कंटेनर गायब

दरअसल मशरख थाने में पुलिस द्वारा जब्त की गई स्प्रिट के कंटेनर रखे हुए थे लेकिन अब कई कंटेनर गायब हैं। कुछ दिन पहले मशरख पुलिस ने बड़ी संख्या में स्प्रिट  के कंटेनर जब्त किये थे और थाना परिसर में रखा गया था लेकिन अब ये कंटेनर गायब है। बता दें कि ज्वाइंट कमिश्नर कृष्णा पासवान और डिप्टी सेक्रेटरी निरंजन कुमार ने थाने पहुंचकर परिसर की जांच की। यहां उन्होंने ड्रम में मौजूद स्प्रिट  का सैंपल जांच के लिए पटना भेज दिया है। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चौकीदार और पुलिस की मदद से थाने से स्प्रिट  की सप्लाई की गई।

जो पिएगा वो मरेगा : नीतीश कुमार  

उधर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गुरुवार को जहरीली शराब से होने वाली मौतों को लेकर एक बयान दे दिया, जिस पर विपक्षी उन्हें घेर रहे हैं। शराब कांड से होने वाली मौतों पर सीएम नीतीश कुमार मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो पियेगा वो मरेगा ही।

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