क्या बिहार में मुस्लिम वोटबैंक को खुश करने के लिए नीतीश कुमार हिन्दू वोटबैंक को नाराज करने की ठान ली है। क्या नीतीश कुमार मुस्लिमों के बलबूते लोकसभा चुनाव जीत सकते हैं ? क्या मुस्लिमों को खुश करने के लिए नीतीश कुमार पर लालू प्रसाद का बड़ा दबाव है ? जिस तरह से नीतीश कुमार मुस्लिमों को रिझाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं उससे तो यही लग रहा है। ईद की तीन छुट्टी देने के बाद अब रविवार की तरह शुक्रवार की भी छुट्टी रहेगी।
इस मुद्दे को बीजेपी ने लपक लिया है। मुस्लिमों के त्यौहारों पर छुट्टी देने और हिन्दू त्योहारों पर न देने पर बीजेपी ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार पर बिहार को इस्लामिक स्टेट बनाने का आरोप लगाया है।
देखने की बात यह है कि मुस्लिम त्योहारों पर छुट्टियां बढ़ाने से कोई आपत्ति नहीं होती, अगर सरकार की ओर से हिंदू त्योहारों की छुट्टियों में कटौती न की गई होती। शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में अब राखी, तीज, रामनवमी, महाशिवरात्रि, जीतिया और जन्माष्टमी की छुट्टी खत्म कर दी गई है। होली पर 2 दिन तो दिवाली पर सिर्फ एक दिन की छुट्टी दी गई है। हालांकि, दूर्गा पूजा और छठ पूजा पर तीन-तीन दिन की छुट्टी दी गई है। उधर गर्मी की छुट्टियों को 20 दिन से बढ़ाकर 30 दिन कर दिया गया है।
इससे पहले भी नीतीश सरकार के कई फैसले सिर्फ मुस्लिम आबादी को ध्यान में रखकर लिए जा चुके हैं। नीतीश सरकार ने इससे पहले मुस्लिम समाज की तलाकशुदा औरतों को 25 हजार रुपये देने की योजना निकाली थी। इस योजना का लाभ 18 से 50 साल तक की महिलाओं को मिलता है। इस योजना में मुस्लिम समाज की वो महिलाएं, जिनकों उनके पति ने छोड़ दिया हो, उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए 25 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। हिंदू धर्म की महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता है।